प्रयागराज ब्यूरो ।संगम एरिया पर एयरफोर्स के स्थापना दिवस पर हुए एयर शो के चलते दूर दराज से पितरों का तर्पण करने आए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्हें इसका दुख रहा कि सैकड़ों किमी दूसरे आने के बावजूद वह संगम पर नही पहुंच सके। उन्हे दारागंज एरिया में पितरों का श्राद्ध कर्म करना पड़ा। बाद में वह घंटों जाम में फंसे रहे। जैसे तैसे वह स्टेशन पहुंचे। हालांकि इस बीच उन्होंने एयर शो का भी आनंद लिया।
दो किमी चलना पड़ा पैदल
इस समय पितृ पक्ष चल रहा है और इसमें प्रयागराज का बहुत बड़ा महत्व है। हजारों लोग रोजाना संगम पर आकर अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं। रविवार को भी यही सिलसिला जारी रहा। बड़ी संख्या में लोग मार्निंग में संगम पर पहुंच गए थे, लेकिन उन्हें झटका तब लगा जब उनके वाहनों को दो किमी दूर परेड पर पार्क करा दिया गया। इसके बाद उन्हें साजो सामान और परिवार लेकर पैदल घाट तक आना पड़ा। उनका कहना था कि जो जो पितरों का तर्पण करने आए हैं उन्हें वाहन ले जाने देना चाहिए था।
हट गए तीर्थ पुरोहितों के पांडाल
प्रशासन ने एयर शो के चलते पहले ही तीर्थ पुरोहितों के संगम के पास बने पांडाल हटा दिए थे। ऐसे में दूर दराज से आने वाले लोगों को तर्पण रविवार को दारागंज घाट के आसपास करना पडा। कुछ लोगों को गम था कि वह इतनी दूर आने के बाद भी संगम नही पहुंच सके। उनका कहना था कि एयर शो होना अच्छी बात है। यह देश की सेना के लिए शौर्य की बात है। जिसके बारे में आम जनता को भी पता होना चाहिए। लेकिन ऐसे आयोजन के दौरान पितृ पक्ष का भी ध्यान दिया जाना चाहिए। हमें भी सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए थी।
वर्जन
सैकड़ों किमी दूर से तर्पण करने आए हैं। यहां आकर भीड़ देखा तो होश उड़ गए। लाखों लोग संगम पर हैं। ऐसे में तर्पण कर पाना आसान नही था। जैसे तैसे पूरी विधि को पूरा किया गया है।
आरपी मिश्रा, सतना मध्य प्रदेश
प्रयागराज का संगम क्षेत्र एक धार्मिक स्थल है। यहां पर पितृ पक्ष में देशभर से लोग श्राद्ध कर्म करने आते हैं। एयर शो के साथ ऐसे लोगों की व्यवसथा का भी ध्यान रखना चाहिए था। जिससे वह परेशान न हों।
अभिषेक प्रभाकर, इंदौर मध्य प्रदेश
दो किमी दूर पार्किंग में हमारी गाड़ी खड़ी करा ली गई। वहां से परिवार को लेकर पैदल आए हैं। भीड़ की वजह से संगम पहुंच पाना आसान नही था। इसलिए दारागंज पर ही तर्पण की विधि निपटा ली।
सिद्धार्थ, इंदौर मप्र
श्राद्ध कर्म तो कर लिया लेकिन अब पांच बजे की ट्रेन है। निकलने की हिम्मत नही पड़ रही है। बहुत ज्यादा भीड़ है। सोच रहे हैं थोडा रास्ता साफ हो तो परिवार को लेकर स्टेशन की तरफ चला जाए।
रामकृष्ण, शाहजहांपुर
पता चला कि यहां पर नाव चलाने पर पाबंदी लगाई गई है। इसकी वजह से निराशा हाथ लगी। तीर्थ पुरोहित ने दारागंज साइड की तरफ ही तर्पण करवा दिया है। अब घर वापस जाने की तैयारी चल रही है।
राजकमल शुक्ल, शाहजहांपुर