- पहले से अधिक जानलेवा है कोरोना पार्ट- 2

- महज 24 दिन में 118 लोगों की गई जान, औसतन चार मरीजों की प्रतिदिन जा रही है जान

- हॉस्पिटल्स में लगातार बढ़ रहे हैं सीरियस मरीज

प्रयागराज- कोरोना पार्ट- 2 पिछले साल से अधिक घातक और जानलेवा साबित हो रहा है। इस बार महज 24 दिन 118 लोगों को कोरोना निगल चुका है। यानी प्रतिदिन औसतन 5 आदमियों की कोरोना से शहर में मौत हो रही है। यह बहुत ही भयावह स्थिति है और जिस तरह से हॉस्पिटल्स में सीरियस मरीज भर्ती हो रहे हैं। उसको देखते हुए भविष्य में मरने वालों की संख्या में इजाफा भी हो सकता है। इससे बचने का उपाय केवल कोरोना से बचाव है।

तेजी से बढ़े मौत के आंकड़े

24 अप्रैल को शहर में कोरोना पार्ट 2 सीजन की पहली मौत हुई थी। तब लोगों को नहीं पता था कि देखते ही देखते कोरोना इतना घातक हो जाएगा। इसके बाद मौतों की संख्या दिनप्रतिदिन तेजी से बढ़ने लगी है। पिछले पांच दिनों से मौतों का आंकड़ा दहाई संख्या तक पहुंच गया है। शनिवार को अब तक की सर्वाधिक मौतें 14 दर्ज की गई। यह स्थिति बताती है कि कोरोना कितने खतरनाक रूप में सामने आया है।

दो से तीन दिन में हो रही मौत

यह तय हो गया कि इस बार फैला कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन है और यह पहले से अधिक संक्रामक है। इसमें मरीज के फेफड़े में अचानक संक्रमण फैलता है और देखते ही देखते वह सीरियस हो जाता है। इससे पहले कि परिजन समझ सके मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत होती है। संक्रमण इतना तीव्र होता है कि मरीज की दो से तीन दिन में मौत हो जा रही है।

नहीं मिल रहा माकूल इलाज

कोरोना की भयावहता को देखते हुए हॉस्पिटल्स ने भी लगभग हाथ खड़े कर दिए हैं। बेड नहीं होने की बात कहकर वह सीरियस मरीजों को वापस भेज रहे हैं। कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक किया जा रहा इलाज मरीजों की जान बचाने के लिए नाकाफी है। यहां तक कि बाजार में रेमडेसिवर इंजेक्शन तक मौजूद नहीं है। जिससे मरीजों की जान बचाई जा सके। हॉस्पिटल्स में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर्स और स्टाफ भी मरीजों से दूरी बनाए हैं और उनको पूरा सपोर्ट नही कर रहे हैं। उनको भी संक्रमण का डर सता रहा है।

ऐसे कम होगा मौत का आंकड़ा

- फेफड़ों से जुड़ी एक्सरसाइज रूटीन तौर पर करें।

- रोजाना अपनी सांसों को 20 से 30 सेकंड तक रोक कर फेफड़ों का स्वास्थ्य चेक करें।

- मास्क का उपयोग करें।

- भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।

- बीमार व्यक्ति से दूरी बनाएं। उससे दु‌र्व्यवहार न करें।

- दो लोगों के बीच छह फिट की दूरी जरूर बनाएं।

- सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होने पर कोरोना जांच कराएं।

कोरोना संक्रमण को लेकर लोग गंभ्ीार नहीं हैं। न तो वह सोशल डिस्टेसिंग का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क लगा रहे हैं। इससे स्थिति भयानक हो रही है। अभी भी लोगों को समझदारी से काम लेना होगा। उनको कोरोना से बचाव के उपायों का पालन करना होगा। इससे संक्रमण और मौतों का आंकड़ा तेजी से कम होगा।

डॉ। ऋषि सहाय, डीएसओ प्रयागराज