प्रयागराज ब्यूरो । पर्दे के पीछे से माफिया अतीक की मदद करने वाले गुर्गों को ट्रेस कर पाने में कमिश्नरेट की पुलिस का दम भले फूल रहा हो, पर कौशाम्बी में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। भगोड़े इनामी अब्दुल कवि की ससुराल कटैया में दोआबा की पुलिस द्वारा छापेमारी की गई। इस रेंडम रेट के दौरान पुलिस के जरिए अवैध लाइसेंसी असलहों का जखीरा बरामद किया गया है। बरामद किए गए गन के लाइसेंस दूसरों के नाम हैं जोकि माफिया अतीक के गुर्गे व मदद अब्दुल कवि की ससुराल कटैया में छिपाकर रखे गए थे। दूसरों के लाइसेंसी असलहे कवि की ससुराल में क्यों छिपाए गए थे अब कौशाम्बी पुलिस इस बात का पता लगाने में जुट गई है। इस कार्रवाई में दोआबा की पुलिस के द्वारा पांच अभियुक्त भी गिरफ्तार किए गए हैं।
पांच लोग भी किए गए हैं गिरफ्तार
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में कौशाम्बी पुलिस के द्वारा कवि के ससुर मो। आवेश निवासी कटैया और उसका जीजा मो। इरफान पुत्र रियासत अली निवासी बेरुई थाना सरायअकिल कौशाम्बी व कवि की बहन शमसुल निशा पत्नी लियाकत निवासी बेरुई थाना सरायअकिल कौशाम्बी का नाम शामिल है। उसकी दूसरी बहन तबस्सुम पत्नी अब्दुल मन्नान निवासी कटैया थाना सरायअकिल और दूसरा जीजा लियाकत अली पुत्र रियासत अली निवासी बेरुई थाना सरायअकिल कौशाम्बी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कौशाम्बी पुलिस के मुताबिक बरामद किए गए दो डबल बैरल व तीन राइफल, चार तमंचा और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस का दावा है कि बरामद लाइसेंस गन के लाइसेंस दूसरों के नाम हैं, जिसे गिरफ्तार अभियुक्तों के संरक्षण में छिपा कर रखा गया था। इसके एक दिन पूर्व शुक्रवार को भी पुलिस के द्वारा अब्दुल कवि के घर में दबिश देकर अवैध लाइसेंसी गन बरामद किए गए थे। माना जा रहा है कि यह असलहे दूसरों के नाम पर खरीद कर माफिया के गुर्गे खुद इस्तेमाल कर रहे थे, या फिर सभी लाइसेंसी असलहे चोरी अथवा छिनैती के हैं। अब कौशाम्बी पुलिस इस बात की पुष्टि के लिए गहन पूछताछ में जुट गई है।
पर्दे के पीछे भी हैं अतीक के कई मददगार
कौशाम्बी में हुई ताबड़तोड़ छापेमारी से पुलिस को मिली सफलता के बाद अब अतीक के साइलेंट गुर्गों व मददगारों को लेकर जिले में चर्चा तेज हो गई है। चर्चाओं पर गौर करें तो यदि कमिश्नरेट की पुलिस पता लगाकर जिले में पर्दे की पीछे से अतीक की मदद करने वाले गुर्गों के घर छापेमारी करे तो यहां भी बड़े पैमाने पर अवैध हथियार बरामद हो सकते हैं। कहा जा रहा कि शहर के धूमनगंज, कैंट व बेली और करेली एवं चकिया तथा अटाला सहित नैनी इलाके में माफिया अतीक के कई ऐसे मददगार हैं जो पर्दे के पीछे से उसकी हेल्प किया करते हैं। यदि ऐसे लोगों को ट्रेस करके कमिश्नरेट पुलिस कार्रवाई और छापेमारी करे तो कई चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आ सकती हैं। खैर लोगों की इन चर्चाओं में कितनी सच्चाई है फिलहाल यह बहुत विश्वास के साथ कह पाना मुश्किल है।