मंगलवार को 6000 से अधिक के टेस्ट में सामने आए सिर्फ दो केस

अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या सिर्फ पांच, एसआरएन में हैं मरीज

पिछले साल अप्रैल में आया था जिले का पहला केस

अप्रैल में शुरूआत हुई। अगस्त-सितंबर में यह अपने पीक पर रहता। पब्लिक को धड़ाधड़ा वेंटीलेटर पर पहुंचा रहा था। मौत से संघर्ष में सैकड़ों को हार का सामना करना पड़ा। आतंक का पर्याय रहा कोरोना सिर्फ दस महीने में 'वेंटिलेटर' पर पहुंच गया है। पब्लिक स्ट्रांग हो चुकी है और कोरोना प्रयागराज में अंतिम सांस ले रहा है। रोज होने वाली कोरोना जांच और सामने आने वाले केसेज का आंकड़ा तो ऐसा ही संकेत दे रहा है। मंगलवार को प्रयागराज में सिर्फ दो नए केस सामने आए। पिछले एक सप्ताह से रोज आने वाले नए केसेज का आंकड़ा दहाई को पार नहीं कर पा रहा है।

शहर से लेकर देहात तक राहत

कोरोना केसेज के चलते पांच महीने पहले तक शहर ही नहीं रूरल इलाकों में भी लोगों में भय बना हुआ था। अब शहर से लेकर देहात तक के लोगों के लिए राहत भरी खबर आ चुकी है। अलग बात है कि अब वैक्सीनेशन भी शुरू हो चुका है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के पास उपलब्ध आंकड़े स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त हैं। यह गवाही देते हैं कि दुनिया को हिलाने वाला वायरस प्रयागराज में अंतिम सांसें गिन रहा है। अफसरों की कमरतोड़ मेहनत और पब्लिक के सपोर्ट व धैर्य का सुकून भरा परिणाम सामने आ चुका है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अफसर अब भी कह रहे हैं कि लापरवाही न बरतें।

जमाती था जिले में पहला केस

प्रयागराज की धरती पर कोरोना की इंट्री पांच अप्रैल 2020 को हुई थी। इस दिन जिले में पहला केस सामने आया था। लॉकडाउन के 12वें दिन आई एक व्यक्ति की रिपोर्ट पाजिटिव थी। इसी के बाद समूचे जिले में दहशत का माहौल बन गया था। जिस व्यक्ति की रिपोर्ट पाजिटिव मिली थी वह इंडोनेशिया का रहने वाला जमाती था। वह पुराने शहर में स्थित मुन्ना मस्जिद में रह रहा था। वह दिल्ली में आयोजित तब्लीगी जमात में शामिल होने के बाद लौटा था और लॉकडाउन के चलते प्रयागराज में रुक गया। पाजिटिव जमाती को कोटवा एट बनी के कोविड एल-1 हॉस्पिटल में रखा गया था। इसके बाद जिले में बचाव को लेकर मुहिम छेड़ दी गई।

कोरोना के चलते बदले हालात

सरकारी हॉस्पिटल कोरोना में कन्वर्ट कर दिये और प्राइवेट में सीधे इलाज बंद हो गया

कोटवा एट बनी जिले का पहला एल थ्री ग्रेड का हॉस्पिटल बनाया गया था

एसआरएन को शुरू से एल-वन कैटेगिरी के पेशेंट्स के लिए आरक्षित रखा गया था

इसके अलावा यूनानी मेडिकल कॉलेज, रेलवे हॉस्पिटल, बेली हॉस्पिटल समेत आधा दर्जन हॉस्पिटल कोविड पेशेंट के लिए तैयार किये गये

अस्पतालों में सुविधाएं बड़े पैमाने पर अपग्रेड की गयीं

एसआरएन हॉस्पिटल को तीन सौ नए बेड मिल गये

इस अस्पताल में वेंटीलेटर और हाई फ्लो आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध हो गयी

यहां ब्लड टेस्ट की अत्याधुनिक मशीन आ गयी। यह भविष्य में भी बड़े काम की साबित होगी

हर शख्स की तपस्या लाई रंग

दौर लॉकडाउन का था, हर व्यक्ति घरों में कैद हो गया। फ्रंट लाइन में शामिल पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के जवान जान हथेली पर रखकर लोगों की हिफाजत में जुट गए।

लॉकडाउन खिंचा तो तमाम लोगों के खाने के लाले पड़ गए। ऐसे में उनकी मदद के लिए जिले के व्यापारी, राजनीतिज्ञ, आर्थिक रूप से सम्पन्न लोग व आप पब्लिक भी आगे आ गई थी।

संघर्षो के इस दौर में हर शख्स कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़े। महामारी को मात देने में उन बच्चों ने भी भूमिका अदा की जो घरों के बाहर खेला कूदा करते थे।

एक-एक व्यक्ति और शख्स की व सरकारी विभागों की मेहनत आज रंग लाई। परिणाम सामने है कि कोरोना के पॉजिटिव केस की तादात सौ ही नहीं पचास से भी कम हो गई।

05

अप्रैल को प्रयागराज में सामने आया था पहला केस

06

मई को प्रयागराज में हुई थी कोरोना से पहली मौत

10

सितंबर को सामने आए थे सबसे ज्यादा 443 केस

16

फरवरी को नए एक्टिव केस सिर्फ दो सामने आये

छह दिन की कोरोना रिपोर्ट

तारीख पाजिटिव डिस्चार्ज एचआई

11 फरवरी 16 -- 16

12 फरवरी 09 -- 15

13 फरवरी 08 03 11

14 फरवरी 04 02 07

15 फरवरी 07 09 06

16 फरवरी 02 07 06

बेशक, पॉजिटिव केस की तादाद में गिरावट आई है। मगर, जब तक सब को वैक्सीन न लग जाय हर व्यक्ति को सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है। सुरक्षा के उपाय को सभी जरूर अपनाएं।

प्रभाकर राय,

सीएमओ प्रयागराज