प्रयागराज ब्यूरो । रातों-रात करोड़पति बनने की ख्वाहिश में ठेकेदार कराए जा रहे निर्माण कार्यों के मानकों में जमकर कटौती कर रहे हैं। मानकों में कटौती से निर्माण कार्यों की गुणवत्ता व मियाद दोनों ही प्रभावित हो रही है। निर्माण कार्यों में ठेकेदारों द्वारा की जा रही यह कटौती कोई एक जगह पर नहीं है। उनके जरिए इस तरह के काम कई स्थानों पर किए जा रहे हैं। यह स्थिति लोगों की सुविधाओं से जुड़े विकास कार्यों में कार्यदायी संस्थाओं के संचालकों द्वारा घपले की दुर्गंध उठ रही है। यह बात हम आप को यूं ही हवा में नहीं बता रहे हैं। कुछ ऐसे ही हैरतंगेज मामले शुक्रवार को नगर आयुक्त के औचक निरीक्षण में सामने आए हैं। मानकों में कटौती को देखते हुए नाराज नगर आयुक्त के द्वारा फर्म मेसर्स पांडेश्वरनाथ इंटरप्राइजेज पर पांच लाख और मेसर्स बिन्द कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एक लाख रुपये अर्थडण्ड लगाने के निर्देश दिए हैं। इस तरह कुल तीन कार्यदायी संस्थाओं के द्वारा कराए जाने वाले कार्यों में खामी पाए जाने पर नगर आयुक्त का पारा चढ़ा रहा।
काली सूची में शामिल होगी एक फर्म
अगले वर्ष 2025 में यहां संगम की रेती पर महाकुंभ का आयोजन होना है। इसी आयोजन के मद्देनजर शहर में विकास कार्यों की आंधी चल रही है। शहर के सिविल लाइंस मुख्य न्यायाधीश आवास से सिविल लाइंस जीपीओ होते हुए लाल बहादुर शास्त्री मार्ग के सुधार का कार्य चल रहा है। अचानक एक्सपर्ट टीम के साथ पहुंचे नगर आयुक्त के जरिए इस कार्य का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में उन्होंने पाया कि इंटरलाकिंग के खुदाई का कार्य काफी धीमा है। इस पर उन्होंने श्रमिकों को बढ़ाकर कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। वहां से टीम के साथ निकले नगर आयुक्त लोक सेवा आयोग गेट नंबर 05 के निर्माण को चेक करने के लिए पहुंच गए। यहां उन्हें पाया कि कॉलम का रेनफोर्समेंट कवर्ड मानक के अनुरूप नहीं मिला। जिसे तत्काल दुरुस्त कराने के निर्देश दिए। साथ ही हिदायत दिए कि यदि दोबारा निरीक्षण में यही हालत मिले तो फर्म मेसर्स आईएससी इंफ्रा पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया।