प्रयागराज ब्यूरो ।ठगी करने की नीयत से साइबर फ्राड ने साइबर सेल के एक्सपर्ट को ही फोन लगा दिया। मोबाइल पर आई कॉल को देखते ही एक्सपर्ट शातिर के चाल को समझ गए। साइबर एक्सपर्ट के दिमाग में शातिर को ही फंसाने का प्लान घूमने लगा। इसी प्लान के तहत वह उस शातिर तक पहुंचने के लिए खेल खेलते रहे और वह उन्हें उलझाने की कोशिश में लगा। करीब आधे हुई बातचीत में वह साइबर एक्सपर्ट को उस प्लेटफार्म पर ले गया। जहां से शातिर लोगों को डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाते हैं। इस प्लेट फार्म पर पहुंचते ही साइबर एक्सपर्ट ने उसकी चाल को घुमाना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद शातिर साइबर फ्राड माजरा समझ गया। अब वह उन्हें डिजिटल अरेस्ट करने के बजाय खुद ही बचाने में जुट गया। क्योंकि एक्सपर्ट उसके ही सिस्टम को कैप्चर करके लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश में लग गए थे। जैसे ही वह खुद को फंसते हुए देखा फौरन सिस्टम ऑफ करके भाग खड़ा हुआ। हालांकि पूरी प्रक्रिया को साइबर सेल के एक्सपर्ट जय प्रकाशन ने रेकार्ड कर लिया। रेकार्ड किए गए तथ्यों के आधार पर वे लोगों को जागरूक करने के लिए वीडियो को वायरल कर दिए।

ऐसे फ्लाप हुआ शातिर का पुख्ता प्लान

साइबर एक्सपर्ट जय प्रकाश उर्फ जेपी पुलिस लाइंस साइबर सेल में तैनात हैं। बताते हैं कि शुक्रवार सुबह उनके पास एक कॉल आई। मोबाइल की स्क्रीन पर नंबर सिर्फ शून्य दिखा रहा था। वह शून्य नंबर देखते ही समझ गए कि कॉल साइबर फ्राड की है। वह बड़े ही सावधानी के साथ कॉल को रिसीव कर लिए। साइबर फ्राड उन्हें फंसाने के फिराक में था। मगर, साइबर एक्सपर्ट उस तक पहुंचने की ताक में थे। दोनों एक दूसरे के दिमाग से खेलना शुरू किए। पहले तो साइबर एक्सपर्ट एक आम आदमी की तरह उसकी सारी बात मानते गए। खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए शातिर ने कहा कि आप ने एक पार्सल भेजा है। जिसमें चार किलो वजन के कपड़े और पास पोर्ट और कुछ ऐसे सामान हैं जो बम बनाने के प्रयोग में आता हैं। फोन नहीं काटने की धमकी देते हुए वे हूल दिया कि तत्काल पार्सल कैंसिल कराओ नहीं तो तुम्हारे खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। कहा कि मुकदमें से बचना है तो पार्सल कैंसिल कराने के लिए उसके द्वारा भेजे जा रहे लिंक को ओपन करके अपना पता, आधार व मोबाइल नंबर एवं एड्रेस व बैंक अकाउंट तुरंत भेजे। बस यहीं से साइबर एक्सपर्ट ने पैंतरा बदल दिया। उसके जरिए भेजे गए लिंक से अपनी टेक्निक लगाते हुए वह उसके सिस्टम में जा पहुंचे और उसकी डिटेल को सर्च करना शुरू कर दिए। यह देखते ही साइबर शातिर के होश उड़ गए और वह अभद्रता पर उतारू हो गया। झल्लाकर वह कॉल पर ही ऊटपटांग बातें करने लगा। जब इधर से साइबर सेल के एक्सपर्ट ने उसी की भाषा में जवाब देना शुरू किया तब उसे समझ आया कि पंगा गलत जगह हो गया है। बगैर देर किए वह डायरेक्ट सिस्टम बंद करके डिसकनेक्ट हो गया। इस पूरी प्रक्रिया को रेकार्ड करने के बाद साइबर एक्सपर्ट ने एक वीडियो क्लिप बनाई और लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया पर डाल दी। जिसमें वह किस तरह से ऐसे शातिरों से खुद को लोग बचाएं पूरी प्रक्रिया को समझाते नजर आ रहे हैं।

बचना चाहते हैं तो अपनाए यह तरीका

सबसे पहले आप के पास कम्प्यूटर जनरेट कॉल आएगी। कॉलर बोलेगा कि वह क्राइम ब्रांच या पुलिस विभाग का अफसर या फिर कोरियर कंपनी अथवा मोबाइल कंपनी से बोल रहा है।

जिस नंबर से कॉल आएगी वह मोबाइल की स्क्रीन पर शून्य 0 या सिर्फ 9 दिखाई देगा और मोबाइल में यही नंबर की बटन दबाने को कहेगा।

शून्य या 9 नंबर की बटन दबाते ही स्कैमर द्वारा कस्टमर केयर बनकर बात करेगा, या फिर कहेगा कि आप की कॉल फला अधिकारी को ट्रांसफर की जा रही बात करें।

यदि आप यह नंबर पुश कर दिए हैं तो इसके आगे उसके कहने पर कुछ भी नहीं करें। अगर वह कोई लिंक फेज कर फार्म भरने के लिए कहे तो तत्काल कॉल काट दें।

क्योंकि जैसे ही आप उसके कथनानुसार बात शून्य या 9 नंबर बता कर बात करना शुरू करेंगे वे आपको अपराधी बताते हुए केस दर्ज कराने की धमकी देना शुरू कर देगा।

अथवा भेजे गए लिंक पर आप जैसे ही जानकारी शेयर करेंगे वह धमकी देकर आप को डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास करेगा। फिर आप से जबरिया वे रुपयों की वसूली करने का प्रयास करेंगे।