आरटीओ ने अभी तक जारी नहीं किया वैध एजेंसियों का नाम
शहर में तीन हजार से अधिक टैंपो, ऑटो-टैक्सी की बदलनी है किट
ALLAHABAD: शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सीएनजी वाहन चलवाने की शासन-प्रशासन की मुहिम को झटका लग सकता है। तीन हजार से अधिक ऑटो, टैंपो-टैक्सी में छह माह के भीतर किट बदलनी है और अभी तक आरटीए की ओर से अधिकृत एजेंसियों का नाम जारी नहीं किया गया है। ऐसे में सस्ती और नकली सीएनजी किट लगाने वाले सक्रिय हो गए हैं। ऐसा हुआ तो वाहन मालिक और प्रशासन दोनों को इस अभियान में नुकसान हो सकता है।
3400 वाहनों का बचा है परमिट
शहर में संचालित हो रही पांच हजार ऑटो, टैंपो-टैक्सी में से 1600 वाहनों का परमिट खत्म हो चुका है। इनकी जगह वाहन मालिकों को सीएनजी वाहन खरीदने होंगे। बाकी बचे 3400 वाहनों के परमिट की वैधता अभी बची हुई है, जिनमें सीएनजी किट लगवाई जानी है। पिछले दिनों हुई आरटीए की बैठक में कमिश्नर ने आरटीओ को एजेंसियों का निर्धारण करने के आदेश दिए थे, जिनका पालन अभी तक नही हुआ है। ऐसे में छह माह की मियाद घोषित होने के बाद वाहन मालिक असमंजस में आ चुके हैं।
सस्ती है नकली किट
बाजार में नकली और सस्ती सीएनजी किट लगाने का काम महज चालीस हजार रुपए में होता है। जबकि, ऑटोमोबाइल कंपनियां अस्सी हजार रुपए में ओरिजिनल किट लगवाती हैं। जिनमें पार्ट भी बेहतर लगाए जाते हैं। यह किट लांग लाइफ चलती हैं और सस्ती किट का लाइफ छह माह से अधिक नही होती है। कानपुर और लखनऊ में पूर्व ऐसे वाकए सामने आ चुके हैं, जिनमें सस्ती किट लगवाने के बाद वाहन मालिकों और स्थानीय प्रशासन को खासी दिक्कत हुई थी। बाद में वाहन मालिकों को अधिकृत एजेंसियों से किट लगवाकर डेढ़ गुने पैसे खर्च करने पड़े थे।
प्रशासन के सामने रखी परेशानी
उधर, टैंपो-टैक्सी यूनियन ने शनिवार को प्रशासन को पत्र लिखकर सीएनजी किट से जुड़ी अपनी परेशानी भी सामने रखी है। उनका कहना है कि शहर में कम से कम दस सीएनजी पंप संचालित होने चाहिए। अभी तीन पंप हैं और इनमें फ्यूल लेने में जाम की स्थिति पैदा हो सकती है। वाहन मालिकों ने प्रशासन से किट बदलवाने के लिए बैंकों से ऋण दिलवाए जाने की वकालत भी की है। कहा है कि आरटीओ जल्द से जल्द किट चेंज कराने के लिए अधिकृत एजेंसियों की घोषणा करें, जिससे तय समय सीमा में सीएनजी मुहिम को पूरा किया जा सके। पदाधिकारियों का कहना है कि परमिट के मुताबिक वाहन शहर के केंद्र से चालीस किमी की परिधि में चलाया जा सकता है। इलाहाबाद की परिधि दस किमी के आसपास है। सैकड़ों वाहन ग्रामीण इलाकों में भी सवारी ढो रहे हैं, ऐसे में आउटर में भी सीएनजी पंप खुलवाए जाने चाहिए।
कानपुर और लखनऊ आदि शहरों में सीएनजी किट चेंज कराने में कई वाहन मालिकों का नुकसान हुआ है। आरटीओ अधिकृत एजेंसियों का नाम घोषित करना चाहिए, जिससे वाहन मालिक असली सीएनजी किट लगवा सकें।
रमाकांत रावत,
महामंत्री, इलाहाबाद टैंपो-टैक्सी यूनियन
किट चेंज करने वाली कंपनियों को परमिशन दी जानी है। अभी तक किसी ने अप्लाई नही किया है। आवेदन आने के बाद उनको वाहनों में सीएनजी किट लगाने के लिए अधिकृत किया जाएगा। प्रक्रिया जारी है।
सगीर अहमद अंसारी,
आरटीओ, इलाहाबाद