प्रयागराज (ब्यूरो)। सड़क हादसों में कमी लाने के लिए लंबे समय से चल रही इस कवायद पर तत्काल अमल करने की ओर काम चल रहा है। रोडवेज बसों के लिए 'कॉलिजन अवाइडेंस सिस्टमÓ किसी सुरक्षा कवच से कम नहीं साबित होगी। यह डिवाइस लंबी दूरी की बसों में लगाया जाएगा। जिसको लेकर चिह्नित करने का काम भी हो रहा है। फस्र्ट फेज में चार सौ से अधिक लंबी दूरी वाले एसी व नॉन एसी छह सौ से अधिक बसों में कॉलिजन अवाइडेंस सिस्टम लगाया जाएगा। प्रयोग सफल होने के बाद रोडवेज की सभी बसों में धीरे-धीरे इस डिवाइस को लगाया जाएगा। इसे लगाने के लिए बकायदा टेंडर किया जाएगा।
कुछ इस तरह काम करेगी डिवाइस
इस डिवाइस की खूबी यह होगी कि जैसे ही सामने से कोई आब्जेक्ट अथवा वाहन इसकी जद में आने वाला है। यह बस की स्पीड को जज करेगा। परखेगा कि इतनी गति पर जब बस में ब्रेक लगाई जाएगी तो वह आब्जेक्ट से कितनी दूरी पर रुकेगा। जैसे ही वाहन हादसे की दूरी पर आएगा। अंतराल तय होते ही चालक को सचेत करने के लिए पहले बीपबीप की आवाज (सायरन) आएगी जो धीरे-धीरे और तेज होती जाएगी। चालक ने तत्काल सतर्कता नहीं बरती तो चंद पलों के बाद बस में स्पीड पर ब्रेक लगना शुरू हो जाएगा और टकराने से पहले की बस रुक जाएगी। यह डिवाइस ब्रेक से जुड़ी रहेगी।
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आठ फरवरी को शासन में बैठक हुई थी। इस बैठक में एमडी ने बसों में एंटी कॉलिजन डिवाइस लगाने के लिए फैसला लिया गया है। इस डिवाइस के लग जाने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
टीकेएस बिसेन
आरएम प्रयागराज