करीब दो महीने बाद जिला एवं सत्र न्यायालय में शुरू हुई केस फाइलिंग और हियरिंग
जिला एवं सत्र न्यायालय में बुधवार से फिलिकल वर्किंग शुरू हो गयी। कोरोना गाइड लाइन को फालो करते हुए कोर्ट भी बैठी और अधिवक्ता भी कोर्ट के भीतर पहुंचे। इसके साथ ही दो महीने बाद अधिवक्ताओं की लाइफ स्टाइल भी चेंज हो गयी है। करीब दो महीने तक घर में बंद रहे अधिवक्ता घरों से निकले तो बड़ी राहत महसूस करने लगे। कचहरी में सुबह से ही उन्होंने उपस्थिति दर्ज करा दी थी। उनका मानना है कि जिंदगी अब फिर से पटरी पर लौट आएगी और सब कुछ पहले जैसा हो जाएगा।
गवाही में डीजे की परमीशन जरूरी
बुधवार से डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र का फिजिकल दाखिला होने लगा। निषेधाज्ञा वाद, मोटर एक्सीडेंट, दीवानी वाद दाखिला करने के साथ ही इन मामलों में सुनवाई और बहस जैसे काम अधिवक्ता कोर्ट में जाकर पहले की तरह करते दिखे। वादकारियों को कोर्ट में पेश भी करवाया जा सकेगा। अधिवक्ताओं ने बताया कि केवल दीवानी वाद व सत्र न्यायालय में विचाराधीन वाद में गवाही के लिए जिला जज से अनुमति की आवश्यकता होगी। बगैर जिला जज की अनुमति के दीवानी वाद और सत्र न्यायालय में विचाराधीन वाद में गवाही नहीं होगी।
फिजिकल वादों के दाखिले और सुनवाई से सभी अधिवक्ताओं को काफी राहत मिलेगी। लॉकडाउन में वादकारी तो दूर अधिवक्ता भी आने से परहेज कर रहे थे। इस बीच मिले वक्त को मैं घर के कुछ जरूरी काम को करने में लगाया। काम पड़ने पर ही कचहरी आते थे। इसके बाद जो वक्त बचे उसमें रिश्तेदारियों व परिवार के बीच बिताया।
गौरव मिश्रा
अधिवक्ता जिला कचहरी
कोरोना कॉल में कोई बाहर नहीं निकल रहा था। कचहरी में फिजिकल वर्किंग ठप थी। ऑनलाइन सुनवाई की व्यवस्था सबके लिए सूटेबल नहीं थी। लॉकडाउन में कचहरी व वादकारियों के पेंडिंग वर्क जैसे फाइल बनाना व मुकदमों को अच्छी तरह पढ़कर समझने में लगाया।
पंकज कुमार त्रिपाठी
अधिवक्ता जिला कचहरी
कोविड पीरियड में इतने जरूरी वाद नहीं रहे जिसमें हमें ऑनलाइन बहस के लिए आना पड़े। इस बीच जो भी वक्त मिला उसे पुराने दोस्तों और सभी रिश्तेदारों के बीच बिताने की कोशिश की। आज तो लगता है जैसे जान में जान आ गयी।
विजय कुमार सिंह
अधिवक्ता जिला कचहरी
सीनियर चेंबर आते थे तो काफी कुछ सीखने को मिलता था। थोड़ा टहजना घूमना भी हो जाता था। पिछले दो महीने के दौरान सब कुछ रुक गया था। लंच, डिनर टाइम पर हो जाता था। फिजिकल वर्क नहीं हो पाता था। इससे आलस लगता था। आज कोर्ट में काम शुरू हो गया तो लगता है जिंदगी पटरी पर लौट आयी है।
आशीष प्रताप सिंह
अधिवक्ता जिला कचहरी
कचहरी आते थे तो दिन भर काम होता था। तमाम लोगों से मिलना-जुलना होता था। भाग दौड़ में दिन बीतता था। कोरोना काल में घर की चहारदीवारी ही सरहद हो गयी थी। इसके चलते पूरी लाइफ स्टाइल डिस्टर्ब हो गयी थी। आज का माहौल देखकर लगता है जिंदगी पटरी पर लौट आएगी।
कपिंजल कुमार
अधिवक्ता जिला कचहरी
कचहरी में पहले की तरह फिजिकल वर्क बुधवार से शुरू हो गया है। केवल दीवानी वाद व सत्र न्यायालय में विचाराधीन वाद में जिला जज की अनुमति लेनी होगी। बाकी के सारे काम पहले की तरह किए जाएंगे।
राधारमण मिश्र
अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ