प्रयागराज (ब्‍यूरो)। राम कृष्ण फाउंडेशन द्वारा स्वारायन म्यूजिक फेस्टिवल के तीसरे संस्करण का आयोजन प्रयाग संगीत समिति के मेहता सभागार में किया गया। शुभारंभ चीफ गेस्ट डीआईजी सीआईएसएफ डॉ सरोज कांत मल्लिक, प्रयाग संगीत समिति के सचिव अरुण कुमार, नगर के प्रतिष्ठित उद्यमी डीके अग्रवाल, धु्रपद गायक विनोद कुमार द्विवेदी एवं संस्था के पदाधिकारियों द्वारा माँ सरस्स्वती एवं पं। राम कृष्ण की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित करके हुआ।

लय यात्रा से शुरुआत
प्रथम प्रस्तुति नगर के प्रतिष्ठित तबला वादक एवं गुरु पंडित अनूप बनर्जी द्वारा अपने शिष्यों एवं साथी संगतकारों के साथ वाद्य वृन्द का उत्कृष्ट प्रदर्शन था, उन्होंने अपनी इस प्रस्तुति को 'लय यात्राÓ का नाम दिया, जिसका प्रारम्भ गणपति वंदना से हुआ। तत्पश्चात तीनताल में विभिन्न क्रमबद्ध लयकारियों का प्रदर्शन किया, इन्होंने अपनी प्रस्तुति का समापन फरमाइशी चक्करदार एवं एक वृहद् नौहकका चक्करदार से किया। जिसे श्रोताओं ने अत्यंत प्रशंसनीय रूप से सराहा। लय यात्रा के प्रतिभागी कलाकार थे गायन पर पं रेवती रमन चतुर्वेदी तथा प्रियंका शर्मा, नृत्य पर कुमारी वैशाली नाथ एवं बागेश्वरी शर्मा, तबले पर मास्टर स्वर रमन चतुर्वेदी, मास्टर वरुण टंडन, मास्टर ऋषिकेश विश्वास, अजय बनर्जी, अखिलेश चंद्र गौतम, वासुदेव पांडे, शैलज्ञ सिंन्हा, अनुराग मालवीय, कुव रिचा मिश्रा एवं निलांजन मुखर्जी, पखावज पर पुष्कर बनर्जी तथा बांसुरी पर विजय कुमार त्रिपाठी।

तिगुलबंदी ने झुमाया
दूसरी प्रस्तुति नगर के युवा कलाकारों द्वारा वाद्य-गायन तिगुलबंदी जिसमे गायन पर शास्त्रीय गायिका डॉ चित्रा चैरसिया, बांसुरी पर प्रवर टंडन, सैक्सोफोन पर प्रियंक कृष्ण थे। कलाकारों ने राग यमन में आलाप के बाद मध्य लय गत अद्धा तीन ताल और द्रुत गत तीन ताल में प्रस्तुति दी। जिसमें क्रमानुसार राग की बढ़त, मधुरता के साथ राग, स्वर विस्तार, आलंकारिक ताने, गमक की प्रस्तुति के साथ-साथ द्रुत गत में सपाट तान, झाला में आपसी सवाल जवाब की जुगलबंदी को श्रोताओं ने काफी सराहा। इन्होंने अपनी प्रस्तुति का समापन प्रसिद्द ठुमरी याद पिया की आये से किया। इनके साथ तबले पर डॉ विनोद कुमार मिश्रा ने उम्दा संगत की। अंतिम प्रस्तुति थी देश की विख्यात ध्रुपद गायक विनोद कुमार द्विवेदी एवं उनके सुपुत्र आयुष द्विवेदी का ध्रुपद गायन। इन्होंने प्रस्तुति का प्रारंभ राग केदार से किया। चार खण्ड की अलापचारी, एक अप्रचलित ताल गज छम्पा पन्द्रह मात्रा में, मॉ दुर्गा जी को लेकर रचना, सुरताल में जै-जै हनुमान, मदन मोहन का प्रदर्शन किया। इन्होंने अपनी प्रस्तुति का खुबसूरत समापन राग किरवानी से सुरताल में वृन्दावन बिहारी, माधव मदन मुरारी की प्रस्तुति से किया। इनके साथ पखावज पर बनारस के युवा वादक श्री वैभव रामदास ने कुशल संगत की।

विनोद द्विवेदी सम्मानित
प्रोग्राम में पं। विनोद कुमार द्विवेदी को इस वर्ष के 'पं। राम कृष्ण स्मृतिÓ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही शहर के वरिष्ठ संगीतज्ञ कन्हैया लाल और समाजसेवी डॉ आरएस आनंद को संस्था द्वारा अंगवस्त्र और माला पहना कर सम्मानित किया गया। गणमान्य अतिथियों में डॉ सरोज कांत मल्लिक (डीआईजी-सीआईएसएफ (एसएसजी), डीके अग्रवाल, अरुण कुमार, संस्था के अध्यक्ष नीरज अग्रवाल एवं कोषाध्यक्षा सुमन लता, वरिष्ठ समाजसेवी मोतीलाल बौद्ध, शास्त्रीय गायक ऋषि मिश्रा आदि मौजूद थे। संचालन नवीन सिन्हा एवं वत्सला मिश्रा ने किया। धन्यवाद् ज्ञापन संस्था के सचिव प्रियंक कृष्ण ने किया।