प्रयागराज ब्यूरो । जिले में होने वाले तमाम कार्यक्रमों को अब दिव्य भव्य बनाने की तैयारी है। इन कार्यक्रमों को कैसे और आकर्षक बनाया जा सकता है, इसकी जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को दी गई है। कहने को तो पर्यटन विभाग है, मगर इस विभाग के अफसर कहीं भी कार्यक्रम हो पीछे ही रहते हैं। मगर अब ऐसा नहीं होने वाला है। प्रदेश सरकार ने पर्यटन विभाग की जवाबदेही तय करना शुरू कर दिया है। ऐसे में सुस्त पड़े विभाग में तेजी का माहौल है। विभाग को पर्याप्त मात्रा में बजट भी मुहैया कराया जा रहा है। ताकि विभाग को अपनी कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने में दिक्कत न हो।
विभाग ने बनाया प्रोग्राम कैलेंडर
प्रयागराज में पर्यटन विभाग का मंडलीय कार्यालय है। मंडलीय कार्यालय के अंडर में प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशाम्बी और प्रतापगढ़ जिले आते हैं। इन जिलों में तमाम ऐसे कार्यक्रम होते हैं, जहां से लाखों लोग जुड़े हुए हैं। इन प्रोग्राम्स में लाखों की भीड़ जुटती है। इन कार्यक्रमों से ही तमाम सांस्कृतिक विरासत संरक्षित हो रही है। ऐसे में इन सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण में सहयोगी की भूमिका में पर्यटन विभाग भी रहेगा। पर्यटन विभाग ने इसकी रूप रेखा तैयार कर ली है।
इन कार्यक्रमों में रहेगी सहयोगी की भूमिका
राष्ट्रीय युवा दिवस
12 जनवरी को पडऩे वाले राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जिसमें साइकिल यात्रा, विभिन्न प्रतियोगिता, संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रम की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग की रहेगी। इसके लिए विभाग ने दस लाख का बजट बनाया है।
त्रिवेणी महोत्सव
18 से 20 अक्तूबर तक चलने वाले त्रिवेणी महोत्सव में एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत प्रदर्शन की आयोजन। नुक्कड़ नाटकों का आयोजन, इतिहास के आइन में प्रयागराज विषयक संगोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन। इसके लिए 50 लाख का बजट है।
देव दीपावली
संगम तट पर दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन और गंगा आरती में सहयोग। इसके लिए 50 लाख का बजट तय किया गया है।
कौशाम्बी स्थापना दिवस
इस आयोजन अप्रैल माह में होता है। इसमें एक जनपद एक उत्पाद के तहत प्रदर्शनी। नुक्कड़ नाटक, संगोष्ठी और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए पचास लाख का बजट निर्धारित किया गया है।
बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव
बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव
सेमिनार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, दीपदान। बजट 50 लाख।
महापर्यूषण महोत्सव: सेमिनार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, दीपदान। बजट 50 लाख।
मां शीतला महोत्सव कड़ाधाम
तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन, कीर्तन। बजट 30 लाख।
प्रतापगढ़ स्थापना दिवस
एक जनपद एक उत्पाद के अन्तर्गत प्रदर्शनी, नुक्कड़ा नाटक, संगोष्ठी और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन। बजट 20 लाख।
भयहरणनाथ धाम महोत्सव
सांस्कृतिक संध्या, गोष्ठी, कवि सम्मेलन। बजट 20 लाख।
हौदेश्वरनाथ धाम महोत्सव
सांस्कृतिक संध्या, गोष्ठी और कवि सम्मेलन। बजट 20 लाख।
जिले में तमाम हिस्टोरिकल प्रोग्राम्स होते हैं। अब पर्यटन विभाग इन प्रोग्राम्स में पूरी जिम्मेदारी से हिस्सा लेगा। इसके लिए कैलेंडर जारी कर दिया गया है। प्रोग्राम्स के आयोजन में विभाग पूरा सहयोग करेगा। कार्यक्रमों को और आकर्षक बनाया जाएगा।
कीर्तिमान, जिला पर्यटन अधिकारी