- दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की ओर से आयोजित वेबिनार में पर्यावरण संरक्षण पर दिया गया जोर
शहर को हरा-भरा बनाने के लिए संस्थाओं के योगदान पर चर्चा की गई
शहरीकरण ने जहां इतनी उन्नति की, वहीं पर्यावरण के लिए उतनी भयंकर परिस्थतियां भी पैदा की है। हमारे पास आधुनिक जीवन और आरामदायक साधन है लेकिन अच्छा पर्यावरण नहीं है, जिससे हम निश्िचत होकर सांस ले सके। शहर में आबादी ज्यादा होने के कारण भवनों, मार्ग और पुल को बनाने के लिए स्थान नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण वनों की कटाई की जा रही है। शहर को हरा-भरा कैसे बनाया जाए और इस तरह की समस्या का कैसे सामना किया जाए इस बाबत दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की ओर से वेबिनार आयोजित किया गया। वेबिनार में पर्यावरण के लिए काम कर रही संस्था, वन विभाग, पर्यावरणविद, इलाहाबाद विवि के जीयोग्राफी विभाग के प्रोफेसर समेत कई बुद्धिजीवी जुड़कर एक-दूसरे के सवालों के जवाब दिए और चर्चा की।
जागरूक होने की जरूरत
वेबिनार में चार्टर प्रेसीडेंट लायंस क्लब प्रयागराज वसुधा मैथिली सिंह ने कहा कि संस्था शहर को हरा -भरा बनाने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बताया कि क्लब की ओर से शहर के विभिन्न जगहों पर चालीस हजार से अधिक पौधे लगाए हैं। शहर में स्वच्छ वातावरण हो इसके लिए सभी को आगे आने की जरूरत है। कहा कि संस्था के साथ आम लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वे बड़ी संख्या में अपने घरों के साथ आसपास इलाकों में पौधे लगाएं। संस्था स्कूल-कालेजों में अभियान चलाकर बच्चों को इसके लिए जागरूक कर रही है। जागरूकता से ही बेहतर पर्यावरण मिल सकता है। उन्होंने बताया कि वन विभाग उन्हें इसके लिए समय-समय पर सहयोग भी करता रहता है। पर्यावरण दिवस पर करीब तीन हजार से अधिक पौधे उन्हें दिए गए। जिसे अलग-अलग जगहों पर लगाया गया है।
घर-आंगन में लगाएं पौधे
पर्यावरणविद और पेशे से शिक्षक श्वेता सिंह ने कहा कि लोग अपने घरों और आंगन में पौधरोपण करें। बताया कि वे शहर समेत ग्रामीण इलाकों के स्कूल में जाकर बच्चों को इसके लिए जागरूक भी करती हैं। स्कूल में अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाए जाएं इसके लिए वे प्रधानाचार्य से मिलकर इसके लिए प्रेरणा देती हैं। कहा कि ग्रामीण इलाकों में पौधरोपण के लिए वहां के प्रधान का सहयोग मिल जाए तो इसमें बड़ी कामयाबी मिल सकती है।
जनपद में 62 लाख से अधिक लगाए गए पौधे
वेबिनार में सवालों का जवाब देते हुए उप्र प्रभागीय वनाधिकारी प्रयागराज रामानुज त्रिपाठी ने बताया कि जनपद में 62 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। राष्ट्रीय वन नीति के तहत आबादी के करीब एक तिहाई भाग पेड़-पौधों से आच्छादित होना चाहिए। जनपद में 6.8 प्रतिशत के करीब वृक्षारोपण किया जा चुका है। बताया कि कुंभ मेले में विस्तार के दौरान काटे गए पेड़ों की तुलना में दस गुना अधिक पेड़ लगाए गए हैं। आठों तहसीलों में अभियान चलाकर पौधरोपण पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए समाज के लोगों को भी सहयोग करना होगा। कहा कि जनता अपने आसपास इलाकों में लगाए गए पौधों की देखभाल करें। उन्हें नष्ट होने से बचाएं। बताया कि इस साल 93 हजार से अधिक पौधे प्लांटेशन के लिए तैयार हैे।
इलाहाबाद विवि के जियोग्राफी डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो एआर सिद्दकी ने पौधरोपण के तरीकों और उनकेरखरखाव न किए जाने पर चिंता जताई। कहा कि आज पर्यावरण की अस्थिरता के चलते विषम परिस्थितियां पैदा हुई है। कम दिनों में अधिक बारिश जबकि ज्यादा दिनों में कम बारिश इसके दुष्परिणाम हैं। बताया कि जनपद में आबादी के घनत्व के हिसाब से 2.36 ही वन आच्छादित है। अगर समय रहते चेता नहीं गया तो इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि लगातार ग्रीनरी का ग्राफ जिले में कम होता जा रहा है जो चिंता का विषय है।