प्रयागराज ब्यूरो । करेली के जीटीबी नगर करामत चौकी निवासी दरख्शा परवीन का एटीएम क्लोन
बनाकर शातिरों ने 37500 रुपये उड़ा दिये। दरख्शा परवीन ने पुलिस को बताया कि पीडिता के पति की मौत के बाद वह अपने मायके सोनभद्र चली गयी थी। उसने बैंक में खाता बंद करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। बावजूद खाता बंद नहीं किया गया। इस दौरान किसी शातिर ने
मृतक पति के खाते से कई बार में 37500 रुपये निकाल लिए।
करेली के बक्शी मोढा निवासी जय निषाद को शातिरों ने झांसा देकर खाते से 15602 रुपये की ठगी कर ली। पीडि़त ने पुलिस को बताया कि उसके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से फोन आया पेंसिल पैकिंग के लिए कहा। इस एवज में प्रतिमाह 30 हजार रुपये दिये जाएंगे।
सामग्री डिलेवरी की जा रही है। पीडित को झांसा देकर शातिर ने कई बार में 15602 रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
कोतवाली के निरजंन चौराहा मोहत्सिमगंज निवासी अंजली को लकी ड्रा का लालच देकर खाते से 65050 रुपये की चपत लगा दी। अंजली ने पुलिस को बताया कि उसके मोबाइल पर एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया उसने अपने को मीसो कंपनी का कर्मचारी बताया। कहा कि
आपका आपका लकी ड्रा में कार निकला है। रजिस्ट्रेशन का झांसा देकर पीडिता ने शातिर ने 68050 रुपये आनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। काल करने पर उधर से बताया कि उसका नाम दया शंकर है। अब रुपये वापस नहीं हो रहे है।
खुल्दाबाद के रेलवे स्टेशन निवासी आरपीएफ में तैनात सिपाही मानसिंह के क्रेडिट कार्ड से 149646 रुपये निकल गये। मानसिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उनके क्रेडिट कार्ड से 1.47 लाख रुपये निकल गये। जबकि उन्होंने कोई लेन-देन नहीं किया है। पुलिस साइबर अपराध का केस दर्ज कर जांच कर रही है।
नए साल पर रहें सावधान
नए साल पर लोगों को लुभाने के लिए ठग अपना शिकार बना सकते हैं। तरह-तरह के ऑफर व गिफ्ट का लालच देकर चपत लगा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि सावधान रहें। जनपद में हाल ही में नए साल के सेलिब्रेशन के लिए त्रिवेणी दर्शन में द गाला ग्रैंड नाइट पार्टी के नाम पर लोगों से ठगी का मामला आया था।
बरतें सावधानियां
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- गेम खेलो जीतों तक के लोग भी फंस रहे झांसे में
- किसी भी तरह के ऑफर और लालच में न आएं
- अनजान व्यक्ति से फोन पर बात कर उसके बहकावें में न आएं
- अच्छी तरह जांच करने के बाद ही किसी बैंक खाते में राशि डालें
- फेसबुक, टिवटर आइडी का पासवर्ड स्ट्रांग रखें, सरल पासवर्ड न रखें
- कोई पैसे की मांग करता है तो पहले जांच लें या मैसेज करने वाले से फोन पर संपर्क करें
- बैंक कर्मचारी कभी भी फोन पर डिटेल्स नहीं मांगते हैं
- अपने आधार कार्ड और पैनकार्ड की जानकारी किसी को न भेजे
- गेम खेलों और जीतों के चक्कर में न पड़े
- बैक में फीड मोबाइल नंबर को कोशिश करें किसी छोटे फोन में सीम लगा कर रखें
- किसी का पेमेंट भेजने पर कोई ओटीपी न बताएं क्योंकि पेमेंट रिसीव पर ओटीपी नहीं पूछा जाता है
26
दिसंबर को आबकारी इंस्पेक्टर सहित तीन का बनाया था शिकार
07
दिन में तीस से अधिक ठगी के केस आया सामने
02
से तीन केस हर दूसरे दिन आ रहा सामने
01
महीने के अंतराल नब्बे से अधिक केस आ रहे सामने
50
प्रतिशत भी केस का पुलिस नहीं कर पा रही अनावरण
ठग इतने शातिर होते हैं कि वे अपनी बातों में उलझाकर किसी को भी झांसे में ले लेते हैं और फिर उसका बैंक एकांउट खाली कर देते हैं। सामाजिक स्तर पर हर तरह से लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर साइबर थाना प्रभारी