पाजिटिव मामलों में सबसे आगे निकला प्रयागराज

1200 से अधिक मौतें मंडल में दर्ज, लगातार घट रहे सक्रिय मामले

प्रयागराज मंडल में कोरोना पाजिटिव मामले एक लाख से अधिक हो चुके हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार रीजन में सबसे ज्यादा संक्रमित प्रयागराज में पाए गए हैं और दूसरे नंबर पर प्रतापगढ़ जिला रहा है। इसी तरह कोरोना से हुई मौतों के मामले में प्रयागराज नंबर वन पर रहा। रीजन में कोविड से सबसे कम मौतें कौशांबी में दर्ज की गई हैं। यहां पर सक्रिय केसेज भी सबसे कम हैं।

मीलों आगे निकला प्रयागराज

मंडल में प्रयागराज ने कोरोना के आंकड़ों में सबसे ज्यादा नाम कमाया है।

तमाम आंकड़ों में हमारा जिला दूसरों से मीलों आगे निकल गया है।

देखा जाए तो केवल कोरोना पाजिटिव केसेज के मामलों में प्रयाग में 76966 संक्रमित अब तक पाए गए हैं।

यह केसेज कोरोना की पहली और दूसरी लहर को मिलाकर हैं।

एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि इसका मेन कारण प्रयागराज की आबादी का अधिक होना है।

जिले की आबादी अधिक है और जनसंख्या की डेंसिटी इतनी ज्यादा है कि संक्रमण आसानी से एक से दूसरे में पहुंच जाता है।

यही कारण है कि मंडल में बाकी जिलों से प्रयागराज कई हजार आगे पहुंच गया है।

क्या कहते हैं आंकड़े

जिला पाजिटिव मामले निगेटिव मामले मृतक सक्रिय मामले

प्रयागराज 78166 76966 940 260

कौशांबी 4454 4378 66 10

फतेहपुर 6757 6610 130 17

प्रतापगढ़ 10732 10465 159 108

कुल योग 100109 98419 1295 395

रिकवरी रेट में भी नंबर वन

अन्य जिलों के मुकाबले प्रयागराज का रिकवरी रेट भी अब तक अच्छा रहा है।

कुल 76966 मामले निगेटिव पाए गए हैं जो कुल पाजिटिव मामलों का 98.46 फीसदी रहे हैं।

940 लोगों की केारोना से मौत दर्ज की गई है।

दूसरे नंबर पर कौशांबी रहा है जहां रिकवरी रेट 98.29 दर्ज किया गया है।

तीसरे नंबर पर फेतहपुर जिला 97.82 और चौथे पर प्रतापगढ़ 97.51 फीसदी के साथ रहा है।

शुरुआत में प्रयागराज का रिकवरी रेट काफी धीमा था लेकिन बाद में इसकी गति में अधिक परिवर्तन हुआ है।

जानकारों का कहना है कि संक्रमण का फैलाव अधिक होने से कई लोगों में इम्युनिटी स्ट्रांग होने से उनमें लक्षण भी नजर नहीं आए।

ऐसे में एक बड़ी संख्या में लोग खुद भी रिकवर हुए हैं। इससे रिकवरी रेट बढ़ गया है।

पिछले साल अप्रैल में कोरोना मामलों ने जिले में दस्तक दी थी। इसके बाद से अभी तक एक भी दिन के लिए प्रयागराज कोरोना मुक्त नही हुआ है। यही कारण है कि यहां मामले रीजन में सबसे ज्यादा हैं। लेकिन हमारे यहां का रिकवररी रेट भी कही ज्यादा है।

डॉ। सतेंद्र राय

एसीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज