उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी और एयू के केंद्रीय सांस्कृतिक समिति व उर्दू विभाग ने आयोजित किया था प्रोग्राम

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी और इवि के केंद्रीय सांस्कृतिक समिति व उर्दू विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अखिल भारतीय मुशायरा एवं कवि सम्मेलन लास्ट ऑवर्स में निरस्त कर दिया गया। सम्मेलन में शाहीनबाग में सीएए और प्रधानमंत्री के खिलाफ आवाज उठाने वाले उर्दू शायर हाशिम फिरोजाबादी तथा शबीना अदीब को प्रस्तुति देनी थी।

अमृत महोत्सव के तहत आयोजन

भारत अमृत महोत्सव के तहत देश के अमर सपूतों के नाम विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन में सीएए और प्रधानमंत्री के खिलाफ शाहीनबाग में आवाज बुलंद करने वाले उर्दू शायर हाशिम फिरोजाबादी तथा शबीना अदीब के अलावा इकबाल अशर, पापुलर मेरठी, ताहिर फराज, मोइन शादाब, भूषण त्यागी, भालचंद त्रिपाठी और कलीम कैसर को आमंत्रित किया गया था। सुबह से इसकी तैयारियां की जा रहीं थीं। इसी बीच इंटरनेट मीडिया पर शाहीनबाग मसले को आधार बनाकर विरोध शुरू कर दिया गया। शाम को तकरीबन सभी आमंत्रित अतिथि सीनेट हाल में पहुंच चुके थे। काफी संख्या में छात्र भी पहुंचे तो प्राक्टोरियल बोर्ड और सुरक्षाकर्मियों ने उनके प्रवेश पर पाबंदी लगा दी। तमाम आमंत्रित बाह्य अतिथियों को भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाल में जाने से रोक दिया।

चीफ गेस्ट ने आने से कर दिया मना

मंच संचालन की प्रक्रिया शुरू होने ही वाली थी कि मुख्य अतिथि कमिश्नर संजय गोयल ने भी सम्मेलन में आने से इन्कार कर दिया। यहां तक कि अध्यक्षता करने वाली विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने भी आने से मना कर दिया। फिर कुछ ही देर में सम्मेलन निरस्त किए जाने की घोषणा कर दी गई। सम्मेलन में शामिल होने आई शबीना अदीब ने कहा कि कानपुर से आते वक्त रास्ते में ही मुझे पता चल गया था कि ऐसा क्यों हो रहा है। विश्वविद्यालय ने मेरा अपमान किया है। आजादी का महोत्सव बनाने आए थे कोई नाच-गान करने नहीं।

कुछ अपरिहार्य कारणों से सम्मेलन रद्द हो गया। इस कार्यक्रम से कुलपति कार्यालय का कोई संबंध नहीं है। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा आयोजित किया जा रहा था।

-डा। चित्तरंजन कुमार, असिस्टेंट पीआरओ