प्रयागराज ब्यूरो । हॉस्पिटल में बच्चा पैदा होने के बाद आप के पास साइबर फ्राड की कॉल आ सकती है। वह सरकारी पैसा दिलवाने के नाम पर आप को ठगी का शिकार बना सकता है। यह जानकार आप को चौंकने की जरूरत नहीं है। कुछ हैं, जिनके साथ शातिर घटना को अंजाम दे चुके हैं। उनके साथ हुए फ्राड की शिकायत साइबर सेल में है। एक्सपर्ट प्रकरण की जांच करने में जुटे हैं। इन मामलों को देखने के बाद साइबर सेल बच्चे को जन्म देने वाली मां व उसके पिता को जागरूक करने में जुटा है। शिकायतों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा ठगी उनके साथ हुई, जिनके बच्चे सरकारी हॉस्पिटलों में पैदा हुए हैं। क्योंकि बच्चे का जन्म होने के बाद सरकार स्कीम के तहत जच्चा व बच्चा की सेहत के लिए कुछ पैसे दिया करती है। बस यही स्कीम को ढाल बनाकर शातिर लोगों से ठगी का काम कर रहे हैं। अब तक शिकार हुए ऐसे लोग ग्रामीण क्षेत्रों के बताए जाते हैं।
केस-1
मऊआइमा इलाके के पंडिताना टोला निवासी सुरेश हरिजन की पत्नी की डिलेवरी पास के सीएचसी में हुई थी। उन्होंने तहरीर में बताया कि डिलेवरी के करीब चार दिन बाद उनके पास एक कॉल आई। वह रिसीव किए तो कॉल करने वाला बच्चे के जन्म की बधाई दिया। कहा कि आप की पत्नी को सरकारी पैसा मिलेगा। इसके लिए अपना आधार और अकाउंट नंबर वाट्सएप पर भेज दो। कहे अनुसार वह अकाउंट नंबर व आधार भेज दिया। इसके बाद खाते में मौजूद 36 हजार रुपये दो बार में शातिर गायब कर दिए।
केस-2
बलिया निवासी विद्याशंकर दुबे यहां किराए पर रहकर प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनकी पत्नी की डिलेवरी एक प्राइवेट हॉस्पिटल में हुई थी। बताते हैं कि डिलेवरी के कुछ दिन बाद उनके पास शाम के समय कॉल आई। कॉलर ने कहा कि आप का बच्चा प्राइवेट हॉस्पिटल में भले हुआ है। मगर दस हजार रुपये सरकार की योजना के तहत दिलवा सकते हैं। भेजे गए लिंक को ओपन कर फिल करने की सलाह दिया। उसमें अकाउंट से लेकर आधार एवं मोबाइल नंबर मांगे गए थे। फार्म भरते ही कॉल आई कि ओटीपी बताओ। जैसे वे ओटीपी बताए अकाउंट से 51 हजार रुपये गायब हो गए।
चार बातें आप को करेंगी प्रोटक्ट
साइबर एक्सपर्ट इसे देखते हुए लोगों को आगाह करने में जुट गए हैं। उनके जरिए ऐसे लोगों को सतर्क करते हुए बचने के उपाय बताए जा रहे हैं।
कहना है कि बच्चा सरकारी हॉस्पिटल पैदा होने पर सारे फार्म हॉस्पिटल में ही फिजिकल भरवा लिए जाते हैं। इसलिए ऐसे कॉल पर वे भरोसा बिल्कुल नहीं करें।
यदि इस तरह की कॉल आए तो पहले अपने क्षेत्र की आशा या एएनएम अथवा
हॉस्पिटल पर जाकर कंफर्म करें। यदि वे कहें तभी कोई डिटेल कहीं शिकायत करें।
प्राइवेट हॉस्पिटल में बच्चे के जन्म होने पर सरकार से महिला को मिलने वाला पैसे का लाभ नहीं मिलता। फिर भी कोई लाभ दिलाने की बात करे तो उसकी बात को नजरंदाज करें।
ऐसी घटनाएं सामने आई है। दरअसल जन्म लेने वाले बच्चे की फोटो आदि कुछ लोग सोशल मीडिया पर डाल देते हैं। कुछ लोग तो बच्चा कहां पैदा हुआ यह तक लिख देते हैं। साइबर शातिर ऐसे ही प्लेट फार्म से डिटेल जुटाते होंगे। यदि तस्वीर शेयर करें तो बच्चा हॉस्पिटल आदि की डिटेल बिल्कुल नहीं लिखें।
जय प्रकाश, साइबर एक्सपर्ट