प्रयागराज (ब्यूरो)। बेहद चौकाने वाली खबर है। साइबर फ्रॉड की रकम पाकिस्तान भेजी जा रही है। पाकिस्तान के अलावा भी कई अन्य देशों में ये रकम भेजी जा रही है। प्रयागराज पुलिस साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। लेकिन साइबर क्रिमिनलों ने अपना मकड़ जाल फैला रखा है। मगर साइबर थाना अपनी कोशिशों में कामयाब है। साइबर थाना जल्द ही बड़े मामले का खुलासा कर सकता है।
दस परसेंट पर खुल रहे खाते
प्रयागराज में पिछले छह महीने के दौरान कई ऐसे मामले हुए जिसमें लोगों ने लाखों रुपये गंवाए। इन मामलों की जांच के दौरान पता चला कि साइबर क्रिमिनल ने उत्तर प्रदेश में साइबर फ्रॉड करने के लिए पश्चिम बंगाल के नार्थचौबीस परगना, साउथ चौबीस परगना, मुर्शिदाबाद, राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा और गुजरात के दो जिलों को अपना सेंटर बना रखा है। इन जिलों के गरीब तबके के लोगों की आईडी लेकर बैंक में कंपनी या फिर फर्म के नाम से एकाउंट खुलवाया जा रहा है। इन एकाउंट में साइबर फ्रॉड की रकम मंगवाई जाती है। इसके बाद इन एकाउंट्स से रकम को क्रिप्टो करेंंसी के जरिए पाकिस्तान, दुबई, चीन भेजा जा रहा है।
ऐसे हो रहा है साइबर फ्रॉड
यूं तो साइबर फ्रॉड के तरह तरह के मामले सामने आ रहे हैं। मगर विदेश से जुड़े साइबर फ्रॉड में लोगों को घर बैठे पैसे कमाने की लालच देकर फोटो, वीडियो लाइक करने के लिए कहा जा रहा है।
इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। जिसमें अननोन नंबर से आने वाले मैसेज में बताया जाता है कि फोटो या वीडियो लाइक करके घर बैठे पैसा कमाइए। थोड़ी सी लालच में पड़कर लोग लाखों रुपये गंवा दे रहे हैं।
पिछले दिनों फाफामऊ की रहने वाली विभा पांडेय को एक मैसेज मिला। जिसमें व्हाट्स अप पर आए लिंक में बताया गया कि फोटो और वीडियो लाइक करके घर बैठै पैसा कमाया जा सकता है।
विभा ने काम शुरू कर दिया। मैसेज भेजने वाले ने विभा को लिंक भेजना शुरू कर दिया।
विभा को बताया गया कि उन्हें काम के पैसे लेने के लिए पहले पचास हजार रुपये ट्रांसफर करने होंगे। इसके बाद यह रकम दो गुना करके वापस भेज दी जाएगी।
करते करते विभा ने करीब दस लाख रुपये अपने एकाउंट से दे दिए मगर उन्हें फूटी कौड़ी भी नहीं मिली। इसके बाद विभा ने साइबर थाने में शिकायत की।
साइबर थाने की टीम ने जांच शुरू की। पता चला कि विभा का पैसा नार्थ चौबीस परगना के एक एड्रेस वाले एकाउंट पर भेजा गया है।
साइबर थाने ने उस एकाउंट को फ्रीज कराया। इसके बाद विभाग के करीब चार लाख अस्सी हजार रुपये वापस कराए।
गिरफ्तारी हो चुका है विदेशी नागरिक
साइबर थाने की पुलिस नाइजीरिया के रहने वाले औंगस स्टेनली को गिरफ्तार कर चुकी है। औंगस स्टेनली ने अपना सेंटर दिल्ली बना रखा था। औंगस विदेशी महिलाओं से शादी कराने वाली एक मैट्रिमोनियल साइट चलाता था। इसके गैंग ने एक व्यक्ति से विदेशी लड़की से शादी कराने के नाम पर बीस लाख रुपये का साइबर फ्रॉड किया था। इसकी गिरफ्तारी जुलाई 2022 में की गई थी। साइबर थाने के प्रभारी निरीक्षक राजीव तिवारी, दारोगा राघवेंद्र पांडेय, सिपाही महेंद्र पाठक, अतुल त्रिवेदी, रणवीर सेंगर, अनुराग यादव ने इसकी गिरफ्तारी की थी।
साइबर फ्रॉड की जांच के दौरान कई ऐसे प्रकरण सामने आए, जिसमें पता चला कि फ्रॉड करके जमा की गई रकम क्रिप्टो करेंसी के जरिए पाकिस्तान, दुबई और चीन भेजा जा रहा है। मामले की रिपोर्ट शासन स्तर पर भेजी गई है।
राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर साइबर थाना
जाने क्या है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है, जिसमें ट्रांजैक्शन बैंक वेरीफाई नहीं करता है। यह पीर-टू-पीर सिस्टम है, जिसके जरिए यूजर्स किसी को भी कभी भी पेमेंट कर सकते हैं। इसके साथ ही यूजर्स को फिजिकल रूप में करेंसी अपने साथ रखने या फिर वास्तविक रूप में करेंसी की आदान-प्रदान करने की जरूरत नहीं होती है। इसके बजाय क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट के स्पेसिफिक ट्रांजैक्शन के जरिए होता है, जिसमें पेमेंट की एंट्री एक ऑनलाइन डेटाबेस में होती है। जब भी क्रिप्टोकरेंसी फंड का ट्रांसफर करता है, तो यह लेनदेन एक सार्वजनिक बहीखाता में दर्ज हो जाता है। क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल वॉलेट में स्टोर किया जाता है।
इन बातों का रखें ख्याल
सही वेबसाइट पर जाए जिसके लिए यूआरएल सही डालना चाहिए
किसी भी तरह के लालच और ऑफर में न आए
अनजान व्यक्ति से फोन पर बात न करें और उसके बहकावे में न आए
फेसबुक अकाउंट ट्विटर अकाउंट आईडी का पासवर्ड स्ट्रांग रखे
सोशल मीडिया पर आने वाले अंजान लिंक पर भूल कर भी क्लिक न करे मतलब ऐसे लिंक को ओपन न करें
दर्जनों केस सुलझा चुके अनुराग
साइबर थाने में तैनात अनुराग यादव अब तक दर्जनों ऐसे केस सुलझा चुके हैं, जिसमें बड़ी मशक्कत के बाद रकम वापस आ सकी। अनुराग का कहना है कि साइबर फ्रॉड के दौरान एकाउंट को फ्रीज कराने में बहुत तेजी चाहिए। थोड़ी सी लापरवाही की वजह से एकाउंट सीज नहीं हो पाता है। जिससे रकम वापस नहीं हो पाती है।
---