प्रयागराज (ब्‍यूरो)। ठंड के मौसम में हार्ट अटैक के मामलों में 50 गुना से अधिक बढ़ोतरी हो जाती है। किसी को रिसेंटली हार्ट अटैक पड़ा है तो सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन के जरिए उसकी जान बचाई जा सकती है। अक्सर इसके पाजिटिव नतीजे भी सामने आते हैं। इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की ओर से स्कूलों में जाकर बच्चों को सीपीआर की ट्रेनिंग दी जा रही है।

ऐसे दे सकते है सीपीआर
सीपीआर तब देते हैं जब मरीज को कार्डियक अरेस्ट हुआ है और उसकी दिल की धड़कन रुक चुकी हो।
ऐसे में तत्काल उसकी छाती के बीचों बीच दोनों हाथों को रखकर जोर जोर से दबाना पड़ता है।
यह प्रक्रिया एक मिनट में सौ बार की जाती है और एक बार में तीस बार कंप्रेशन दिया जाता है।
सीपीआर देने वाले को मरीज के बगल में दोनों घुटने के बल बैठना चाहिए।
एक बार कंपे्रशन करने पर मरीज की छाती पर पांच सेमी का दबाव बनाया जाता है।

ऐसे दें कार्डिएक कंप्रेशन
हाथों को सीधे 90 डिग्री पर रखें, ध्यान रहे कोहनियां मुड़ी हुई न हो
पंजे के ऊपर दूसरा हाथ रखकर मजबूती से पकड़ बनाए
फिर कंप्रेस करें यह पांच सेंटीमीटर तक कंप्रेशन जरूरी होता है, इस दौरान आप गिनती भी करते रहें
इस प्रक्रिया को तबतक करें जब तक आप 30 कंप्रेशन न कर लें
कंप्रेशन देने से पहले हेल्प के लिए किसी को जरूर पुकार लें

बता नही पाएंगे कहां है दर्द
डॉक्टर्स ने बताया कि आमतौर पर सीने में दर्द होना ही हार्ट अटैक का मेन कारण है। इस दर्द की खासियत है कि आप कहां दर्द हो रहा है यह बता नही पाएंगे। क्योंकि यह पूरे सीने में होता है। अगर किसी एक जगह उंगली रखकर बता दिया तो फिर यह हार्ट अटैक का पेन नही है। इसके अलावा भी अन्य लक्षण उन्होंने बताए।

सीने में जलन होती है, उल्टी लगती है लेकिन होती नही
बाएं कंधे और हाथ में दर्द होता है
30 फीसदी मामलो में दाई ओर कंधे और सीने में भी दर्द होता है
75 साल से अधिक के लोगों में थकान अधिक होती है
डायबिटिक लोगों में दर्द का अनुभव नहीं होता, उन्हे पसीना अधिक आता है
चक्कर आता है, लोगों के जबड़े में भी दर्द होता है

ऐसे किया जा सकता है बचाव
सीने में दर्द होने पर मरीज को नजदीक के अस्पताल तत्काल ले जाएं
शुरुआती एक घंटे में ईसीजी या एंजियोग्राफी हो जाना चाहिए, यही गोल्डन आवर माना जाता है
मरीज को खून पतला करने वाली गोली अपनी जीभ के नीचे रखनी चाहिए

जेनेटिक भी होती है बीमारी
हार्ट अटैक की बीमारी जेनेटिक भी होती है। यह पीढ़ी दर पीढ़ी आगे जाती है और अचानक से किसी एक व्यक्ति में इसके लक्षण उभरकर सामने आ जाते हैं। यंगस्टर्स में भी अक्सर देखा जाता है कि अधिक मेहनत करने पर हार्ट अटैक पड़ जाता है। खासकर डांसिंग के दौरान या जिम में एक्सरसाइज करते समय ऐसा होता है। आजकल ऐसे केसेज भी सामने आ रहे हैं। पहले लोगों को कारण पता नही चलता था लेकिन अब हार्ट अटैक को आसानी से पहचान लिया जाता था।

कोरोना भी है एक कारण
डॉक्टर्स कहते हैं कि हार्ट अटैक के कई कारणों में कोरोना भी शामिल है। कोरोना काल के दौरान जो लोग इस वायरस से पीडि़त हुए, उनके खून के मोटे होने की बात सामने आई। बॉडी में जगह जगह क्लाट बनने लड्डगे। इससे हार्ट की पंपिंग पर प्रेशर पड़ा और हार्ट अटैक के चांसेज बढ़ गए। ऐसे में मरीजों को इलाज के दौरान लंबे समय तक खून पतला करने की दवाएं दी जाती रही हैं।

ठंड में हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी होती है तो सीपीआर की आवश्यकता भी होती है। रेलवे और पुलिस जैसी बढ़ी संस्थाओं मे लोगों को सीपीआर नालेज बेहद जरूरी है। लोगों को बकायदा इसकी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
डॉ। मो। शाहिद, कार्डियोलाजिस्ट, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज