ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पब्लिक की शिकायत पर हो रहा एक्शन
लॉकडाउन के दौरान ट्विटर पर सबसे ज्यादा प्राप्त हुई शिकायतें
सोशल मीडिया पर आने वाली शिकायतों को लेकर अफसरों का संजीदा होना और एक्शन लेना, पब्लिक को बड़ी राहत का पैगाम लेकर आया है। यह मातहतों की कारस्तानी सामने लाने वाला टूल भी बनकर उभरा है। लॉकडाउन के दौरान करीब डेढ़ महीने में चार सौ से अधिक शिकायतें पुलिस अधिकारियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्राप्त हुई हैं। इसमें से तमाम का निस्तारण भी किया गया है।
22 अप्रैल से बढ़ गयी शिकायतें
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने पुलिस अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारियों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर मिलने वाली शिकायतों की पड़ताल की। सामने आया कि सबसे ज्यादा शिकायतें पुलिस अधिकारी के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर 22 अप्रैल से आनी शुरू हुई। इसके पीछे एक वजह लॉकडाउन व कोरोना का पीक टाइम रहा। करीब डेढ महीने के अंतराल में कुल 477 शिकायतें प्राप्त हुई। इनमें से 40 प्रतिशत शिकायत मेडिकल सुविधाओं में कमी से जुड़ी हुई थीं। ऑक्सीजन का ब्लैक में मिलना, एंबुलेंसवालों की मनमानी, घाट पर मनमाना पैसा वसूलना, प्रिंट रेट से ज्यादा पर दवाईयों की बिक्री। 60 प्रतिशत शिकायतों में से तीस प्रतिशत घरेलू झगड़े पर स्थानीय पुलिस द्वारा एक्शन व कार्रवाई न करना। इसके अलावा अन्य शिकायत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करना और चोरी संबंधित था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में जांच के बाद कार्रवाई का निर्देश दिया गया था। जिसमें कई मामलों में जांच के बाद दोषी मिलने पर कार्रवाई भी की गई। कई दुकानों के ट्विटर पर शिकायत मिलने पर स्थानीय पुलिस द्वारा चालान किया गया।
उदाहरण केस 01
जरूरतमंद को पहुंचाया भोजन
22 मई को प्रयागराज पुलिस के ट्विटर पर एक व्यक्ति द्वारा ट्वीट किया गया कि एक परिवार कई दिनों से भूखा है। इस पर डीआईजी/एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने सिविल लाइन इंस्पेक्टर को मौके पर जाकर मदद करने का आदेश दिया। इंस्पेक्टर ने मौके पर जाकर देखा तो मामला सही निकला। उन्होंने जरूरतमंद को अनाज व खाने-पीने की सामग्री दी।
उदाहरण केस 02
दुकानदार पर हुई कार्रवाई
धूमनगंज में देर रात तक दुकान खोल कर भीड़ लगाकर सामान देने का वीडियो ट्वीट होने पर पुलिस एक्टिव हो गई। धूमनगंज इंस्पेक्टर अनुपम शर्मा को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया गया। पुलिस ने वीडियो में दिख रही जगह की पड़ताल की तो घटना सही निकली। जिसके बाद उसका चालान कर चेतावनी दी गई। अधिकारियों द्वारा ट्विटर हैंडल पर कार्रवाई के बाद अवगत भी कराया गया।
उदाहरण केस 3
प्रिंट रेट से अधिक बिक्री पर रोक
कोतवाली एरिया में रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा प्रिंट रेट से अधिक पर दवाई बेचने की शिकायत की गई। पुलिस की जांच में पाया गया कि कोविड की कुछ दवाइयां प्रिंट रेट से अधिक पर बेची जा रही है। दुकानदार द्वारा बताया कि आगे से उनको मॉल महंगा मिला है। पर्चा तक दिखाया। लेकिन पुलिस द्वारा आगे प्रिंट रेट से अधिक पर बेचने पर चेतावनी दी गई। जिसके बाद प्रिंट रेट से अधिक पर बिकने पर रोक लगा।
उदाहरण केस 04
एंबुलेंस चालकों पर कसा शिकंजा
दस से अधिक लोगों ने एंबुलेंस द्वारा मनमाना रेट वसूलने व श्मशान घाट पर लकडि़यों का कई गुना रेट की शिकायत ट्विटर पर की गई। जिसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने साथ बैठ मीटिंग की। जिसके बाद एंबुलेंस के रेट के साथ ही लकडि़यों का रेट तक निर्धारित किया गया। एसी एंबुलेंस का दो हजार और बिना एसी 15 सौ रुपये निर्धारित किया गया। जबकि लकडि़यों के लिए पांच हजार रेट निर्धारित किया गया।
उदाहरण केस 05
जारी कर दी गई हेल्पलाइन
कई ऐसे भी लोग थे। जो पुलिस को ट्वीट कर कोविड अस्पताल में बेड खाली होने की संख्या तक पूछते थे। सिटी के रहने गोविंद लाल ने पुलिस को टवीट् कर बताया था कि कोविड मरीज के परिजनों से हर काम के लिए सौ दो सौ रुपये लिया जा रहा है। मजबूरी में लोग उनको पैसा दे रहे हैं। इसके बाद पुलिस व प्रशासन द्वारा हेल्प लाइन नंबर और शिकायत नंबर जारी किया गया।
477
शिकायतें प्राप्त हुई 22 अप्रैल से 30 मई के बीच
319
शिकायतें सिर्फ ट्विटर पर हुई प्राप्त
111
शिकायतें पुलिस के फेसबुक पेज व साइटपर हुई प्राप्त
47
शिकायतें फोटो व टेक्स्ट मैसेज के जरिये इंस्टाग्राम से मिली
282
शिकायतें सिर्फ मेडिकल संबंधित थी
38
शिकायतें सही पाये जाने पर दर्ज हुई एफआईआर
73
शिकायतें कोविड गाइड लाइन का पालन न करने पर दुकानों का हुआ चालान
60
से अधिक शिकायत को मौके पर जाकर किया गया शॉट आउट
13
शिकायतें चोरी संबंधित हुई प्राप्त
सोशल मीडिया पर मिलने वाली ज्यादातर शिकायतों पर जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया। कुछ मामलों में सही मिलने पर एफआईआर तक दर्ज हुई है। कोई भी शिकायत पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर आती है तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई होगी।
सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी
डीआईजी/एसएसपी प्रयागराज