- ठंड ने फिर मारा जोर, तेज शीतलहर के बीच पड़ीं फुहारें
- लगातार दूसरे दिन भी नहीं निकली धूप
- शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात के प्रभाव से बदल रहा है मौसम
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- ठंड ने फिर मारा जोर, तेज शीतलहर के बीच पड़ीं फुहारें
- लगातार दूसरे दिन भी नहीं निकली धूप
- शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात के प्रभाव से बदल रहा है मौसम
ALLAHABAD : allahabad@inext.co.in
ALLAHABAD : मौसम ने एक बार फिर इलाहाबादियों को झटका देना शुरू कर दिया है। पिछले दो वीक में दो बार ऐसा हो चुका है जब तेज गलन और घने बादलों ने लोगों का जीना दुश्वार किया है। लगातार मौसम में हो रहे ऐसे बदलाव से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हॉस्पिटल्स में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है तो शाम होते ही शहर की सड़कों पर सन्नाटा छाने लगा है। रही सही कसर बूंदा-बांदी और तेज शीतलहर ने पूरी कर दी है।
नहीं हुए धूप के दर्शन
सैटरडे को लगातार दूसरे दिन धूप के दर्शन नहीं हुए। सुबह से ही आसमान पर घने बादल छाए रहे। हल्की धुंध और तेज ठंडी हवाओं ने हड्डियों को कंपकंपा दिया। शहर के अलग-अलग हिस्सों में रह रहकर हल्की बूंदा-बांदी भी हुई। बार-बार मौसम में हो रहे इस तरह के बदलाव से लोग परेशान हो रहे हैं। बता दें कि थर्सडे को दोपहर एक बजे तक तेज धूप निकली हुई थी और इसके बाद अचानक मौसम ने पलटी मार दी। उसी दिन रात में तेज बारिश हुई थी और यह सिलसिला फ्राइडे को भी जारी रहा। वहीं सैटरडे को भी गलन में इजाफा ही हुआ है।
घर से निकलने की नहीं हुई हिम्मत
बढ़ी हुई ठंड के चलते लोगों को घर से निकलने में दिक्कत हो रही है। जिन लोगों ने तीन दिन पहले निकली तेज धूप के चलते गर्म कपड़े रख दिए थे उनको दोबारा इनका सहारा लेना पड़ रहा है। मॉर्निग में स्कूल जाने वाले बच्चों को भी खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। सैटरडे को शाम होते ही सड़कों पर सन्नाटा छाने लगा था। ऑफिस से निकलने के बाद लोग सीधे घरों में कैद हो गए।
लगातार झटके दे रहा है चक्रवात
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मौसम में यह बदलाव शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात की वजह से हो रहा है। आंध्र महासागर से पैदा होने वाला यह चक्रवात इंडिया में नार्थ-वेस्ट से इंटर होता है और फिर पहाड़ों पर बर्फबारी के अलावा मैदानी इलाकों में अपना असर दिखाता है। इस बार यह दोबारा आया है। इसी की वजह से बारिश, बदरी, शीतलहर और गलन में इजाफा हो रहा है। जानकारों की मानें तो इस बार यह ज्यादा ताकतवर चक्रवात है और यह अभी दो-तीन दिन और शहर के लोगों को परेशान कर सकता है। रह-रहकर बारिश भी हो सकती है।
बढ़ गए मरीज
मौसम में बदलाव के चलते सबसे ज्यादा सर्दी-जुकाम और सांस के मरीजों को परेशानी हो रही है। खासतौर से जिनको अस्थमा या सीओपीडी की शिकायत है उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है। डॉक्टर्स ने उनको सावधानी बरतने की हिदायत दी है। इसी तरह फीवर और सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या मे भी खासी बढ़ोतरी देखने केा मिली है। हॉस्पिटल्स में ओपीडी में पिछले दो दिनों से बढ़ी भीड़ इसका जीता-जागता एग्जाम्पल है। मौसम ऐसे ही खराब रहा तो मरीजों की संख्या में अधिक इजाफा भी हो सकता है।
मौसम में यू टर्न शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात की वजह से आया है। इस बार सर्दी में लगातार दूसरी बार यह चक्रवात दाखिल हुआ है और अगले दो से तीन दिन इसका प्रभाव रह सकता है।
प्रो। बीएन मिश्रा, ज्योग्राफी डिपार्टमेंट, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों को इस मौसम में होशियार रहना होगा। हो सके तो दिन ढलने के बाद घर से बाहर मत निकलें। गलन और तेज ठंडी हवाओं के चलते ऐसे मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
डॉ। आशुतोष कुमार गुप्ता, टीबी एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट
बॉडी को गर्म कपड़ों से ढंककर रखें। ठंड की चपेट में आने से फीवर और सर्दी जुकाम की प्रॉब्लम हो सकती है। बॉडी में पेन और कमजोरी के लक्षण लगने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉ। ओपी त्रिपाठी, सीनियर फिजीशियन