प्रयागराज (ब्यूरो)।एयरपोर्ट की तरह का लुक होगा। इंट्री करने पर वीआईपी लाउंज मिलेंगे। वेटिंग टाइम है तो न शापिंग के लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत होगा और न ही स्टे करने के लिए रूम खोजने कहीं बाहर जाना होगा। बस की स्टेटस जानने के लिए भी कहीं नहीं जाना होगा। जी हां, कुछ इसी अंदाज में अपग्रेड किये जाने का प्रस्ताव है शहर के भीतर स्थित बस अड्डों को। सिविल लाइंस बस डिपो के लिए तो टेंडर भी हो चुका है और एजेंसी काम भी शुरू कर चुकी है। जीरो रोड बस अड्डा पैसेंजर्स को बेहतर अनुभव कराएगा तो इस क्षेत्र के व्यापारियों और शापिंग के लिए आने वाले लोगों को भी बड़ी राहत मिलने जा रही है क्योंकि यहां मल्टी स्टोरी पार्किंग की सुविधा होगी।

कुंभ के चलते बदलाव की बयार
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के तट पर 2025 में महाकुंभ का आयोजन किया जायेगा। अद्र्धकुंभ के समय उमड़ी भारी भीड़ को देखते हुए सरकार आने वाले दिनों में होने वाले आयोजन को भी यादगार बनाने में जुटी है। इसी के तहत उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को कुम्भ नगरी तक लाने और उनकी वापसी की राह आसान करने के लिए वृहद् स्तर पर तैयारियां कर रहा है। इसमें नयी बसों के संचालन के साथ शहर के रोडवेज बस स्टैंड का कायाकल्प करना शामिल है। इसी संकल्प के चलते प्रयागराज के दो प्रमुख बस अड्डों को 149 करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा।
सिविल लाइंस के लिए 110 करोड़
यूपी रोडवेज के प्रयागराज के क्षेत्रीय प्रबंधक एमके त्रिवेदी के मुताबिक शहर के सिविल लाइन्स और जीरो रोड बस स्टेशन को पीपीपी मॉडल पर 149 करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा। सिविल लाइन्स में 18,000 वर्ग मीटर के दायरे में 110 करोड़ की लागत से बस स्टेशन का कायाकल्प होगा। इसके लिए ओमेक्स कंपनी को टेंडर मिला है और कम्पनी ने यहाँ पुनर्विकास का कार्य शुरू कर दिया है। इसी तरह शहर के जीरो रोड बस स्टेशन के 6265 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल को 39 करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। जीरो रोड बस स्टेशन में प्रयागराज विकास प्राधिकरण की तरफ से एक मल्टी लेवल पार्किंग भी बनाई जायेगी।
एयरपोर्ट की तर्ज पर मिलेंगी ये सुविधाएं
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पीपीपी पर इन बस स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
क्षेत्रीय प्रबंधक के बताते हैं कि यहाँ हवाई अड्डों की तरह ही वीआईपी लाउंज बनाये जायेंगे।
टिकट काउंटर भी नए लुक में होंगे। बस अड्डे के अन्दर ही शापिंग माल, शोरूम व दुकानें बनाई जायेंगी।
यहीं पर होटल और रेस्टोरेंट की व्यवस्था भी होगी। इसके अलावा यात्रियों को फ्र वाई फाई की सुविधा भी प्रदान की जायेगी।
बसों की आनलाइन लोकेशन देखने के लिए बड़ी स्क्रीन लगवाई जायेंगी।
बसों की उपलब्धता के लिए डिजिटल बोर्ड भी बनेगें।
बस अड्डों की निर्भरता बिजली पर कम करने के लिए यहाँ सौर ऊर्जा के सोलर पैनल सेटअप भी लगाए जायेंगे।

उतरेगा 3200 रोडवेज बसों का बेड़ा
प्रदेश के अलग अलग शहरों से यात्रियों को कुम्भ नगरी पहुचाने के लिए यूपी रोडवेज इस बार महाकुंभ में लगभग 3200 बसें चलेंगी। इनका संचालन चार सेटेलाइट बस अड्डों से किया जाएगा। इनके लिए शहर के बाहर ही अस्थायी बस अड्डों का निर्माण किया जाएगा। क्षेत्रीय प्रबंधक के अनुसार पिछले बार के 2019 के कुम्भ की तुलना में इस बार 400 से अधिक रोडवेज बसों को रोडवेज के बेड़े में शामिल किया जाएगा। परिवहन विभाग की कोशिश रहेगी कि हर 10 मिनट पर तीर्थ राज प्रयागराज से यात्रियों के लिए बस सेवा उपलब्ध हो।