प्रयागराज (ब्यूरो)।
पीएमएसएसवाई सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक दो साल पहले तैयार हुआ है। इसे 150 करोड़ की लागत से बनाया गया है। इसमें केवल बिल्डिंग की कीमत 60 करोड़ रुपए है। जिसे एचसीसी एजेंसी ने बनाया है। पूर्व में डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने इस बिल्डिंग की जांच की थी और कई खामियां बताई थीं। इन कमियों के चलते बिल्डिंग को एजेंसी ने मेडिकल कॉलेज को अभी तक नही सौंपा है। कॉलेज के प्रिंसिपल ने भी इस मामले में शासन को पत्र भेजकर अवगत कराया है। अभी इन कमियों को दूर करने की बात चल रही थी कि शनिवार को गिरी फाल सीलिंग की वजह से नया बखेड़ा खड़ा हो गया।
रोजाना लगती है मरीजों की भीड़
जिस जगह पर फाल सीलिंग गिरी है उसी वेटिंग हाल में रोजाना बड़ी संख्या में मरीज बैठे रहते हैं। यहां सिटी स्कैन, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड किया जाता है। भगवान की शुक्र था कि सुबह सात बजे जब यह हादसा हुआ तब मरीज मौजूद नही थे वरना जान और माल की क्षति हो सकती थी। इस घटना के बाद वेटिंग हाल की छत की जांच की गई और फिर पब्लिक को दूर बैठाया गया। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार से ही फाल सीलिंग गिरने का सिलसिला जारी था, जिसे नजर अंदाज कर दिया गया। सुपर स्पेशियलिटी बिल्डिंग के सीएमएस डॉ। मोहित जैन ने बताया कि इस बिल्डिंग में कई हायर डिपार्टमेंट संचालित हो रहे हैं और वहां मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है। हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है।
कोरोना काल में हजारों का हुआ इलाज
पीएमएसएसवाई की इस बिल्डिंग में 220 बेड का कोरोना वार्ड भी बनाया गया था। जिसमें हजारों कोरोना मरीजों का इलाज किया गया था। बताया गया कि कोरोना काल में इस बिल्डिंग में केवल मरीज और डॉक्टर रहते थे। ऐसे में मेंटनेेंस का काम नही हो सका है। यही कारण है कि ऐसे हादसे हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि बिल्डिंग में मेंटनेंस की जबरदस्त जरूरत है। साथ ही ब्लॉक की कमियों को भी दूर करने की जरूरत है। क्योंकि आने वाले समय में यहां कई नई इलाज की हायर फैसिलिटी शुरू होने जा रही हैं।
पूर्व में मैंने भी लेटर भेजा है। शासन को बिल्डिंग की कमियों के बारे में बताया गया है। इस घटना में किसी को जान या माल का नुकसान नहीं हुआ है। मामले की जांच कराई जा रही है। जांच कमेटी में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर को शामिल किया गया है।
प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज