प्रयागराज (ब्‍यूरो)। मुलायम सिंह यादव को भारत रत्न दिया जा सकता है तो अतीक अहमद भी शहीद हुए हैं। उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। नगर निगम में पार्षद पद पर किस्मत आजमा रहे प्रत्याशी राजकुमार उर्फ रज्जू का यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। कबिस्तान के समीप ही पुलिस का कड़ा पहरा होने के बाद भी वह अतीक की कब्र तक पहुंच गये और उसे तिरंगा भी चढ़ा दिया। उसने यह सब कुछ सोची समझी योजना के तहत किया है क्योंकि उसे इसका कोई अफसोस नहीं है। अतीक की कब्र पर तिरंगा ओढ़ाने की घटना की चौतरफा आलोचना हो रही है। हालांकि, समाचार लिखे जाने के समय तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई पुलिस की तरफ से नहीं की गयी थी।

कांग्रेस ने झाड़ लिया पल्ला
राजकुमार उर्फ रज्जू के बारे में जो फैक्ट सामने आया है उसके मुताबिक वह आजाद नगर साउथ मलाका का रहने वाला है। यहीं से वह पार्षद का चुनाव भी लड़ रहा है। कांग्रेस का कार्यकर्ता था तो पार्टी ने उसे पार्षद का टिकट भी दे दिया था। मंगलवार को उसका वीडियो वायरल हुआ तो कांग्रेस ने उससे दूरी बना ली। शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अंशुमन कुमार मिश्रा अंशुमन की तरफ से जारी किया है। इसमें कहा गया है कि रज्जू के बयान से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। उसे छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।

खूब शेयर हो रहा है वायरल वीडियो
यह वीडियो एक्चुअल कब शूट किया गया है? यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। वीडियो में वह तिरंगा लेकर कसारी मसारी कब्रिस्तान पहुंचता है। वहां दफनाए गए अतीक अहमद और और अशरफ की कब्र के पास खड़ा होता है। पहले अतीक की कब्र पर तिरंगा डालता है और रटने लगा 'देश का झण्डा अमर रहे, अतीक भाई अमर रहे। देश का झण्डा अमर रहे अतीक भाई अमर रहे.Ó फिर खड़े होकर सैल्यूट करता है। इसके बाद बैठकर अतीक के कब्र की ओर दोनों हाथ उठाकर फातेहा पढ़ता है। कहा है, हे बाबा करम करो, हे बाबा करम करो। हे एक लाख 24 हजार पीर पैगंबर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाओ। हे अतीक अहमद तुम अमर हो। मैं तुम्हें भारत रत्न दिलाऊंगा। सम्मान दिलाऊंगा। शहीद का दर्जा दिलाऊंगा। अशरफ अमर रहे, अतीक अहमद अमर रहेÓ फिर कब्र पर सिर रखकर उठा और तिरंगा अतीक के बगल एक दूसरी कब्र के ऊपर डालते हुए 'असरश अमर रहे अतीक अमर रहेÓ की रट लगाने लगा।

यह पूरा मामला धूमनगंज इलाके का है। देर रात तिरंगे के इस अपमान की बाबत कार्रवाई को लेकर जानकारी के लिए धूमनगंज थाना प्रभारी के सीयूजी नंबर पर कई दफा कॉल किया गया। एक बार वह फोन उठाए और मीटिंग में होने की बात कहते हुए कॉल काट दिए। कांग्रेस नेता इरशादउल्ला का कहना था कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसीलिए उसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। वह चुनाव लड़ रहा होगा तो अब अपने दम पर लड़ेगा।