प्रयागराज (ब्यूरो)। स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 के तहत शहर की सफाई की परीक्षा इस बार 7500 अंक की होगी, जबकि पिछले सर्वेक्षण में यह 6000 अंक की थी। शहरों की सफाई के आंकलन करने के लिए कई नए मापदंड जोड़े गए हैं। जनता से फेस-टू-फेस फीडबैक के लिए केंद्र सरकार की टीम फरवरी में आ जाएगी। जानकारी के मुताबिक इस बार सर्वेक्षण में सीनियर सिटीजन और युवाओं से अधिक फीडबैक लिया जाएगा। कोरोना वेस्ट मैनेजमेंट के साथ ही धार्मिक व सामाजिक आयोजन से निकल रहे कूड़े के निस्तारण की क्या व्यवस्था है, इसके भी अंक तय किए गए हैं।
सर्विस लेवल प्रोग्रेस के 3000 अंक
पिछले साल स्वच्छ सर्वेक्षण में सर्विस लेवल प्रोग्रेस के 2000 अंक निर्धारित किए थे।
इस मर्तबा 3000 किया गया है। सर्विस लेवल प्रोग्रेस में प्लास्टिक व पालिथिन पर प्रतिबंध, गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग उठने की व्यवस्था, कूड़े का निस्तारण और सीवरेज की सफाई आदि शामिल है।
शहर में सफाई का काम मैनुअल है या मशीनी। इसे भी परखा जाना है।
इसमें कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा के मानदंड भी सर्वेक्षण में तय किए जाएंगे।
अगर सफाई मित्रों को कोरोना वैक्सीन नही लगी है तो अंक कट भी सकते हैं।
सिटीजन वायस के 2250 अंक
सिटीजन वायस के 2250 अंक निर्धारित किए हैं।
इसमें यह परखा जाएगा, कि शहर को साफ-सुथरा रखने में किस तरह निगम काम कर रहा।
इसके अलावा शहरवासियों से यह सवाल पूछे जाएंगे।
जिनमें घरों से रोजाना कूड़ा उठता है या नहीं?
क्या आप गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग कर डालते हैं?
क्या आप जानते हैं कि आप नजदीकी टायलेट को गूगल पर सर्च कर सकते हैं?
क्या अपने सैनिटेशन संबंधी शिकायत करने के लिए स्वच्छ एप या सिटी बेस्ड कोई एप अपने मोबाइल में डाउनलोड किया है?
सर्टिफिकेशन के लिए 2250 अंक
2250 अंक सर्टिफिकेशन के निर्धारित किए हैं।
जबकि पिछले साल 1800 अंक निर्धारित थे। यह देखा जाएगा कि शहर पूरी तरह से शौच मुक्त है या नही।
बता दें कि इसमें सेवन स्टार सिटी के 1250 अंक, फाइव स्टार सिटी के 1000 अंक, थ्री स्टार सिटी के 800 अंक, वन स्टार सिटी के 500 अंक, ओडीएफ प्लस सर्टिफिकेट के 400, ओडीएफ प्लस प्लस सर्टिफिकेट के 800 अंक, और वाटर प्लस सर्टिफिकेट के 1000 अंक निर्धारित किए गए हैं।
किस तरह नीचे आया प्रयागराज
2020 में देश के 5000 शहरों में कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रयागराज को 20वां स्थान मिला था। तब इसे 4141.47 अंक मिले थे। 2019 में इसको 144वां स्थान मिला था। वहीं 2020 में प्रदेश में प्रयागराज को चौथा स्थान मिला था।
2019 के इसी सर्वेक्षण में प्रयागराज 144 में नंबर पर था। जबकि 2018 में इस सर्वेक्षण में प्रयागराज 232वें नंबर पर था। वहीं, 2016 में पूरे देश में 22वीं रैंक मिली थी। तब प्रयागराज को टॉप मूवर्स अवार्ड भी मिला था।
इन चैलेंजेस से निपटना होगा
शहर के 40 वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन चल रहा है। जबकि बाकी 40 वार्ड में अभी नई एजेंसी ने काम नही शुरू किया है।
शहर के कई एरिया में लोग गार्बेज कलेक्शन का चार्ज देने से बचते हैं। ऐसे में कूड़ा कलेक्शन गाड़ी को कूड़ा न देकर सड़क पर फेक देते हैं।
पिछले सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि आलाधिकारी केबिन से निकलने से बचत हैं। शहर में कूड़ा निस्तारण की प्रॉपर मानीटरिंग नही की गई।
कूड़ा निस्तारण में कमियां मिली थीं। सड़कों और कलेक्शन सेंटर्स पर कूड़ा कई दिनों तक पड़ा मिला।
लोगों के फीड बैक बेहतर नही रहे। उन्होंने केंद्र सरकार की टीम के पास शिकायत दर्ज कराई।
सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति अच्छी नही है। इनमें साफ सफाई की जिम्मेदारी एजेंसी ठीक से काम नही कर रही।
नगर आयुक्त ने बनाई टीम
जानकारी के मुताबिक स्वच्छ सर्वेक्षण को देखते हुए नगर आयुक्त ने टीम का गठन किया गया है। यह टीम उन सभी बिंदुओं पर कार्य कर रही है जिन पर स्वच्छ सर्वेक्षण केदौरान अंक दिए जाते हैं। इसके लिए कूड़ा कलेक्शन और निस्तारण की मानीटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर हमारी तैयारी शुरू हो गई है। 15 दिन के भीतर नई एजेंसी बाकी बचे 40 वार्ड में डोर टू डोर कलेक्शन शुरू कर देगी। हमारी पबिलक से अपील है कि वह अपनी ओर से शहर को स्वच्छ रखने में सहायता करे। सर्वेक्षण टीम रैंडम चेंकिंग करेगी। तैयारियों के लिए नगर आयुक्त ने भी टीम बना दी है।
उत्तम कुमार वर्मा
पर्यावरण अभियंता, नगर निगम प्रयागराज