प्रयागराज ब्यूरो । दिव्यांगजनों को कमजोर और लाचार समझने वालों की गलतफहमी आज निश्चित रूप से दूर हो जाएगी। सैकड़ों दिव्यांगजन मजबूरियों को मात देते हुए अपने हुनर से भविष्य को गढने में जुटे हैं। अदम्य हौसले के साथ वह कुछ कर गुजरने के भगीरथ प्रयास में जुटे हुए हैं। ठीक से हाथ काम नहीं करते बोलने में भी दिक्कत है। बावजूद इसके इनकी कलाकारी मजबूरियों का रोना रोने वालों के लिए एक बड़े सबक से कम नहीं है। उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र में इन दिव्यांगों के द्वारा निर्मित उत्पाद के स्टाल और प्रदर्शनी को देखकर हर कोई स्तब्ध था। एक से बढ़ कर एक कलाकृतियां प्रदर्शन में पहुंचे लोग ही नहीं अफसरों को भी मंत्रमुग्ध करती रहीं। उनके इस चमत्कारी हुनकर का जलवा देखना है तो आप को तीन दिवसीय राज्य स्तरीय इस दिव्यांग कला मेला में आना होगा।
हुनर ऐसा कि हर कोई रहा स्तब्ध
प्रदर्शनी में आए दिव्यांग इशारों में अपनी सारी बात लोगों को समझाने की कोशिश करते हैं। उनकी भाषा को समझने के मौजूद एक्सपर्ट एक्सप्लेन करते हैं। मम्फोर्डगंज में दिव्यांगजनों के लिए काम करने वाली एक संस्था से करीब 50 युवा जुड़े हैं। बताया गया कि संस्था के जरिए इन छात्रों को पढ़ाने के साथ कागज का थैला व कपड़ों के फूल और अगरबत्ती आदि बनाने की ट्रेनिंग दी गई। लगन और मेहनत से दिन रात एक करके यह दिव्यांग उन सामग्रियों को बनाने का तरीका सीखे। आज उनके हुनर के जलवे को देखकर हर कोई स्तब्ध है। उमंग उर्फ कृष्णा चौधरी, अनिरुद्ध श्रीवास्तव, वैभव त्रिपाठी जैसे दर्जनों दिव्यांग आकर्षक सामग्रियों का निर्माण करते हैं। इन युवाओं के जरिए बनाई गई मिट्टी की मूर्तियां और उसकी पेटिंग लोगों का मन मोह रही थी। अगरबत्ती व कपड़े और कागज के फूल आदि की बात ही निराली है। इतना ही नहीं, कई ऐसे दिव्यांगजन यहां सामने आए जिन्होंने कास्ट कला में महारत हासिल कर रखी है। उनके जरिए लकड़ी की बंदूक, बेल और एक से बढ़कर एक घर गृहस्थी के सामान और खिलौनों का निर्माण किया जा रहा है। कपड़े और कागज के थैले एवं शूट आदि और पेंटिंग बनाने में भी कई दिव्यांग दक्ष हैं।
मुंह से बनाया चित्र और की शानदार पेंटिंग
झूंसी आवास विकास कॉलोनी में दिव्यांगों के लिए काम करने वाली संस्था की एक बलिका का हुनर सबसे अलहदा है। वह ठीक से बोल नहीं पाती हाथ और भी काम बहुत ठीक नहीं है। बावजूद इसके मुंह से मोबाइल चलाने के साथ खूबसूरत पेंटिंग बनाने में भी माहिर है। प्रदर्शनी में वह मुंह से आकर्षक चित्र बनाकर उसकी बारीकी व सफाई के साथ पेंटिंग की तो लोग भौचक रह गए। उसके हुनकर को देखते हुए डीएम ने संजय खत्री जमकर तारीफ की। वह इसकदर प्रभावित हुए कि उसके साथ तस्वीर खिंचाकर हौसला बढ़ाने से खुद को नहीं रोक सके। इस प्रदर्शनी में ऐसे एक दो नहीं कई हुनरमंद दिव्यांगों की अनूठी कला देखने को मिली जो हर किसी के लिए किसी सबक से नहीं है।