प्रयागराज ब्यूरो । नैनी के मलहरा रेलवे क्रासिंग के पास ट्रैक पर प्रेमी युगल की बॉडी मिलने से सनसनी फैल गई। भोर में घटना का पता चलते ही जीआरपी पहुंच गई। तलाशी के दौरान जीआरपी को युवक की जेब से आधार कार्ड मिला। जिससे उसकी शिनाख्त हुई। युवक की शिनाख्त के बाद युवती की भी शिनाख्त हो गई। घटना से युवक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। खैर, घटना खुदकुशी की है या उन्हें मारा गया इसे लेकर जीआरपी की जांच जारी है। फौरी तौर पर जीआरपी घटना को खुदकुशी मानकर चल रही है।

शाम को लापता हुए थे पे्रमी युगल
करारी थाना क्षेत्र के मकदूमपुर गांव का रहने वाला मंजीत कुमार (23) उड़ीसा में सरिया का जाल बांधने का काम करता था। मंजीत का ननिहाल पश्चिमशरीरा थाना क्षेत्र के गढ़ी गांव में है। गढ़ी गांव में रहने वाली चंदावती (३0) से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। शनिवार शाम को मंजीत उड़ीसा से सीधे गढ़ी गांव पहुंचा। कुछ देर बाद वह चंदावती के साथ लापता हो गया। दोनों के प्रेम प्रसंग की जानकारी उनके घरवालों को थी। घरवाले दोनों की तलाश में लगे। मगर दोनों का कोई पता नहीं चला। मंजीत को उसके घरवालों ने कई बार फोन भी लगाया, मगर उसका मोबाइल रीसिव नहीं हुआ।

आधार कार्ड से हुई पहचान
रविवार भोर में मलहरा रेलवे क्रासिंग के पास ट्रैक पर दो शव मिलने से हड़कंप मच गया। जीआरपी ने पहुंच कर युवक के कपड़ों की तलाशी ली। जेब से एक आधार कार्ड मिला। जिसमें उसका नात पता दर्ज था। युवक के पास मिले मोबाइल से नंबर निकाल कर पुलिस ने सम्पर्क किया। नंबर उसके घर का था। घरवालों को घटना की जानकारी हुई तो वे रोने बिलखने लगे। घरवालों ने चंदावती के मायके में भी घटना की जानकारी दी। दोनों परिवार पहुंचे तो उनकी शिनाख्त हुई।

चंदावती को पति ने छोड़ दिया
गढ़ी की रहने वाली चंदावती की शादी करीब आठ साल पहले मंझनपुर के खंडवारे गांव में हुई थी। शादी के कुछ साल बाद उसका पति अचानक घर छोड़कर चला गया। चंदावती को एक बेटा भी है। कई महीने तक चंदावती पति का इंतजार करती रही। जब वह नहीं लौटा तो चंदावती गढ़ी गांव में अपने मायके जाकर रहने लगी। शनिवार शाम को मंजीत और चंदावती गए तो चंदावती अपने बेटे को मायके में ही छोड़ गई।
मंजीत करना चाहता था शादी
मंजीत का पिता हुबलाल मजदूरी करता है। बहन रीता की शादी हो चुकी है। जबकि छोटा भाई अभी पढ़ाई कर रहा है। मंजीत चंदावती से शादी करना चाहता था। जब इस बात की जानकारी उसके घरवालों को हुई तो शुरु में घरवालों ने विरोध किया। मगर मंजीत जब उड़ीसा में जाकर कमाई करने लगा तो धीरे धीरे घरवालों का विरोध शांत हो गया। जब मंजीत गांव लौटता था तो कई दिन वह ननिहाल में ही रहता था। इस दौरान उसके और चंदावती के किस्से आम हो गए थे। चूंकि चंदावती को उसके पति ने छोड़ दिया था ऐसे में मायके वाले कोई विरोध भी नहीं करते थे।

आत्महत्या या हत्या, हैं कई सवाल
- जब कोई रोक टोक नहीं थी तो दोनों ने आत्महत्या क्यों की।
- दोनों ने घर से भागकर नैनी में आत्महत्या क्यों की।
- मायके वालों का कोई विरोध नहीं था तो फिर आत्महत्या की वजह क्या हो सकती है।
- मंजीत खुद अपने पैर पर खड़ा था तो प्रेमिका के साथ भागने पर आत्महत्या की जरुरत क्यों पड़ी।


फौरी तौर पर जांच में मामला आत्महत्या का है। हालांकि कई सवाल हैं जिनके जवाब के लिए जांच जरुरी है। घरवालों की शिकायत के आधार पर जांच की जाएगी।

अविनाश शंकर-जीआरपी, इंस्पेक्टर