सीबीएसई ने स्किल डवलपमेंट प्रोग्राम को लेकर जारी किया निर्देश
बच्चों को न्यू एजूकेशन पॉलिसी के अन्तर्गत इस सेशन में किया जाएगा तैयार
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PRAYAGRAJ: परम्परागत पढ़ाई के साथ ही अब स्टूडेंट्स ऐप डिजाइन करने से लेकर आने वाले समय के हिसाब से कोडिंग व डाटा साइंस जैसे सब्जेक्ट में भी एक्सपर्ट होंगे। इसके लिए सीबीएसई ने कवायद भी तेज कर दी है। नई एजूकेशन पॉलिसी 2020 में बच्चों के अंदर स्किल डवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए इस पर नए सेशन में फोकस करना शुरु कर दिया है। सीबीएसई की ओर से स्किल डवलपमेंट को लेकर नए सेशन 2021-22 में इसे सब्जेक्ट के रूप में इंट्रोड्यूज किया है। जिससे नए सेशन के साथ ही बच्चों के अंदर स्किल डवलपमेंट सब्जेक्ट को लेकर इंट्रेस्ट बढ़ाया जा सके। इसके लिए सीबीएसई ने सभी स्कूलों को निर्देश भी जारी किया है। जिसमें बच्चों को स्किल डवलेप प्रोग्राम के लिए तैयार किया जा सके। इसके साथ ही सीबीएसई इन प्रोग्राम की डिटेल भी स्कूलों के साथ शेयर की है।
जूनियर व सीनियर कैटेगरी में इंट्रोड्यूज
सीबीएसई की ओर से स्किल डेवलप को लेकर इंट्रोड्यूज किए गए सब्जेक्ट में जूनियर व सीनियर कैटेगरी के स्टूडेंट्स के लिए अलग-अलग सब्जेक्ट शामिल किए है। इसमें क्लास 6 से 8वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए सीबीएसई की ओर से कोडिंग को स्किल मॉड्यूल में शामिल किया है। कोडिंग मॉड्यूल में स्टूडेंट्स के अंदर किसी भी प्रॉब्लम को सॉल्व करने की क्षमता विकसित करना, जीवन में क्रिटिकल कंडीशन के दौरान सही निर्णय लेने के साथ ही समस्या को सॉल्व करने की क्षमता बढ़ाने पर फोकस दिया जाएगा। साथ ही कोडिंग को किसी भी क्षेत्र में किस प्रकार यूज किया जा सकता है। ये स्किल डवलेप करना है। फैकेल्टी और स्टूडेंट्स इसके लिए माइक्रोसाफ्ट की मदद से हैंडबुक तैयार करेंगे। स्टूडेंट्स उसे अपने प्रोजेक्ट वर्क में अप्लाई करेंगे। जिससे स्टूडेंट्स को कोडिंग का एथिक्स समझ आ सके।
सीनियर सेकेंड्री के लिए डाटा साइंस
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आज के दौरान बेहद महत्वपूर्ण भूमिका आ गया है। डाटा कलेक्ट करना और उसे एनालाइज करना बेहद महत्वपूर्ण हो चुका है और इस फील्ड में भविष्य में संभावनाएं भी अपार हैं। इस महत्व को समझते हुए सीबीएसई ने स्टूडेंट्स के लिए डाटा साइंस और टेक्नोलॉजी ने कोर्स के साथ एड करने का फैसला लिया है। इस विषय को सीबीएसई ने इसलिए शामिल किया है, जिससे स्टूडेंट्स डाटा साइंस की नींव को समझ सके। जिसमें डाटा का कैसे कलेक्ट करें, उसको एनालाइज करने और समस्या को खत्म करने के लिए उसको किस प्रकार यूज किया जा सकता है। इसकी बारीकियों को समझाने के लिए भी इसे सब्जेक्ट में रूप में शामिल किया गया है। ये प्रोग्राम सीनियर सेकेड्री यानी क्लास 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए शामिल किया गया है।
इन सब्जेक्ट में ऐसे डिसाइड होंगे मार्क्स
सीबीएसई की ओर से इन सब्जेक्ट की मार्किंग करने का तरीका भी समझाया गया है।
जिसमें 60 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा के आधार पर दिए जाएंगे।
40 प्रतिशत अंक बोर्ड की ओर से प्रैक्टिकल व प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर दिए जाएंगे।
न्यू एजूकेशन पॉलिसी में स्किल डेवलप करने पर सबसे अधिक फोकस किया गया है। इसीलिए सीबीएसई ने एजुकेशनल सेशन 2021-22 से इन सब्जेक्ट को कोर्स का पार्ट बनाने का फैसला लिया है।
डा। बिस्वजीत साह
डायरेक्टर, स्किल एजूकेशन एंड ट्रेनिंग