प्रयागराज (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर की प्रिंसिपल सुष्मिता कानूनगो ने बताया कि सभी बच्चों के अभिभावकों को इस संबंध में मैसेज किया गया है। वह अपने बच्चे की पुस्तकें स्कूल के बुक बैंक में जमा कर दें। अगर उन्हें अपने बच्चे के लिए पुस्तक की जरूरत है तो उनके बच्चें को भी बुक बैंक ये किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। उनका कहना है कि अभिभावकों पर पुस्तक खरीदने का अतिरिक्त बोझ न पड़े। इसके लिए विद्यालय ने बुक बैंक के नाम से एक पहल शुरु की है। अभिभावक और बच्चे इसमें काफी सहयोग कर रहे है। जिससे पुस्तक खरीदने में असमर्थ अभिभावकों को काफी सहूलियत मिल रही है।
बच्चों में मदद की भावना को आगे बढ़ाने के लिए चलाई मुहिम
मम्फोर्डगंज स्थित सेंट जोसेफ गल्र्स कॉलेज के फादर मनोज डिसूजा ने बताया कि उनके स्कूल में बुक बैंक की मुहिम चल रही है। इससे बच्चों में एक दूसरे की मदद की भावना जागृत होती है। सभी बच्चों को इसके लिए प्रेरित किया जाता है कि वह अपनी पुरानी पुस्तकें जमा कर दें। ताकि उनके पुस्तके आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को दी जा सकें। ताकि वह भी पढ़ाई कर सकें। इससे उनके अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ नहीं बढ़ेगा। पुस्तक जमा करने वाला बच्चा भी अगर अपनी नई कक्षा के लिए पुस्तक लेना चाहता है तो उसे भी पुस्तकें प्रदान की जाती है।
खुद से आगे आते हैं बच्चे और अभिभावक
रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडेय पे बताया कि उनके विद्यालय में भी बुक बैंक की व्यवस्था है। वह भी नई कक्षा में जाने वाले बच्चों को अधिक से अधिक पुस्तकें बुक बैंक में जमा करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस बुक बैंक की मुहिम से हर बच्चे की मदद हो जाती है। यह पूरी तरह से अभिभावकों और बच्चों की स्वेच्छा पर है। इसके लिए उनपर कोई दबाव नहीं बनाया जाता है।
दुकानदार वसूल रहे हैं मोटी रकम
सिटी के बड़े प्राइवेट स्कूलों की पुस्तकें कुछ एक या दो दुकानों पर ही उपलब्ध रहती हैं। प्रवेश के समय ही स्कूल में अभिभावक को दुकान का विजिटिंग कार्ड दिया जाता है कि इसी दुकान पर जाकर आपको कॉपी किताबें लेनी है। यहां तक कि स्कूल ड्रेस के लिए भी चुनिंदा दुकानों पर ही भेजा जाता है। किताब की दुकान पर तो प्रिंट रेट पर किताबें दी जाती हैं। ऐसे में बुक बैंक से इस बार अभिभावकों को कुछ राहत मिल रही है। अभिभावकों ने दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट न्यूजपेपर के जरिए अन्य स्कूलों के प्रिंसिपल व मैनेजमेंट इंचार्ज से रिक्वेस्ट किया है। यह अनूठी पहल हर स्कूलों में होना चाहिए। ताकि असमर्थ अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा दे सकें।