चिल्ड्रेन अस्पताल का आधा स्टाफ हुआ संक्रमित, जद में आए अस्पताल के एचओडी

रोजाना आधा दर्जन से अधिक बच्चों को किया जा रहा रेफर

कोरोना ने बच्चों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। इसका ताजा उदाहरण चिल्ड्रेन अस्पताल है जहां आधा स्टाफ कोरोना संक्रमित हो चुका है। ऐसे में मरीजों के इलाज में मुश्किलें पेश आ रही हैं। ओपीडी में ऐसे कई बच्चे आ रहे हैं, जिनको कोरोना जैसे लक्षण हैं और इनको रोजाना रेफर किया जा रहा है। अधिकतर बच्चे मौसमी बीमारियों से पीडि़त होकर आ रहे हैं।

एक-एक कर सब हुए आइसोलेट

पिछले 20 से 25 दिनों में चिल्ड्रेन अस्पताल के एक दर्जन डॉक्टर और स्टाफ कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। सर्दी, जुकाम और खांसी जैसे लक्षण आने के बाद जांच कराने में कोरोना की पहचान हो रही है। यह डॉक्टर शिफ्ट वाइज बच्चों का इलाज कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा जूनियर डॉक्टर्स शामिल हैं। बच्चों के इलाज की जिम्मेदारी इनके कंधों पर ही है। अधिकारियों का कहना है कुछ डॉक्टर्स ठीक होकर वापस आ गए हैं जिससे स्टाफ की कमी की क्राइसिस कम हुई है। वर्तमान में अस्पताल के एचओडी डॉ। मुकेश वीर सिंह भी कोरोना पाजिटिव हो गए हैं।

ओपीडी से किए जा रहे रेफर

चिल्ड्रेन अस्पताल आसपास के तमाम जिलों के बीच एक मात्र रेफरल अस्पताल है।

यहां बच्चों की गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है।

यह नान कोविड अस्पताल है इसलिए यहां कोरोना के मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है।

लक्षण वाले मरीजों को ओपीडी से ही संदेह के आधार पर रेफर कर दिया जाता है।

इनकी जांच एसआरएन अस्पताल में होती है और पॉजिटिव आने पर बच्चों को यही बने वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया जाता है।

अधिकारियों का कहना है कि रोजाना सात से आठ बच्चों को एसआरएन भेज दिया जाता है।

जिन बच्चों के पैरेट्स पॉजिटिव हैं उनको सीधे एसआरएन जाना होता है।

बिना परिजन भर्ती करना भी मुश्किल

अस्पताल में संक्रमण फैलने का दूसरा बड़ा कारण परिजनों को भी माना जा रहा है। अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों के साथ उनके परिजन भी मौजूद रहते हैं। जिसकी वजह से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। डॉक्टर्स का कहना है कि छोटे बच्चों को उनके परिजनों के बिना भर्ती भी नहीं किया जा सकता है।

इस बार बच्चों को भी नहीं बख्श रहा कोरोना

इस बार कोरोना बच्चों को भी नहीं बख्श रहा है। 12 साल से कम उम्र के बच्चों में कोरोना की पहचान हो रही है। इन बच्चों में कोरोना के लक्षण भी दिख रहे हैं लेकिन भगवान का शुक्र है वह ठीक भी हो रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि बुजुर्गो के साथ बच्चों को भी दूसरों से अलग रखने की जरूरत है। उनको घर पर भी संभव हो तो मास्क पहनाकर रखें।

हमारा अस्पताल नान कोविड है इसलिए हम कोरोना संक्रमित बच्चों को भर्ती नहीं कर सकते। उनको लक्षण के आधार पर रेफर किया जाता है। फिर भी संकमण के चलते हमारा कई स्टाफ पाजिटिव हो चुका है। इस बार बच्चों में भी कोरोना फैल रहा है।

डॉ। अनुभा श्रीवास्तव

प्रभारी एचओडी, चिल्ड्रेन अस्पताल प्रयागराज