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जवान चेस्ट पेन के पहुंचते हैं रोज

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जोड़ों में दर्द के पहुंच रहे मरीज

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जवान करा रहे बीपी का इलाज

हाड़ कंपाने वाली ठंड से बदन के जोड़ों में भी बढ़ रहा है पेन

बावजूद इसके थानों पर नहीं हैं ठंड से बचने के लिए अलाव के कोई इंतजाम

प्रयागराज- हाड़ कंपाने वाली ठंड के बीच खुले में दिन रात सुरक्षा ड्यूटी कर रहे जवान खतरे में हैं। गलन भरी यह ठंड जवानों के दिल ही नहीं जोड़ों को भी दर्द दे रही है। सर्दी, जुकाम और खासी व लूज मोशन और खुजली जैसी बीमारियां जो घेर रही वह अलग। इस बात की पुष्टि पुलिस लाइंस चिकित्सालय के डॉक्टर करते हैं। बावजूद इसके ठंड से बचाव के इंतजाम थानों पर नाकाफी हैं। यहां अलाव तक की व्यवस्था नहीं है कि ड्यूटी से लौट कर जवान आग ताप कर थोड़ी राहत फील कर सकें। ऐसी स्थिति में थाने पर नाइट ड्यूटी करने वाले जवानों को भी ठंड खूब सता रही है।

ठंड के इफेक्ट से इंफेक्ट हो रही पुलिस

डॉक्टर कहते हैं कि आम तौर पर माना जाता है कि 36.1 से 37.2 डिग्री सेल्सियस का तापमान शरीर के लिए सामान्य है। पारा इससे नीचे आने पर शरीर में कई तरह से प्रभाव डालते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि इस समय पड़ रही ठंड शरीर के लिए नुकसान देय है। वह भी रात के वक्त तो खतरा और भी बढ़ जाता है। ठंड की वजह जवानों में यूआरटी यानी अपर रेस्प्रेक्ट्री इंस्पेक्शन हो रहा है। चिकित्सक की माने तो इधर कुछ दिनों में दो तीर प्रकार के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। इनमें जो जवान इलाज के लिए आ रहे हैं उनमें ड्यूटी से लौटने के बाद चेस्ट पेन। जोड़ों में दर्द के साथ बीपी की भी समस्याएं उन्हें देखने को मिल रही हैं। इस बस की वजह डॉक्टर ठंप बता रहे हैं। एक सवाल के जवाब में चिकित्सक द्वारा बताया गया कि ठंड चेस्ट पेन जरूरी नहीं कि हार्ट समस्या ही हो। ज्यादा ठंड के कारण भी ऐसा होता है। अब तक जितने के सामने आए हैं उनमें चेस्ट पेन की वजह ठंड ही रही। नजरंदाज करने पर दिक्कत जरूर बढ़ सकती है।

समस्या का कारण और सावधानी

डॉक्टर की मानें तो ठंड की वजह से मसल्स में खिंचाव उत्पन्न हो जाता है

मसल्स में खिंचाव के चलते दबाव नशों पर पड़ता है और रक्त संचार बाधित होता है

यही वे वजह है जिससे जोड़ों व सीने में दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है

ठंड में यह समस्या 40 या इससे अधिक उम्र वालों में ज्यादा देखने को मिलती है

इससे बचने के लिए जवानों को चाहिए कि वे बॉडी को ड्यूटी में वार्म करते रहें

एक जगह काफी देर तक न खड़े रहकर चलते रहें और हल्के व्यायाम करते रहें

नाक से ठंडी हवा सीधे फेफड़े तक पहुंचती है इस लिए मुह नाक भी बांधे रहे

फिर भी तकलीफ महसूस होती है तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें

डिग्री सेल्सियस में हफ्ते भर का टेंप्रेचर

डेट अधिकतम मिनिमम

23 जनवरी 21.0 8.0

24 जनवरी 21.0 11.0

25 जनवरी 22.0 11.0

26 जनवरी 14.1 9.0

27 जनवरी 18.0 11.0

28 जनवरी 17.0 07.0

29 जनवरी 18.0 4.9

30 जनवरी 17.5 5.5

इन दिनों ठंड की वजह से कई तरह की बीमारियों से पीडि़त जवान आ रहे हैं। ज्यादातर वे हैं जो नाइट ड्यूटी करके लौटते हैं। किसी चेस्ट और जोड़ों में दर्द के साथ बीपी सहित अन्य तरह की समस्याएं उनमें दिख रही हैं। ऐसा ठंड के इफेक्ट से हो रहा है।

डॉ। माधुरी श्रीवास्तव, चिकित्सालय पुलिस लाइंस