प्रयागराज (ब्यूरो)। डायोसिस आफ लखनऊ (सीएनआई) के आल सैंट््स कैथेड्रल चर्च में बुधवार को चर्च आफ नार्थ इंडिया का 53 वां स्थापना दिवस मनाया गया। बिशप मोरिस एडगर दान मुख्य अतिथि रहे। चर्च की प्रभारी डा। विनीता इसूवियस ने प्रार्थना से कार्यक्रम का शुभारंभ कराया। पादरी जितेंद्र नाथ ने पुराने नियम से तथा डा। विनीता इसूबियस ने बाइबिल से यहुन्ना तक पाठ पढ़ा। ब्वायज हाईस्कूल, गल्र्स हाईस्कूल, इङ्क्षवग क्रिश्चियन पब्लिक स्कूल, जमुना क्रिश्चियन जूनियर हाई स्कूल के शिक्षकों ने येशु वंदन गीत प्रस्तुत किया।
बताया चर्च का इतिहास
डायोसिस आफ लखनऊ के कोषाध्यक्ष अरुण पॉल ने चर्च आफ नार्थ इंडिया का इतिहास बताया। बताया कि 29 नवंबर 1970 को छ: चर्चों का नागपुर में एक साथ विलय हुआ। कहाकि उत्तर भारत का चर्च प्रमुख संयुक्त संप्रदाय, 29 नवंबर 1970 को एंग्लिकन और प्रोटेस्टेंट चर्चों को एक साथ लाकर स्थापित एक संयुक्त संस्था है। यह उत्तरी भारत में कार्य कर रहा है। बिशप मोरिस एडगर दान ने कहाकि प्रेम भाईचारा और कड़ी मेहनत से चर्च आफ नॉर्थ इंडिया का विकास संभव है। इसका प्रतीक चिन्ह समुदाय, साक्षी और एकता सेवा को दर्शाता है। यह भी बताया कि इस ईश्वरीय ज्ञान को हम समाज के समक्ष रहकर प्रकाश फैलाने का कार्य करें तथा संस्था अपने उद्देश्य में निरंतर आगे बढ़ते हुए उद्देश्य प्राप्त करेगी। बिशप मोरिस एडगर दान ने केक काटकर भी खुशी मनाई। डायोसिस आफ लखनऊ की सभी कलीसिया, स्कूलों के प्रधानाचार्य, पादरी और पदाधिकारियों ने खुशी जताई। मसीही समाज के लोगों ने प्रभु भोज का प्रसाद ग्रहण किया।
वेबसाइट का किया विमोचन
स्थापना दिवस के अवसर पर बिशप मोरिस एडगर दान ने डायोसीस आफ लखनऊ की अधिकारिक वेबसाइट का विमोचन किया। बताया कि वेबसाइट जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं।