प्रयागराज ब्यूरो । धूमनगंज थाना क्षेत्र के जयंतीपुर में 24 फरवरी को उमेश पाल और उसके दो गनर को गोलियों से भून दिया गया था। उमेश पाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। उसके गनर संदीप निषाद ने एसआरएन हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया था। गनर राघवेंद्र की इलाज के दौरान पीजीआई में मौत हुई थी। बसपा विधायक राजू पाल के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद उनकी पत्नी जया पाल द्वारा पुलिस को तहरीर दी गई। तहरीर के आधार पर पुलिस माफिया अतीक अहमद व पत्नी शाइस्ता परवीन और बेटे एवं भाई अशरफ सहित गुलाम व गुड्डू मुस्लिम एवं कई अन्य आरोपित हैं। इसी मामले में आरोपित शाइस्ता परवीन पर पुलिस द्वारा 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। तब से शाइस्ता परवीन भी अंडर ग्राउंड चल रही हैं। बताते चलें कि उमेश पाल मर्डर केस की इनामी आरोपित शाइस्ता परवीन की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा दो अर्जियां दी गई। पहली अर्जी सीजेएम कोर्ट में दी गई जिसमें उनके दोनों अवयस्क बेटों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बावजूद जानकारी नहीं देने का आरोप है। कोर्ट द्वारा धूमनगंज पुलिस स्पष्ट आख्या मांगी गई थी। इस मामले में थाना प्रभारी द्वारा द्वारा कहा गया था कि उनके दोनों अवयस्क बेटों को बाल संरक्षण गृह में रखा गया है। कोर्ट में पुलिस द्वारा पेश इस जवाब पर शाइस्ता परवीन की ओर से फिर एक अर्जी दी गई थी। जिसमें कहा गया था कि उनके दोनों अवयस्क बेटे बाल संरक्षण गृह में हैं इस बात की जानकारी वहां के लोग नहीं दे रहे हैं। इस अर्जी पर अदालत ने पुलिस और बाल संरक्षण गृह दोनों जगह से स्पष्ट रिपोर्ट तलब किया था। जानकार बताते हैं कि बाल संरक्षण के द्वारा कोर्ट में कोई जवाब नहीं दिया गया है। धूमनगंज पुलिस द्वारा इस बार बंद लिफाफा में जवाब कोर्ट में पेश किया गया।

अग्रिम जमानत पर 17 को सुनवाई
उमेश पाल मर्डर केस में इनामी हो चुकीं शाइस्ता परवीन की अग्रिम जमानत के लिए उनके अधिवक्ता द्वारा अर्जी डीजे कोर्ट में दी गई थी। डीजे कोर्ट द्वारा इस अर्जी को सुनवाई के लिए एमपीएमएलए कोर्ट में भेज दिया था। बताते हैं कि शाइस्ता परवीन की इस अर्जी पर सुनवाई के लिए एमपीएमएलए कोर्ट ने 17 मार्च की डेट नियत की है। अब इस डेट पर शाइस्ता परवीन की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी।


इसलिए बंद लिफाफा में दिया जवाब
माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की ओर से अवयस्क बेटों की रिपोर्ट बंद लिफाफा में देने की वजह कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस द्वारा बताया गया। कहा गया कि उमेश पाल मर्डर केस में शाइस्ता परवीन आरोपित व 25 हजार की इनामी एवं माफिया के परिवार से हैं। ऐसी स्थिति में उनकी भी दुश्मनी से इंकार नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि आवेदिका द्वारा दाखिल अर्जी के संदर्भ में लिखित आख्या को गोपनीयता बनाए रखने के उद्देश्य से बंद लिफाफा में पेश किया गया है।

शाइस्ता परवीन की ओर से अग्रिम जमानत के लिए दी गई अर्जी पर एमपीएमएलए कोर्ट में 17 मार्च को सुनवाई होगी। इसी तरह उनकी अवयस्क बेटों को लेकर दी गई अर्जी पर सीजेएम कोर्ट ने पुलिस से खुली रिपोर्ट 17 मार्च को तलब किया है। अदालत ने पुलिस के जरिए बंद लिफाफा में दिए गए जवाब को वापस कर दिया है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी