प्रयागराज (ब्यूरो)। बेली अस्पताल में भर्ती मरीजों को काल्विन और एसआरएन अस्पताल में एडमिट किया जाएगा। इस समय यहां पर 80 मरीज भर्ती हैं। इनमें से जो मरीज डिस्चार्ज होने लायक होंगे, उन्हें घर भेज दिया जाएगा। इसके बाद बेली अस्पताल को सेनेटाइज किया जाएगा। सोमवार से यहां कोविड के हल्के लक्षण वाले मरीजों को भर्ती किया जाएगा। सीरियस मरीजों को एसआरएन अस्पताल में रेफर किया जाएगा।
152 बेड पर है आक्सीजन सप्लाई
कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी से कई मरीजों की जान गई थी।
इसके बाद अस्पताल में दो आक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं।
इनमें से एक 1200 एलपीएम और दूसरा 1000 एलपीएम का है।
इन प्लांट से सीधी आक्सीजन की सप्लाई 152 बेड पर है।
इसके अलावा बाकी बेडों पर आक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेटर के जरिए आक्सीजन उपलब्ध कराई जाएगी।
बेली में कोविड मरीजों के लिए कुल 8 वार्ड बनाए गए हैं और इनमें कुल 226 बेड मौजूद हैं।
होगी इलाज की दिक्कत
बता दें कि बेली अस्पताल शहर उत्तरी के मरीजों के एकमात्र विकल्प है।
मंडलीय लेवल का अस्पताल होने की वजह से यहां पर रीजनल लैब भी है।
जसमेें कई प्रकार की जांच की जाती है।
इसके अलावा बेली में एमआरआई और सीटी स्कैन की मशीन भी लगी है।
इसके कोविड अस्पताल बन जाने के बाद सामान्य मरीजों को खासी दिक्कत होगी।
मजबूरी में उन्हें प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होना पड़ेगा।
हमें आदेश मिल गया है। दो दिन के भीतर बेली अस्पताल के मरीजों को शिफ्ट करना होगा। मंडे से यहां कोविड मरीजों को भर्ती किया जाएगा। अस्पताल को सेेनेटाइज किया जाना है।
डॉ। एमके अखौरी
अधीक्षक, बेली अस्पताल