प्रयागराज (ब्यूरो)।खुल्दाबाद इलाके में मंगलवार शाम को एक टीचर को गोली लग गई। रोशनबाग में वह खरीददारी करने गई थी। इस दौरान गली में हो रहे झगड़े के दौरान उसे गोली लगी। झगड़ा कर रहे युवक के हाथ में तमंचा था। महिला की जान तो बच गई मगर सवाल ये है कि आखिर युवाओं के पास असलहे आ कहां से रहे। जाहिर है कि प्रयागराज शहर असलहों की मंडी में तब्दील हो चुका है। असलहों की आमद पर रोक नहीं लग पा रही है। जिसका नतीजा है कि पूरे शहर में कहीं भी फायरिंग हो जा रही है। तमंचा और पिस्टल से गोली मार दी जा रही है। अपराध होने पर पुलिस अपराधियों के पीछे तो भागती है मगर अपराध करने के लिए हथियार कहां से आ रहे हैं, इन्हें कौन बेंच रहा है। इस पर नकेल कसने के लिए कोई कदम पुलिस महकमा नहीं उठा रहा है।

ठोस कदम नहीं उठा रही पुलिस

शहर में असलहे इफरात, अपराध दिन रात। जी हां, तमंचा और पिस्टल से अपराध की लंबी फेहरिस्त है। आसानी से मिल जाने वाले तमंचा और पिस्टल अपराध में मददगार बन जा रहे हैं। जिसके साथ अपराध हो जा रहा है वह मुकदमा दर्ज कराकर पुलिस के पास न्याय के लिए एडिय़ां घिसता रहता है और पुलिस भी दबिश पर दबिश देकर अपना पल्ला झाड़ती रहती है। गुडवर्क के लिए पुलिस अफसरों का बहुत दबाव होने पर या फिर मामला हाईप्रोफाइल होने पर पुलिस भले ही मामले का खुलासा कर देती हो मगर अपराध करने में इस्तेमाल होने वाले अवैध असलहों पर पाबंदी के लिए कोई कदम नहीं उठाती है। जिसका नतीजा है कि प्रयागराज शहर असलहों की मंडी में तब्दील हो गया है।

आसानी से मिल जा रहे असलहे

पांच हजार में तमंचा और बीस हजार में पिस्टल का मिल जाना अपराध में इजाफे का बहुत बड़ा कारण बन कर सामने आया है। मोहल्ले में अपना रसूख बनाने या फिर रातों रात अमीर बन जाने की तमन्ना में अवैध असलहों का बहुत बड़ा रोल साबित हो रहा है। फिर भी थाना पुलिस और अफसरों की निगाह अवैध असलहों के कारोबार पर नहीं जा रही है।