प्रयागराज (ब्यूरो)। घटना फाफामऊ थाना क्षेत्र के मोहनगंज फुलवरिया गोहरी की है। मृतकों में फूलचंद्र (45) उसकी पत्नी मीनू (40), 17 साल की बेटी सपना और दस साल के बेटे शिव का नाम शामिल है। पति-पत्नी व बेटी की बॉडी चारपायी और बेटे की बॉडी जमीन पर पड़ी थी। स्पॉट पर ब्लड पूरी तरह से सूख चुका था और बाडी से भी दुर्गन्ध उठनी शुरू हो चुकी थी। बॉडी और ब्लड पर मक्ख्यिां भिनभिनाने लगी थीं। इससे आशंका जतायी गयी है कि हत्या कम से कम 48 घंटे पहले की गयी है। स्थानीय लोगों ने इस परिवार के सदस्यों को अंतिम बार सोमवार को दिन में देखा जाना बताया। इससे संदेह जताया जा रहा है कि मर्डर सोमवार की रात ही कर दिया गया होगा।
सोमवार से नहीं दिखा था परिवार
सोमवार की रात घटना होने का शक
आशंका जताई जा रहा है कि सोमवार रात में खाने के बाद परिवार के लोग सो गये होंगे तभी बदमाशों ने उनके घर में इंट्री ली होगी। स्पॉट से दो कुल्हाड़ी बरामद हुई है। इस पर ब्लड स्पॉट होने से अंदेशा जताया जा रहा है कि हत्यारों ने इसी का इस्तेमाल मर्डर के लिए किया होगा। इस पर लगा ब्लड पर सूख चुका था। मृतकों के आसपास फैले खून का कलर ब्लैक हो चुका था। यह घर मिटटी का बना हुआ था और किसी भी तरफ से मिट्टी काटने के प्रमाण नहीं मिले हैं। इससे शक जताया जा रहा है कि बदमाश मेन गेट से ही भीतर घुसे होंगे। कमरे में रखे सामानों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गयी थी। इससे लूट के चक्कर में मर्डर का मामला भी बहुत प्रभावी तरीके से सामने नहीं आया। युवती से रेप के चक्कर में मर्डर एक एंगल निकलकर सामने आया जरूर लेकिन इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही संभव होगी। इसी के चलते मौके पर पहुंचे अफसरों ने रिश्तेदारों और पड़ोसियों से तमाम तरह के सवाल पूछे ताकि इस कांड का पर्दाफाश करने के लिए कोई सुराग हाथ लगे। मिला क्या? इस पर अफसरों का कहना था कि अभी कुछ भी कहना बेहद जल्दबाजी होगी।
समय पर होती कार्रवाई तो न आती यह नौबत
मौके पर मौजूद मिले मृतक के भाई कृष्ण चंद्र भारतीय का आरोप है कि दो माह पहले ही गांव के मनीष और अभय ठाकुर ने जान से मारने की धमकी दी थी। उन लोगों ने घर में घुसकर मारा-पीटा था। इसकी सूचना मृतक की ओर से थाने में दी गयी थी। कृष्ण चंद्र का आरोप है कि पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई के स्थान पर समझौता कराने के लिए दबाव बनाया था। कृष्ण चंद्र के अनुसार समझौता न होने पर ही गांव के कमलेश ठाकुर, आकाश ठाकुर, रवि, मनीष, अभय ने घर में घुसकर भाई, भाभी, भतीजी और भतीजे की हत्या कर दी। पुलिस कार्रवाई के बजाय हमारा मजाक उड़ाती थी। मृतक की ननद और बहन ने बताया कि दबंगों के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट लिखाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। हम लोगों की कहीं सुनवाई नहीं होती। पुलिस दबंगों को बुलाकर कुर्सी देती है और हम लोगों को थाने से भगाती है। मृतक के भाई का कहना है कि अगर समय रहते दबंगों के खिलाफ कार्रवाई करती तो आज ये नौबत न आती।
इंस्पेक्टर के सस्पेंशन पर माने परिजन
इस घटना के बाद परिवार के सदस्यों के साथ गांव के लोगों की मांग थी कि फाफामऊ इंस्पेक्टर को तत्काल सस्पेंड किया जाये। इसके साथ उन गांव के दबंगों को तत्काल गिरफ्तार किया जाये। इसके चलते पुलिस को पंचनामा भरकर बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भेजवाने में भी दिक्कत आने लगी। इसके बाद आईजी व डीआईजी ने स्थानीय लोगों के साथ रिश्तेदारों को भरोसा दिलाया कि इंस्पेक्टर को सस्पेंड करके आरोपितों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। इसके बाद लोग माने और बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भेजवायी गयी। देर शाम को डीआईजी-एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने इंस्पेक्टर राम केवल पटेल और दो अन्य को सस्पेंड कर दिया। गांव का माहौल देख मौके पर पुलिस तैनात कर दी गयी है। पुलिस ने मृतक के भाई द्वारा लगाये गए आरोप के आधार पर कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है।
एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या की गई है। पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। 2019 और 2021 में कुछ लोगों के ऊपर एससी-एसटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। परिजनों ने इस मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। इसकी भी जांच की जाएगी। जल्द से जल्द हम घटना का खुलासा करेंगे।
सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी
डीआईजी/एसएसपी प्रयागराज