शहर के तमाम एरिया में अतिक्रमण का कारण बन रहे हैं अस्पताल और क्लीनिक

राहगीरों को निकलने में होती है परेशानी, सुबह से शाम तक लगा रहता है वाहनों का रेला

जिले में चार सौ से अधिक अस्पताल व नर्सिग होम हैं और एक हजार के आसपास क्लीनिक। इनमें से सिर्फ 30 फीसदी ही हैं जिनके पास अपनी पार्किंग है। बाकी प्रतिष्ठानों की पार्किंग सरकारी सड़कों और गलियों के भरोसे चल रही हैं। इसकी वजह से सुबह से शाम तक अतिक्रमण का आलम बना रहता है। वहां से गुजरने वाले राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हाई कोर्ट ऐसे सभी प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दे चुका है। प्रशासनिक अफसर भी कोर्ट के आदेश के बाद पार्किंग प्लेस का इस्तेमाल पार्किंग के लिए ही करने का आदेश दे चुके हैं। इसके बाद भी पीडीए सुस्त पड़ा है।

गलियों में भी चल रहा नर्सिग होम

गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अपने अभियान के तहत झलवा और धूमनगंज एरिया का जायजा लिया। पता चला कि गलियों तक के भीतर अस्पताल और क्लीनिक के बोर्ड लगे हैं। इनकी बिल्डिंग्स चेक करने पर पता चला कि बेसमेंट अथवा ग्राउंड फ्लोर का इस्तेमाल या तो मरीजों को देखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है या फिर यहां पेशेंट्स के लिए वार्ड बना दिये गये हैं।

अस्पताल के सामने पार्क मिली गाडि़यां

देवप्रयागम झलवा स्थित पूनम हॉस्पिटल के सामने वाली सड़क पर ही तमाम बाइकें खड़ी दिख गयीं। पड़ताल करने पर पता चला कि यह उन लोगों की हैं जिनके यहां का कोई या तो यहां भर्ती है या फिर किसी को दिखाने के लिए लेकर आए हैं। हालांकि, इस रोड पर ट्रैफिक न के बराबर था। हालात बता रहे थे कि एक चार पहिया वाहन सड़क पर मूव करना चाहे तो हालात मुश्किल हो जाएंगे। यहां पार्किंग का बोर्ड भी लगा हुआ मिला। पूछने पर बताया गया कि पार्किंग है लेकिन कहां है इसका स्पष्ट जवाब नही मिला। अस्पताल की तरफ से बताया गया कि लोग जान बूझकर सड़क पर वाहन खड़ा करते हैं। इसकी जिम्मेदारी अस्पताल कैसे ले सकता है। अतिक्रमण के चलते आसपास रहने वालों को भी परेशानी होती है।

मरीज भर्ती करते नहीं तो पार्किंग की जरूरत ही नहीं

कालिंदीपुरम एरिया में स्थित निरोग धाम के आसपास इक्का-दुक्का ही वाहन मिले। वैसे यहां दिखाने के लिए आने वालों के लिए अस्पताल प्रिमाइस में वाहन पार्क करने की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां आने वाले विजिटर्स और मरीजों के वाहन सड़क पर खड़े होते हैं। मौके पर कुछ वाहन खड़े भी मिले। पूछताछ में यहां के मैनेजर ने बताया कि हमारे यहां मरीज भर्ती नहीं किए जाते हैं इसलिए पार्किंग की आवश्यकता नहीं है। यह पूछने पर की आने वालों के वाहनों को खड़ा करने के लिए कोई स्थान है क्या? उन्होंने इससे इंकार कर दिया।

सड़क पर हम कैसे रोक सकते हैं

प्रीतमनगर एरिया में स्थित डॉ। पीयूष की क्लीनिक पर रिपोर्टर पहुंचा तो पता चला कि यहां कार्डियक के पेशेंट आते हैं। सुबह शाम क्लीनिक पर मरीजों की भीड़ होती है। इस दौरान सड़क पर जाम लग जाता है। सामने और बगल की रोड पर दर्जनों वाहन खड़े होते हैं। कुछ लोग तो सड़क किनारे पड़ी कुर्सियों पर बैठे रहते हैं।

हमारे पास क्लीनिक है और अधिकतम छह गाडि़यों के खड़ी करने की जगह है। पार्किंग की व्यवस्था नही है। सरकार को पेरी फेरी में भी सर्विस लेन बनाना चाहिए।

डॉ। पीयूष दीक्षित

हार्ट स्पेशलिस्ट, प्रीतम नगर

पार्किंग की जगह हमने दे रखी है। लोग नहीं मानते तो क्या किया जाए। लोग हॉस्पिटल के सामने ही गाड़ी खड़ी करते हैं।

रित्विक सिंह

मैनेजर, पूनम हॉस्पिटल झलवा

जिन हॉस्पिटल या क्लीनिक के पास पार्किंग नहीं है उनका नक्शा चेक किया जाएगा। अगर नक्शा पास है तो फिर पार्किंग का प्रावधान होना चाहिए। इसे चेक कराकर जल्द ही कार्रवाई शुरू कराई जाएगी।

अरविंद सिंह, वीसी, पीडीए