प्रयागराज (ब्‍यूरो)। सोशल मीडिया के इस जमाने में पीसीएस 23 के टापर्स ऑनलाइन की जगह सेल्फ स्टडी पर अधिक भरोसा करते हैं। उनका कहना है कि सेलेबस के हिसाब से पढऩा चाहिए। किसी भी सब्जेक्ट को हल्के में नही लेना है। टॉपिक का रिवीजन बार बार किया जाना चाहिए। उन्होंने इस मुकाम को पाने के लिए इंटीग्रेटेड पैटर्न पर स्टडी की। कुछ टापर्स ऐसे भी हैं जो पहले से जॉब पर हैं, इसलिए उन्होंने पुरानी गलतियों को दूर करने में अधिक दिमाग लगाया। जिसका फायदा भी उन्हे मिला। प्रिलिम्स, मेन्स से लेकर इंटरव्यू तक उन्होने सभी समस्याओं को आसानी से साल्व कर लिया।

23 से 30 फीसदी तक ही निर्भरता
मंगलवार रात उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस-2023 का फाइनल रिजल्ट जारी किया गया। इसके टॉप 20 टापर्स से हमने बात की। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सात सवालों पर उनसे बातचीत की और जवाब लिया ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए कुछ मॅटिरियल उपलब्ध हो। रिपोर्टर के सवालों के जवाब में टॉपर्स ने कहा कि सक्सेज के लिए समग्र पढ़ाई के अलावा कोई रास्ता नहीं है। शार्टकट से संभव है कि एक पायदान पर सफलता मिल जाए लेकिन हमेशा ध्यान में रखें कि प्री के बाद मेंस और फिर इंटरव्यू भी देना है। उनका कहना था कि सोशल मीडिया पर उपलब्ध कंटेंट पर उतना ही भरोसा करें जिससे काम चल जाए। लिजेंड्स की स्पीच, आईएएस, पीसीएस के इंटरव्यू के वीडियो, देश की अव्वल कोचिंग्स के वीडियो आदि को फालो भले ही कर लें लेकिन पढ़ाई आफलाइन मोड में ही करें। अपनी स्टडी को प्रीलिम्स और मेंस के सब्जेक्ट्स और पेपर्स को उनके पैटर्न के हिसाब से ही करें। लापरवाही रिजल्ट खराब कर सकती है।

यूट्यूब सबसे ज्यादा रहा करीब
हमारा टाप बीस में से आठ टापर्स से संपर्क हो सका। बातचीत में दो ने बताया कि उनका तो सोशल मीडिया पर कोई एकाउंट ही नही है। बाकी का एकाउंट तो था लेकिन उन्होंने इनका अधिक इस्तेमाल नही किया। परीक्षा की तैयारी में सबसे ज्यादा यूज यूट्यूब का किया गया। इसके अलावा टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप का इस्तेमाल किया गया। कुछ ने पीआईबी को फालो किया तो किसी ने सिविल सर्विसेज चैनल को देखा। उन्हें इसका फायदा भी मिला। टापर्स का कहना है कि सोशल मीडिया पर भटकाव अधिक है। आपको इतने अधिक आप्शन मिल जाते हैं कि आप अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं। इसलिए अपने बनाए नोट्स पर भरोसा करें और कम समय में अधिक नालेज एकत्र करने के चक्कर में मत पड़ें।

एक्सपीरियंस आया काम
प्रदेशभर में दूसरी रैंक हासिल करने वाले प्रयागराज के प्रेम शंकर पांडेय पहले से जॉब में हैं। इसलिए उन्हें पढऩे का अधिक समय नहीं मिला। वह रोजाना तीन से चार घंटे की प्रिपरेशन कर रहे थे। उनका कहना है कि आपका अनुभव भी आपके काम आता है। इसी तरह से 15वीं रैक प्रदेश में प्राप्त करने वाले मयंक कुंदू ने पढाई के साथ अनुभव का पूरा लाभ लिया। वह भी एक अधिकारी के पद पर तैनात हैं। वह कहते हैं कि यह तीसरा चांस था इसलिए फुल तैयारी की थी। पुराने फेल्योर से सीखने का मौका भी मिला। जिसका पूरा यूज किया गया। बाकी टापर्स ने 6 से 10 घंटे रोजाना पढाई पर ध्यान लगाया।

सभी सब्जेक्ट्स पर ज्यादा ध्यान दिया। कहीं कम या ज्यादा नहीं किया। रोजाना आठ से दस घंटे पढ़ाई करने के बाद सफलता हाथ लगी है। रोजाना दो घंटे सोशल मीडिया को भी देते थे। यहां पर यूट्यूब और इंस्टाग्राम से कुछ मटेरियल मिल जाता था। घटनाचक्रम और विजय आईएएस के जरिए करेंट अफेयर्स पर पकड़ बनाई। मेरी हॉबी बैडमिंटन है और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम मेरे फेवरेट पर्सन हैं।
सिद्धार्थ गुप्ता, पीसीएस टापर रैंक वन

रोजाना तीन से चार घंटे पढ़ाई की और हमेशा काम्बिनेशन में स्टडी करता था। मेरा सिविल सर्विसेज प्रिपरेशन करने वालों से कहना है कि वह मन से तैयारी करें। स्टडी मटेरियल बेहतर रखें। मैंने अपनी तैयारी में सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल किया। यूट्यूब और टेलीग्राम से काफी सहायता मिली। न्यूज पेपर और घटनाचक्र के जरिए करेंट अफेयर्स की नालेज हो जाती है। फिटनेस के लिए क्रिकेट खेलना मेरी हॉबी है और पूर्व राष्ट्रपति कलाब साहब और महात्मा गांधी मेरे फेवरेट हैं।
प्रेमशंकर पांडेय, पीसीएस टापर रैंक टू

पूरे सेलेबस से पढ़ाई की। शार्ट नोट्स बनाएं और उसका बार बार रिवीजन किया। जो तैयारी कर रहे हैं उनको सजेशन है कि कभी भी भटकिए मत। एक प्लान बनाकर उसी प्रकार स्टडी करिए। मैंने सोशल मीडिया का काफी कम यूज किया। यू ट्यूब पर स्टडी फार सिविल सर्विसेज चैनल को फालो किया और उसका लाभ भी मिला। करेंट अफेयर्स के लिए घटनासार और दृष्टि मैगजीन का नियमित पाठक रहा हूं। मेरे फेवरेट मेरे पिताजी जगदीश श्रीवास्तव हैं।
स्वास्तिक श्रीवास्तव, पीसीएस टापर रैंक थ्री

हार्ड वर्किंग, इंटीग्रेटेड स्टडी सहित निरंतर लगे रहने से सिविल सर्विसेज में सफलता मिलती है। मेरा यंगस्टर्स से कहना है कि सिलेबस के अनुसार ही हमेशा तैयारी करें। सोशल मीडिया पर मटेरियल तो बहुत है लेकिन उसमें भटकाव भी उतना ही अधिक है। मैंने यूट्यूब चैनल पर आईएएस और आईपीएस के वीडियोज देखकर मोटीवेशन हासिल किया। मेरी हाबी लेखन की है और अक्सर कुछ न कुछ सृजित करता रहता हूं। महात्मागांधी मेरे फेवरेट पर्सन हैं।
शिव प्रताप, पीसीएस टापर चौथी रैंक

मेरा सोशल मीडिया पर अभी तक कोई एकाउंट नही है। सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए भले ही व्हाट्सऐप और टेलीग्राम की थोड़ी मदद ली। पालिटी, हिस्ट्री और जियोग्राफी पर अधिक मेहनत करनी पड़ी। यह सब्जेक्ट मेरी प्रायरिटी पर थे। रोजाना चार घंटे शुरुआत में पढ़ाई लेकिन एग्जाम नजदीक आने पर इस ड््यूरेशन को बढ़ाकर सात घंटे कर दिया गया। मेरा कहना है कि जो लोग एग्जाम्स की तैयारी कर रहे हैं वह डेडिकेटेड होकर पढ़ें। निरंतर मेहनत करने से ही परिणाम हासिल होता है।
निधि शुक्ला, पीसीएस टापर आठवीं रैक

मेरी कोशिश थी कि कम समय में अधिक से अधिक पढ़ाई की जाए। मेरा कहना है कि सिविल सर्विसेज में सिलेबस के अनुसार पढ़ाई करने से काफी सफलता मिलती है। करेंट अफेयर्स के लिए घटनाचक्र सार और ई दृष्टि मैगजीन को पढ़ा। सोशल मीडिया से भी सहायता मिली। लेकिन ये डिस्ट्रैक्ट भी बहुत करता है इसलिए जो लोग तैयारी कर रहे हैं उन्हे सतर्क रहना होगा। क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही से आप मंजिल से काफी दूर निकल जाएंगे। मेरी हॉबी कुकिंग और वाकिंग हैं। फेवरेट पर्सन महेंद्र सिंह धोनी हैं।
सुमिष्ठा सिंह, पीसीएस टाप 16वीं रैंक

पहले से जॉब में था इसलिए पता था कि इंटरव्यू और मेंस में कौन सी गलती हो सकती है। इस बार तीसरा अटेम्प्ट था इसलिए पूरी तैयारी के साथ एग्जाम में बैठा और सफलता मिल गई। मेरा कहना है कि कम से कम सिलेबस को बार बार रिवाइज करना चाहिए। क्योंकि आप जितनी बार चीजों को रिपीट करते हैं वह उतनी बेहतर तरीके से याद हो जाती है। मेरा सोशल मीडिया पर एकाउंट नही है और अब इच्छा भी नही होती है। मेरी पढ़ाई पूुरी तरह से आफलाइन थी। मैं नेशनल लेवल स्वीमिंग प्लेयर हूं और कई बार ओलंपिक मेडल जीतने वाले माइकल फिलिप्स मेरे आदर्श हैं।
मयंक कुंडू, पीसीएस 2023, रैंक 15