- आरटीपीसीआर रिपोर्ट पर अधिक बल देने से बदली स्थिति

- 29 मार्च के बाद 50 से कम हुए कोरोना मामले

प्रयागराज- सरकार द्वारा एंटीजन के मुकाबले आरटीपीसीआर जांच पर अधिक बल देने का नतीजा सामने आने लगा है। शासन का कहना है कि एंटीजन और आरटीपीसीआर की जांच का अनुपात 50-50 होना चाहिए। जिसके चलते अब लोगों को आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट दो से तीन दिन में मिलने लगी है। पहले यह रिपोर्ट पांच से छह दिन में मिल रही थी।

पूरी क्षमता के साथ चल रही जांच

एमएलएन मेडिकल कॉलेज की लैब के अधिकारियों काक हना है कि इस समय पूरी क्षमता के साथ मरीजों की आरटीपीसीआर जांच की जा रही है। देखा जाए तो मंगलवार को कुल 10519 लोगों केकोरोना सेंपल लिए गए। इनमें से 5370 की एंटीजान जांच की की गई और 4876 लोगों की आरटीपीसीआर जांच की गई है। दोनो जांच के ग्राफ में अंतर काफी कम हो गया है। इस समय दो मशीने हैं और दोनों से आरटीपीसीआर की अधिकतम जांच की जा रही है।

29 मार्च के बाद आए 50 से कम मामले

मंगलवार को कुल 48 कोरोना मामले सामने आए हैं। इसके पहले 29 मार्च को 60 मामले आए थे और इसके बाद कोरोना का ग्राफ तेजी से बढा था। इसका मतलब कि 57 दिनों में वापस कोरोना का ग्राफ 50 पर आ गया है। स्वास्थ्य विभाग इसे अपना एचीवमेंट मान रहा है। कोरोना नोडल अधिकारी डा ऋषि सहाय का कहना है कि हमने तेजी से कोरोना के ग्राफ को नीचे किया है और इसे सफलता कहा जा सकता है। 126 लोग डिस्चार्ज किए गए हैं और दो मरीजों की 24 घंटे में कोरोना से मौत हो गई है।

11 हजार ने कराया वैक्सीनेशन

मंगलवार को कोरोना वैक्सीनेशन कराने वालों की संख्या में बढोतरी रही। कुल 11645 ने कोरोना की सुई लगवाई और इसमें से 11554 ने पहली व 91 लोगों ने दूसरी डोज लगवाई है। अब तक जिले में 513713 लोग कोरोना वैक्सीन लगवा चुके हैं। 74290 वैक्सीन इस समय जिले में बची हुई हैं।

डीएम ने किया एसआरएन का निरीक्षण

इस बीच डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने मंगलवार को एसआरएन अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने सडक पर पड़े मलबे को साफ करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने समीक्षा बैठक में गाइड लाइन के अनुसार आक्सीजन आपूर्ति, दवाएं, आईसीयू बेड आदि के बारे में बोर्ड लगाने के आदेश दिए हैं। कहा कि जो भी मरीज आ रहे हैं उनकके समुचित इलाज दिया जाए। मौके पर नगर आयुक्त रविरंजन, प्रिंसिपल एसपी सिंह आदि उपस्थित रहे।