कोरोना संक्रमण को देखते हुए एहतियातन उठाया गया कदम

दामाद-ए-रसूल हजरत अली की यौमे शहादत पर मुस्लिम बहुल्य इलाक़ो में मंगलवार को माहौल संजीदा व दिल गमजदा रहा। दरियाबाद, करेली, रानीमण्डी व बख्शी बाजार से शहादत हजरत अली पर निकाला जाने वाला कोई भी जुलूस इस बार कोविड संक्रमण के कारण नहीं निकला गया। दरियाबाद इमामबाड़ा मोजिजनुमा, इमामबाड़ा अरब अली खा, रानीमण्डी के इमामबाड़ा आजम हुसैन व बख्शी बाजार मस्जिद काजी साहब से इस वर्ष कोई भी जुलूस नहीं निकाला गया। इमामबाड़ों, मस्जिदों व घरों मे ऑनलाईन या कम संख्या में लोगों की उपस्थिति में मजलिसें आयोजित कर नम आखों से हजरत अली की शहादत का जिक्र किया। मस्जिद काजी साहब बख्शी बाजार में नमाज ए फजिर के बाद मौलाना रजा अब्बास जैदी ने मसायब ए हजरत अली का जिक्र किया।

मोमबत्ती की रौशनी में गुलाब व चमेली से सजा ताबूत

हजरत अली की शहादत के मौके पर मस्जिद की लाइटों को बन्द कर मोमबत्ती की रौशनी में गुलाब और चमेली के फूलों से सजा ताबूत मौला मुशकिल कुशा बरामद किया गया। मस्जिद के अन्दुरुनी हिस्से में मातमदारों ने या अली मौला हैदर मौला की सदा बुलन्द की। उम्मुल बनीन सोसाइटी के महासचिव सै.मो। अस्करी के अनुसार मस्जिद के एक हिस्से में ताबूत को नमाज-ए-जौहर तक रखा गया। माहे रमजान की 21वीं को मस्जिद काजी साहब से उठने वाले जुलूस के आयोजक मिर्जा अजादार हुसैन के साथ तमाम नौजवान पांच- पांच लोगों को ताबूत की जियारत को मास्क लगाने के बाद ही मस्जिद में प्रवेश दिया गया। इस दौरान कोरेाना गाइड लाइन का पूरा पालन कराया गया। बड़ी संख्या मे महिलाओं ने भी ताबूत की जियारत कर मनन्ते व मुरादें मांगने के साथ पिछले साल मांगी मन्नतों को बढ़ाने और अक़ीदत का इजहार करने को पहुंची। दायरा शाह अजमल के क़दीमी इमामबाड़ा नवाब अब्बान साहब में महिलाओं की मजलिस को मुलतवी कर पुरुषों की मजलिस हुई। मौलाना हुसैन नक़वी ने मजलिस को सम्बोधित किया। शहंशाह हुसैन सोनवी ने गमगीन मíसया पढ़ी। शबीह अब्बास जाफरी व ऐजाज नक़वी ने नौहा पढ़ा। कोविड 19 और लॉकडाऊन के कारण कोई भी एक मुहल्ले से दुसरे मोहल्ले नहीं जा सका। जो जिस इलाक़े का था वहीं मजलिसो मे शिरकत की।

कोरोना के खात्मे की मांगी दुआं

हजरत अली मुशकिल कुशा की शहादत पर हसनी हुसैनी फाउण्डेशन के सद्र वजीर खान की ओर से सब्जी मण्डी स्थित इमामबाड़ा गढ़ी सराय में नज्रो निया कराते हुए कोरोना महामारी के खात्मे को दुआ की गई। सै.मो। अस्करी, काशान सिद्दीक़ी, सै। आसिफ हुसैन, शानू हाशमी, आसिफ अन्सारी, ताहिर उमर आदि ने शिरकत की।