कनिहार जामा मस्जिद के पास किराने की दुकान पर कातिलों ने दिया वारदात को अंजाम

राजनीति के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का भी मो.अकरम किया करते थे काम, कई लोगों से था विवाद

PRAYAGRAJ: होली के दूसरे दिन प्रॉपर्टी डीलर मो। अकरम (37) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घर के पास ही किराने की दुकान पर वह कुछ सामान खरीदने गए थे। दुकान पर पहुंचे ही थे कि चार हमलावर उन पर गोलियां बरसा दिए। मंगलवार रात करीब साढ़े दस बजे गोलियों की तड़तड़ाहट से इलाके में दहशत फैल गई। गोली लगते ही अकरम जमीन पर लड़खड़ा कर गिर पड़े। यह देख घर वाले चीखते चिल्लाते हुए दौड़ पड़े। परिवार के लोग पहुंचते इसके पहले हमलावर पिस्टल लहराते हुए भाग निकले। सूचना पर पुलिस पहुंची तब तक उसकी सांसें चल रही थीं। एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। झूंसी के निहार में हुई इस वारदात की खबर सुनते ही पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। पुलिस अधिकारी व क्राइम ब्रांच की टीम भागकर हॉस्पिटल पहुंची। कत्ल की वजह प्रॉपर्टी का विवाद बताया जा रहा है। अकरम के मौत की खबर घर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया।

घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप

कांग्रेस नेता अकरम झूंसी के कनिहार निवासी मो। रफीक के पांच बेटों में दूसरे नंबर पर थे। वह राजनीति के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का भी काम किया करते थे। इसी धंधे की कमाई से वह बेटियों के साथ पत्‍‌नी सालिया बानों सहित पूरे परिवार को चलाया करते थे। सोमवार को होली व सबेबारात था। जिले भर की फोर्स रविवार से ही गश्त और काफी सख्ती से शांति सुरक्षा में लगी रही। मंगलवार की शाम पांच बजे तक जिले में छिटपुट घटनाओं के सिवाय कुछ भी नहीं था। यह देख शांति व्यवस्था में दो दिनों से लगी पुलिस भी आराम मोड में आ गई। रात करीब साढ़े दस बजे अकरम घर के बगल जामा मस्जिद के पास स्थित किराने की दुकान पर जा पहुंचे। उन्हें कुछ सामान खरीदा था। वह दुकान पर पहुंचे ही थी कि चार लोग उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दिए। गोलियों की आवाज सुनते ही दुकानदार जान बचाने के लिए घर के अंदर की तरफ भागने लगा। जबकि गोली लगने से प्रॉपर्टी डीलर अकरम वहीं पर गिर पड़े। गोलियों की आवाज सुनते ही मोहल्ले में दहशत फैल गई। डर के मारे कुछ लोग अंदर दुबक गए तो कुछ घटना स्थल की तरफ दौड़ पड़े। तब तक अकरम के घर वाले चीखते हुए बदहवास स्थिति में भागते हुए मौके की तरफ चले आ रहे थे। पब्लिक पहुंचती इसके पहले हमलावर वहां पास में स्थित एक अंधेरी गली से होते ही भाग निकले। लोग पहुंचते तो खून से लथपथ अकरम तड़प रहा था। बात झूंसी पुलिस व अफसर तक पहुंची तो उनके भी होश उड़ गए। झूंसी पुलिस भागकर मौके पर पहुंची और अकरम को लेकर एसआरएन हॉस्पिटल पहुंची। हॉस्पिटल पहुंचते ही डॉक्टरों ने प्रॉपर्टी डीलर अकरम को मृत घोषित कर दिया। भाई के मौत की खबर सुनते ही साथ आया गुलजार अहमद चीख पड़ा। वह फोन पर भाई के मौत की खबर घर दिया तो पूरे परिवार में चीखपुकार मच गया। बगैर देर किए पुलिस बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दी। तब तक रात 11 से भी ज्यादा हो चुके थे। थोड़ी देर में ही क्राइम ब्रांच की टीम भी पोस्टमार्टम हाउस जा पहुंची। सभी कातिलों को लेकर आपस में फुसफुसा ही रहे थे कि इतने में एसपी क्राइम भी मौके पर जा पहुंचे। अकरम के कत्ल की वजह प्रॉपर्टी का विवाद बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि उसका प्रॉपर्टी को लेकर कई लोगों से विवाद था। विपक्षियों में उसके कुछ बेहद करीबी भी शामिल हैं।

पहले भी हुआ था जानलेवा हमला

गोली मारकर मौत के घाट उतारे गए कांग्रेस नेता व प्रॉपर्टी डीलर मो। अकरम के ऊपर पहले भी जानलेवा हमला हो चुका था। उस वक्त झूंसी में इसके पूर्व के इंस्पेक्टर तैनात थे। अकरम द्वारा घटना की तहरीर पूर्व इंस्पेक्टर को दी गई थी। मगर उनके जरिए उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी जा रही थी। इस पर वह मामले की शिकायत डीआईजी/एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी से किया था। कहते हैं कि एसएसपी के आदेश पर पूर्व इंस्पेक्टर को मुकदमा लिखना पड़ा था। मुकदमा तो लिखा गया, मगर आज तक इस मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। खैर यह मामला आई बात गई बात में हो गई। अकरम के साथ यह कोई नई घटना नहीं थी। इसके पहले भी उन पर कई दफा हमले हो चुके थे।