प्रयागराज (ब्यूरो)। बुधवार को आयोग की वेबसाइट के अंग्रेजी आप्शन में अकबर प्रयागराजी की जगह अकबर इलाहाबादी लिखा गय तो शहर की जनता समेत साहित्यकारों ने राहत की सांस ली है। बता दें कि वेबसाइट के अबाउट अस विंडा में अबाउट इलाहाबाद वाले लिंक में यह गड़बड़ी की गई थी। इसकी जानकारी मिलने के बाद बुधवार को आयोग की ओर से छानबीन की जाती रही और तीन लोगों को चिंहित किया गया है। आयोग की ओर से बताया गया कि वेबसाइट हैक करके गलत जानकारी डाली गई है। वेबसाइट का काम देखने वाली संस्था यूपी टेस्को के अधिकारियों से गड़बड़ी के लिए जवाब मांगा गया है।

यहां भी है सुधार की जरूरत

-यूपीएचईएससी की वेबसाइट पर सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत व महादेवी वर्मा का जन्म स्थान प्रयागराज बताया जा रहा है। यह गलत जानकारी है। जबकि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर, महादेवी वर्मा का फर्रुखाबाद और सुमित्रानंदन पंत का जन्म उत्तराखंड के कौसानी में हुआ है।

-वेबसाइट पर प्रयागराज से वर्ष 1900 में प्रकाशित हिंदी साहित्य की मासिक पत्रिका सरस्वती का जिक्र है। बताया गया है कि 1903-1920 तक हिंदी साहित्य के बहुत से दिग्गज इसके संपादकों की सूची में शामिल हैं, जबकि उस कालखंड में सरस्वती के संपादक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी थे।

-प्रयागराज में तीन मानद विश्वविद्यालय होने की बात लिखी गई है, जबकि यहां दो मानद विश्वविद्यालय हैं।

-इलाहाबाद उच्च न्यायालय को प्रयागराज उच्च न्यायालय लिखा है।

आयोग के अध्यक्ष मामले की पूरी जानकारी ले रहे हैं। एक जनवरी को आयोग खुलेगा तो तीनों दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया जाएगा।

डॉ। शिवजी मालवीय, उप सचिव, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग प्रयागराज