प्रयागराज ब्यूरो । पिछले वर्ष अटाला में हुए बवाल में मुख्य भूमिका अदा करने के आरोपित मो। जावेद उर्फ पम्प को गुनाहों का तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट में दी गई जमानत अर्जी सोमवार को अदालत ने खारिज कर दिया है। जमानत प्रार्थना पत्र पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं द्वारा अपना-अपना पक्ष अदालत के सामने रखा गया। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस को सुनने व पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए न्यायाधीश एफटीसी-1 वीरेंद्र सिंह ने जमानत का आधार अपर्याप्त करार दिया।
अटाला बवाल बाद दर्ज हुआ था केस
शहर के अटाला स्थित शौकत अली स्थान पर दस जून 2022 को बवाल हुआ था। जुमे की नमाज के बाद एकत्रित हुए लोग धार्मिक मसले को लेकर तोडफ़ोड़, आगजनी व पुलिस टीम पर पथराव एवं पुलिस एव पीएसी और पब्लिक की गाडिय़ों में आग लगाने जैसी घटना को उपद्रवियों के जरिए अंजाम दिया गया था। जांच पड़ताल के बाद मामले में करेली के जेके आशियाना निवासी मो। जावेद उर्फ पम्प पुत्र मो। अजहर की भूमिका पुलिस अफसरों के द्वारा अहम पाई गई थी। पुलिस अधिकारियों के द्वारा बताया गया था कि यही जावेद पम्प ही साजिश के धार्मिक भावनाओं को भड़का बवाल के लिए लोगों को उकसाने का काम किया था। बवाल कई दिनों तक चला था। हालात को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को कई दिनों तक अटाला में पुलिस के साथ पीएसी के जवानों को लगाना पड़ा था। इस घटना का धुआं पूरे प्रदेश में फैल गया था। अधिवक्ता मृत्युंजय त्रिपाठी द्वारा कोर्ट को बताया गया कि बवाल से आवाम कई दिनों तक खौफजदा रही।
बेटी ने दिया था जमानत प्रार्थना पत्र
सौरभ शुक्ला द्वारा खुल्दाबाद थाने में तहरीर दी गई थी उनकी तहरीर पर मुकदमा अपराध संख्या 120 / 2022 दर्ज किया गया था। जिसमें मो। जावेद के खिलाफ धारा 147, 427 भारतीय दंड संहिता व 3 / 5 सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम लगाई गई थी। इसी मामले में आरोपित जावेद पम्प की जमात के लिए उसकी बेटी सोमैया फातिमा द्वारा कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र के साथ शपथ पत्र भी दिया था। सोमवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश एफटीसी-1 वीरेंद्र सिंह ने जावेद पम्प की जमानत अर्जी खारिज कर दी। जावेद के अधिवक्ता ने कहा कि मुकदमा घटना के 32 घंटे बाद लिखा गया। अभियुक्त मुकदमें में नामजद नहीं है।मो। जावेद पम्प की जमानत अर्जी सुनवाई के बाद न्यायाधीश द्वारा खारिज कर दी गई थी। उसके पहले इस घटना के पूर्व भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उपलब्ध साक्ष्यों व के आधार पर अदालत जमानत का आधार अपर्याप्त पाया।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी