इविवि से बर्खास्त पूर्व रजिस्ट्रार कर्नल हितेश लव ने बंगला और गाड़ी छोड़ने से किया इंकार
इलाहाबाद विश्व विद्यालय की ओर से कर्नलगंज थाने में पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की गई
ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार के पद से बर्खास्त रिटायर्ड कर्नल हितेश लव का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। क्योंकि उन्होंने अभी मैदान नहीं छोड़ा है। कर्नल ने अब लड़ाई मजबूती के साथ लड़ने का मन बना लिया है।
पहुंचे मकान खाली कराने
ट्यूजडे को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कर्नल हितेश लव की बर्खास्तगी मामले में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि विवि के कर्मचारी और पूर्व रजिस्ट्रार चाहें तो अपना मामला अधिकरण (पंचाट) में ले जा सकते हैं। इसके बाद थर्सडे को विवि के सुरक्षा अधिकारी एपी सिंह और स्टेट मैनेजर राजीव मिश्रा एमएनएनआईटी स्थित कर्नल के सरकारी आवास पर मकान खाली कराने और उनके द्वारा इस्तेमाल वाहन को कब्जे में लेने पहुंच गए।
न छोडं़ूगा बंगला, न दूंगा गाड़ी
कर्नल हितेश लव ने आवास खाली करने और गाड़ी देने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि कोर्ट ने मामले को अधिकरण में ले जाने की बात कही है। ऐसे में विवि प्रशासन को पूरे मामले की जांच के लिए उन्हें मौका देना होगा। यदि विवि प्रशासन ऐसा नहीं करता तो वे दोबारा कोर्ट जाएंगे। जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे।
कर्नलगंज थाने में भेजा पत्र
विवि के चीफ प्रॉक्टर प्रो। राम सेवक दुबे की ओर से कर्नलगंज थाने को पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि हितेश लव निवासी 05 इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कालोनी एमएनएनआईटी रेजिडेन्सियल कैम्पस के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया जाए। कर्नलगंज इंस्पेक्टर से अनुरोध किया गया है कि वह विवि के वाहन संख्या यूपी 70 एजी-2063 को इनके चंगुल से छुड़ाकर कुलसचिव प्रो। एचएस उपाध्याय को तत्काल सुपुर्द करवा दें। इसकी प्रति डीएम, एसएसपी, कुलपति समेत अन्य विवि और पुलिस के अधिकारियों को भेजी गई है।
कुछ यूं है पूरा घटनाक्रम
- विवि कार्य परिषद ने रजिस्ट्रार कर्नल हितेश लव की सेवाएं 17 जून को हुई कार्य परिषद की मीटिंग में समाप्त की
- विवि के एक्शन के बाद रिटायर्ड कर्नल हितेश लव ने कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की सजा मिली है
- उनका इशारा कॉलेजेस में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती समेत कई पदों पर विवादित नियुक्तियों की ओर था
- तब रजिस्ट्रार को हटाने का विरोध कार्य परिषद में प्रो। सीएल खेत्रपाल समेत तीन सदस्यों ने किया था
- बाद में प्रो। सीएल खेत्रपाल को भी कार्य परिषद से इस्तीफा देना पड़ा
- विवि ने वर्ष 2017 में रजिस्ट्रार के पद पर आवेदन मांगे थे
- मेरिट में पहले दो अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रार के पद पर ज्वाइन नहीं किया
- मेरिट सूची में कर्नल हितेश लव का तीसरा स्थान था
- उन्होंने 17 अक्टूबर 2017 को विवि में ज्वाइन किया
- कर्नल को 30 अक्टूबर 2017 को विवि कार्य परिषद की बैठक के बाद रजिस्ट्रार के पद का चार्ज दिया गया
रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट पर एक्शन
- बर्खास्तगी से पहले रजिस्ट्रार पर शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बेवजह काम को डिले करने, काम रोकने, कुलपति के आदेश की अवहेलना, कार्य परिषद की बैठक बुलाने में देरी, कुलपति से एजेंडा पूछने आदि जैसे आरोप लगाए
- विवि की तरफ से जस्टिस आरआरके त्रिवेदी की अध्यक्षता में जांच कमेटी का भी गठन किया गया
- जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 17 जून को कार्य परिषद ने उनकी सेवाएं समाप्त कर दी
- कार्य परिषद में रजिस्ट्रार के कामकाज की समीक्षा के लिए बनाई गई रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट भी रखी गई
- हालांकि, कर्नल का कहना था कि जांच कमेटी ने न उन्हें बुलाया न सुना।
सुरक्षा अधिकारी और स्टेट मैनेजर आए थे। इन्होंने मेरे आवास का ताला तोड़ने की कोशिश की। जबरन वाहन भी लेने की कोशिश की। कहा कि गाड़ी का 2400 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज देना होगा। मैने गाड़ी वहीं छोड़ दी। कहा जो मन आए करें।
रिटा। कर्नल हितेश लव, पूर्व रजिस्ट्रार
कर्नल को उनके कृत्यों के कारण पदमुक्त किया गया। बावजूद इसके वाहन को अपने कब्जे में रखे हैं और इसका दुरूपयोग कर रहे हैं। कर्नल की याचिका भी हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है।
प्रो। एचएस उपाध्याय, वर्तमान रजिस्ट्रार