प्रयागराज ब्यूरो । दारागंज स्थित नगर देवता के नाम से विख्यात श्री बेणी माधव मंदिर के परिक्रमा मार्ग में ब्रह्मलीन महंत ओंकार गिरी की समाधि हटाने की मांग में दाखिल सिविल वाद पर अपर सिविल जज प्रयागराज द्वारा स्थलीय निरीक्षण रिपोर्ट मांगी गई है। जिसके तहत 19अक्टूबर को कोर्ट अमीन विवादित स्थल की निशानदेही करेंगे। कोर्ट ने वादी रामचंद्र शर्मा को मौके पर उपस्थित होकर स्थल की निशानदेही कराने व निरीक्षण में सहयोग देने की नोटिस दी है ताकि वस्तुस्थिति अदालत में पेश की जा सके।
आख्या पेश करने का निर्देश
कोर्ट ने विवादित स्थल का निरीक्षण कर नजरी नक्शा तैयार करने तथा मौके के साक्ष्य व कब्जे की स्थित की आख्या पेश करने का आदेश दिया था। जिसपर यह निरीक्षण कार्रवाई की जानी है। मालूम हो कि दारागंज निवासी अधिवक्ता रामचंद्र शर्मा ने मंदिर परिसर में भू समाधि के खिलाफ सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। इनका कहना है कि श्री बेणी माधव मंदिर पौराणिक मंदिर है। यह आराजी संख्या 113 मौजा मुस्तफाबाद, मुंसफा उपरहार वर्तमान भवन संख्या 309 दारागंज, तहसील सदर प्रयागराज में स्थित है। इसका पुनर्निर्माण तत्कालीन भू स्वामी कार्तिकेय पांडेय ने कराया था। मंदिर के सामने धर्मशाला व शिवमन्दिर का भी निर्माण कराया था और महा निर्वाणी अखाड़ा को सौंप दिया। धर्मशाला व शिवमन्दिर भवन संख्या 703 दारागंज है। जिसमें पुलिस चौकी स्थापित की गई है। वर्तमान यह मंदिर प्रयाग के 12माधवों में प्रमुख हैं। मान्यता है कि त्रिवेणी स्नान का पूर्ण फल बिना माधव दर्शन के नहीं प्राप्त होता। शर्मा का कहना है कि मंदिर में पूर्व महंत की कोरोना काल में विरोध के बावजूद समाधि बना ली गई है। जिससे श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचाई गई है।
श्रद्धालुओं की भावना को पहुंचाई ठेंस
वादी ने अदालत से अमीन भेजकर आरोप का सत्यापन कराने तथा परिक्रमा मार्ग से भू समाधि हटाई जाय क्योंकि वर्तमान महंत विभा तिवारी व मंदिर प्रशासक कमेटी मंदिर का प्रबंधन कर रही है। महंत द्वारा अपने पिता पूर्व महंत ओंकार गिरी को मंदिर में समाधिस्थ कर श्रद्धालुओं की भावना को ठेस पहुंचाया है। अदालत ने सिविल वाद में अमीन नियुक्त कर स्थलीय निरीक्षण की वादी की अर्जी 13 ग स्वीकार कर ली और अमीन को स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।