प्रयागराज ब्यूरो ।क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: एयर शो कार्यक्रम को देखने के लिए उम्मीद से कहीं ज्यादा लोग रविवार को संगम जा पहुंचे। प्रशासनिक क्राउड मैनेजमेंट इस एयर-शो के सामने बेदम नजर आया। संगम की तरफ जाने वाली रोड पर जगह-जगह बैरिकेटिंग कर जवान लगा दिए गए थे। दारागंज और कीडगंज से परेड या संगम क्षेत्र की तरफ जाने वाली गली तक को अफसरों ने सील कर दिया था। बैरिकेटिंग करके गली तक से परेड की संगम की ओर जाने से रोकना प्रशासन के लिए सिर दर्द बन गया। लोगों की मानें तो यदि गलियों से आवागमन रोका नहीं जाता तो लोकल पब्लिक पैदल ही सही आराम से निकल जाती। इससे मुख्य रोड पर ट्रैफिक प्रेशर काफी कम हो जाता।
रिटायर्ड एडीएम ने गिनाई प्रशासनिक चूक
एयर-शो देखने के लिए एडीएम के पद से रिटायर बीएस ओझा यहां तीन माघ मेला करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार इतना बड़ा प्रोग्राम सेना का यहां हो रहा तो भीड़ होनी ही थी। अपना अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा कि दारागंज व कीडगंज एरिया से परेड आने वाली गलियों से कार बाइक रोकर पैदल यात्रियों को आने दोना चाहिए था। कोशिश करनी चाहिए थी कि गलियों में बाइक या कार चालक प्रवेश ही नहीं कर पाएं। इससे लोकल लोग इन गलियों से पैदल परेड होते हुए संगम पहुंच जाते, भीड़ थी ही इस लिए वह फिर उसी रूट से वापस चले गए होते। वाहनों को परेड ग्राउंड तक जाने देना चाहिए था। वहां से पब्लिक को पैदल संगम क्षेत्र जाने देते। शो के बाद भीड़ बढ़ती तो वे खुद ही उसी रूट से वापस चले जाते। इस तरह मेन रोड पर पैदल यात्रियों का प्रेशर काफी कम हो जाता। कार व बाइक को रूल ऑप द लेन का पालन कराते हुए फोर्स लगाकर आराम से लोगों को बाहर निकाला जा सकता था।
एयर-शो लाइव कमेंट्री के लिए लगाए गए माइक की संख्या भी पर्याप्त नहीं थी। संगम वीआईपी घाट से लेकर हनुमान मंदिर रामघाट अंगाआरती स्थल तक माइक लगाया गया था। ऐसी स्थिति में एयर-शो के दौरान की जाने वाली हर विमान की लाइव कमेंट्री वह लाखों लोग नहीं सुन पाए जो अरैल क्षेत्र से लेकर रामघाट के आगे काली सड़क व शास्त्री ब्रिज सहित दारागंज तक बैठे लोग नहीं सुन पाए। बताते चलें कि हर विमान की कमेंट्री के लिए अलग- अलग कमेंट्रेटर कमेंट्री कर रहे थे। बावजूद इसके लाखों लोग दूर से ही सही आसमान में उड़ रहे विमानों व उनके करतब को तो देखे मगर उसकी विशेषता की जानकारी उन्हें नहीं हो सकी। रिटायर्ड एडीएम की मानें तो की जाने वाली लाइव कमेंट्री के लिए माइक दारागंज उधर परेड ग्राउंड से लेकर कीडगंज, अरैल तक इंतजाम किया जाना चाहिए था। इससे प्रशासन को भी कंट्रोल करने में भी काफी मदद मिलती।
इधर देते ध्यान तो आसान हो जाती राह
प्रशासन के द्वारा क्राउड मैनेजमेंट के लिए गली तक में बैरियर लगा दिया गया मगर ई-रिक्शा व तिपहिया के संचालन पर रोक नहीं लगाई गई।
ई-रिक्शा और तिपहिया वाहन चालक सवारियों को बैठाकर रोड पर चलते रहे, जिधर जगह मिली उसी तरफ जा पहुंचे।
रोड पर चारों तरफ चालक जल्दी निकलने के चक्कर में जिधर जगह मिली उसी तरफ अपना ई-रिक्शा घुसेड़ दे रहे थे, जाम की सबसे बड़ी एक वजह यह भी रही।
ई-रिक्शा चालक लोकल के ही हैं, लिहाजा वह सिविल लाइंस से संग रूट छोड़कर कनेक्टिंग रोड और गलियों से होकर शार्टकट मार्ग पर दौड़ते रहे।