प्रयागराज (ब्यूरो)। जिले के अंदर ही एक महीने के अंतराल दीवार व छत गिरने से कई घटनाएं सामने आ चुकी है। जहां कई की जान चली गई तो कई अस्पताल में भर्ती हैं। इस तरह की घटनाओं के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों के आंख नहीं खुल रही है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने जब सरकारी भवनों का रियलिटी चेक किया तो मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, होमगार्ड कार्यालय, फूड एंड लाइसेंस डिपार्टमेंट, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी प्रखंड-4 कार्यालय, ई-स्टाम्पिंग सुविधा केंद्र आदि कार्यालय का खस्ताहाल मिला। इन कार्यालय के अंदर व बाहर की स्थिति देखकर ऐसा लग रहा था कि किसी भी दिन जानलेवा साबित हो सकते है। जर्जर भवनों के अंदर अफसर से लेकर कर्मचारी तक आराम से बैठकर काम निपटा रहे थे। कुछ लोग ज्यादा जर्जर एरिया तरफ लगे चेयर पर बैठने से बच रहे थे।
केस 01
सिविल लाइंस स्थित क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी प्रखंड-4 कार्यालय के भवन की हालत काफी जर्जर है। भवन की छत से प्लास्तर तकरीबन गिर चुका है। छत पर लगी सरिया भी जंग खाकर गिरने लगी है।
केस 02
टीबी सप्रू रोड स्थित जिलाधिकारी एवं नियंत्रक नागरिक सुरक्षा कार्यालय का भी हाल कुछ ठीक नहीं मिला। इस कार्यालय की दीवारों पर पेड़ उगे मिले। दीवारों की हालत भी बदतर है। वहां काम करने वाले स्टाफ बताते है कि जो कंडीशन दिख रही है। कुछ खासा ठीक नहीं है। अंदर से बिल्कुल कमजोर है। ऊपर-ऊपर कुछ जगहों का मरम्मत कराया गया है।
केस 03
कचहरी समीप फूड एंड लाइसेंस डिपार्टमेंट कार्यालय के बाहर देखने से कुछ हद तक ठीक लग रहा था। अंदर प्रवेश करते ही हर तरफ प्लास्टर उखड़ा हुआ नजर आ रहा था। डीओ कार्यालय के अंदर मौजूद थी। उनके चेयर के ऊपर की दीवार का भी प्लास्टर उखड़ा था। ज्यादातर एरिया में सीलन की समस्या बनी हुई थी। वहीं उनके ठीक बगल के कमरे में उससे खस्ताहाल था। कुछ ऊपर के एरिया को छोड़कर प्लास्टर लटक रहा था। लोग ऊपर का आलम देख चेयर लगा कर काम रहे थे।
केस 04
फूड एंड लाइसेंस डिपार्टमेंट के बाहर बने ई-स्टाम्पिंग सुविधा केंद्र का हालत और ज्यादा खस्ता था। छज्जा का कुछ हिस्सा लटका हुआ था। ऊपर से पानी टपक रहा था। कोने का सहारा लेकर चेयर डालकर लोग काम कर रहे थे। खड़े होने में डर सा महसूस हो रहा था। पता नहीं कब कौन सा हिस्सा गिर जाये।