प्रयागराज ब्यूरो । एक मत पेटिका में पड़े वोटों को गिनने में भले कितना समय लगता हो, लेकिन ईवीएम से मतों की गिनती महज दस मिनट में हो जाती है। यानी एक बूथ की गिनती करने में इतना ही समय लगेगा। यह बात ईवीएम ट्रेनर्स ने गुरुवार को मतगणना कार्मिकों से कही। उन्होंने कहा कि ईवीएम की सील प्रत्याशी के एजेंट के सामने खोलने के बाद कंट्रोल यूनिट का रिजल्ट का बटन दबाना होगा। इसके बाद प्रत्येक प्रत्याशी को मिले वोटों गिनती सामने आ जाएगी। इतना करने में अधिकतम दस मिनट का समय लगेगा1

एजेंट की आपत्ति पर दोबारा दबाना होगा बटन

अक्सर देखने में आता है कि कंट्रोल यूनिट का रिजल्ट का बटन दबाने के बाद किसी प्रत्याशी का एजेंट मतों की गिनती को नोट नही कर पाता है। ऐसे में उसकी आपत्ति पर दोबारा कंट्रोल यूनिट पर रिजल्ट का बटन दबाकर मतों की गणना कराई जाती है। मतदान खत्म होने से पहले ईवीएम पर कुल डाले गए वोटों की डिटेल नोट कर दी जाती है। गणना के समय सभी प्रत्याशियों के वोटों की गिनती कर दोनों का मिलान किया जाता है। दोनों गणना बराबर होने पर दूसरी ईवीएम की सील को खोला जाता है। यह भी बताया कि गलती से ईवीएम का क्लीयर का बटन न दब जाए इसलिए उस बटन की सील कर दिया जाता है। मतगणना के दौरान केवल रिजल्ट का बटन वर्किंग रखा जाता है।

बैलेट पेपर से ज्यादा है आसान

ट्रेनर्स का कहना था कि मत पेटिका के बजाय ईवीएम से वोटों की गिनती बेहद आसान है। इसमें मतों को गिनना नही पड़ता है। ईवीएम खुद एक-एक वोट की गिनती करती है। ईवीएम से गिनती में एक टेबल पर चार लोगो ंको लगाया जाता है जबकि बैलेट पेपर से मतों की गिनती में एक टेबल पर पांच लोग लगाए जाते हैं। इनको मत पेटिका से वोट कलेक्ट कर उनको अलग-अलग करना होता है। छटनी के बाद गिनती शुरू होती है। नगर पंचायत में इस बार बैलेट पेपर से वोटिंग हुई है और उसकी ट्रेनिंग भी गुरुवार को बिशप जानसन कॉलेज में दी गई।

शनिवार को होगी मतों की गिनती

13 मई को मुंडेरा मंडी में मतगणना कराई जाएगी। इसके लिए कुल 96 टेबल लगाई जाएंगी। सभी 15 रिटर्निंग आफिसर्स में से प्रत्येक के पास 8-8 टेबल लगाई जाएगी। चार टेबल पर मेयर और चार टेबल पर पार्षद मतों की गणना की जाएगी। दोनों पदों के लिए एक साथ काउंटिंग कराई जाएगी। मतगणना के लिए हर टेबल पर एक मतगणना पर्यवेक्षक, दो मतगणना कार्मिक और एक चतुर्थ श्रेणी कम्रचारी लगाया गया है। एक राउंड में 60 बूथों की काउंटिंग कराई जाएगी।

ईवीएम से मतगणना कराना बेहद आसान है। हमने बताया कि कार्मिकों घबराने की जरूरत नही है। स्टेप बाई स्टेप चलना है। क्लीयर की बटन को सील रखा जाता है जिससे वोट रिमूव न हो सकें। रिजल्ट का बटन दबाते ही मतों की गिनती सामने आ जाती है।

पारसनाथ, ट्रेनर व जेई सिचाई विभाग

मत पेटिका से मतगणना कराना कठिन है। लेकिन इवीएम से दस मिनट में एक ईवीएम की मतों की गणना हो जाती है। यही कारण है कि ईवीएम से गणना में परिणाम जल्द सामने आ जाता है। कर्मचारियों को दो सेशन में पूरी ट्रेनिंग दी गई है।

मो। शाकिर, ट्रेनर व जेई सिचाई विभाग