प्रयागराज ब्यूरो । शहर को सजाने और संवारने की जितनी कोशिश हो रही है, बारिश में समस्याएं भी उतनी ही बढ़ती जा रही हैं। शनिवार को झमाझम बारिश क्या हुई, सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं। रोड पर पानी भर जाने से लगे जाम में फंसे यात्री परेशान रहे। चौराहों पर सिग्नल के नियम यात्री पानी में बहा दिए। इस मुसीबत की बारिश में दुखद घटना प्रयागराज रेलवे स्टेशन परिसर में हुई। टीनशेड के बार्डर पर नाली नुमा लगाई गई लोहे की चद्दर गिर गई। चपेट में आने से नीचे खड़े साइकिल रिक्शा चालक 50 वर्षीय गुरुदीन ने दम तोड़ दिया। खबर मिलते ही रेलवे स्टेशन के अफसरों में अफरातफरी मच गई। शाहगंज पुलिस के द्वारा बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया। इस तरह स्मार्ट सिटी का तमगा हासिल कर चुका यह शहर, बारिश में पानी-पानी हो गया। निरीक्षण करने निकले नगर आयुक्त ने शहर के हालात को देखकर नाराजगी जताई।
तालाब बन गईं यह सड़कें
दो दिनों तक बारिश रुक-रुक कर हो रही थी। तीसरे दिन शनिवार किस्तों में झमाझम बारिश हुई। दोपहर बाद लगातार हुई करीब दो घंटे बरसात लोगों के लिए मुसीबत बन गई। बारिश का पानी निरंजन पुल के नीचे पानी इतना भर गया कि यात्रियों की आधी बाइक डूब गई। अलोपीबाग ब्रिज के नीचे, शाहगंज साइड प्रयागराज रेलवे स्टेशन के सामने, संगम पेट्रोल पम्प चौराहा, सीएमपी डॉट पुल, बैरहना चौराहे से रामबाग रोड, अलोपी देवी मंदिर के पास एफसीआई गोदाम परिसर, ओलोपीबाग मटिया रोड व पंजाबी कॉलोनी पूरापड़ाई, खुशरोबाग से खुल्दाबाद सब्जी मण्डी रोड सहित दर्जनों इलाकों की सड़कें बारिश के पानी से तालाब में तब्दील रहीं। मजबूरन लोगों को इस पानी से होकर जान हथेली पर रखकर सफर तय करना पड़ा। बारिश की रफ्तार को देखते हुए बाइक सवार ही नहीं कार चालक भी ट्रैफिक रूल्स तोड़कर भागते रहे।
बारिश से बचने में चली गई जान
बादलों की कड़कड़ाहट और तेज बारिश से बचने के लिए साइकिल रिक्शा गुरदीन प्रयागराज रेलवे स्टेशन परिसर में बने टीन सेड के पास पहुंच गया। वहां बगल में वे रिक्शा खड़ाकर के उसकी छतरी के नीचे दुबक कर बैठ गया। बारिश का पानी निकलने के लिए रेलवे टीन से बनी नाली टीनशेड के बार्डर पर लगा था। लोहे की टीन से बनी वजनी नाली नीचे रिक्शा पर बैठे चालक गुरदीन के ऊपर गिर पड़ा। इससे रिक्शा के परचखच्चे उड़ गए और वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया। जब तक लोग पहुंचते उसकी मौत हो चुकी थी। शहागंज पुलिस के मुताबिक वह सराइनायत थाना क्षेत्र के हनुमानगंज बीकापुर गांव का निवासी था।
महाकुंभ में इनसे कैसे करेंगे उम्मीद?
आसमान से मुसीबत की बारिश क्या हुई ई-रिक्शा चालक इंसानियत के दुश्मन बन गए। बारिश में पैदल यात्रियों की मजबूरी देखते हुए वे दो से तीन गुना किराया वसूलने में जुट गए। अब ऐसे में इन ई-रिक्शा चालकों से महाकुंभ में प्रशासन आने वाले श्रद्धालुओं से वाजिब किराए की उम्मीद कैसे करेगा। पानी से लबालब चंद कदम सड़क को पार कराने के लिए ई-रिक्शा चालकों ने दस से बीस रुपये लिए। घंटाघर से सिविल लाइंस बस अड्डे तक का किराया 10 रुपये लिया जाता है। मगर बारिश में वे इतनी दूरी का किराया बीस से तीस रुपये तक लिए।