इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ था माफिया का आपराधिक सफर
इंग्लिश लिट्रेचर से पीजी कर रहा था खान मुबारक, पहली बार क्रिकेट ग्राउंड पर चलाई थी गोली
साथ के जरिए जुड़ा छोटा राजन से, बन गया अपराध जगत का बड़ा नाम
सिविल लाइन, कर्नलगंज व घूरपुर थाने में दर्ज हैं अपराधिक मामले
ALLAHABAD: 2006 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इंग्लिश लिटरेचर से पीजी करते वक्त खान मुबारक को कम ही लोग जानते थे वह भी उसके गरम मिजाज के चलते। इसी साल उसने अपराध जगत में कदम रखा था। भाई जफर सुपारी की पिस्टल से क्रिकेट मैच के अम्पायर को गोली मारकर। यहीं से उसका अपराध जगत में सफर शुरू हुआ और आतंक यूपी से लेकर मुंबई तक पहुंच गया। गुंडा टैक्स वसूली से लेकर इसके लिए हत्याएं कराने व अंडरवर्ल्ड माफिया छोटा राजन को शूटर्स उपलब्ध कराने वाला खान मुबारक माफिया बन गया। उत्तर प्रदेश के अपराधियों में उसका नाम सबसे ऊपर दर्ज हो गया।
दोनो भाई छोटा राजन के आदमी
खान मुबारक इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का छात्र था तभी उसका भाई जफर सुपारी छोटा राजन गैंग से जुड़ चुका था। एक मामले में फरार काटने के दौरान वह इलाहाबाद में आकर खान मुबारक के साथ रुका था। उसी दौरान एक क्रिकेट मैच के दौरान अम्पायर ने उसे आउट दे दिया। वह इस फैसले से सहमत नहीं था तो अम्पायर से उलझ गया। गुस्से में उसने भाई जफर का असलहा उठाया और अम्पायर को गोली मार दी। इसके बाद वह जेल गया तो कई अन्य अपराधियों से उसका संबंध बना और उसने पढ़ाई की दुनिया को अलविदा कहकर जरायम जगत को ही अपना पेश बना लिया। शुरुआती दिनो में वह इलाहाबाद में सक्रिय रहा लेकिन बाद में अपने होम टाउन अंबेडकरनगर को कर्म क्षेत्र बना लिया। अपराध जगत में नाम चमकने के बाद उसने रंगदारी वसूली का धंधा शुरू किया और फिर में फिरौती वसूलने से लेकर विवादित जमीनो पर कब्जा और फिर उसकी बिक्री से जुड़ गया। इलाहाबाद में उसके खिलाफ आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। इसमें गुंडा एक्ट से लेकर रासुका तक शामिल है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने उसे इलाहाबाद से ही पकड़ा लेकिन गिरफ्तारी लखनऊ से दिखाई गई।
भाई ने कराया था भाई से सम्पर्क
एसटीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक शहर में पहली हत्या करने के बाद जेल से छूटने पर भाई जफर ने खान मुबारक को माफिया डान छोटा राजन से मिलवाया था। इसके बाद वह छोटा राजन के लिए शूटर के तौर पर काम करने लगा। मुंबई में काम करने के दौरान उसने यूपी में भी अपना नेटवर्क मजबूत किया। रंगदारी के एक मामले में 2007 में जेल से छूटने पर खान मुबारक ने कर्नलगंज एरिया में पोस्ट आफिस में लूट की एक बड़ी वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया। वारदात के दौरान पुलिस फायरिंग उसके दो साथी मारे गए .इस मामले में मुबारक की गिरफ्तारी हुई। वह 2007 से 2012 के बीच नैनी केन्द्रीय कारागार समेत प्रदेश की कई जेलों में बंद रहा। जेल में बंद रहने के दौरान ही उसने भाई जफर सुपारी के इशारे पर अपने पुराने साथी व छोटा राजन गिरोह के शूटर ओसामा की राजेश यादव के माध्यम से पचास लाख रुपए सुपारी देकर हत्या कराई थी। 2012 में जेल से निकलते ही मुबारक ने रंगदारी न देने पर मालिक मालिक अईनुद्दीन की हत्या करा दी थी। इसके बाद उसे कई मामलों में जेल जाना पड़ा। 2016 में वह एक बार फिर आजाद हो गया।
खान मुबारक का आतंक
फिरौती और हत्या की सुपारी में खान मुबारक का नाम प्रदेश के अपराधियों में सबसे ऊपर
बड़ा भाई खान जफर उर्फ जफर सुपारी मुंबई के काला घोड़ा हत्याकांड का मुख्य आरोपी है
छोटा राजग गिरोह के लिए काम करते हैं दोनो भाई
इलाहाबाद में एटीएम लूटकांड में नामजद होने के बाद गायब हुआ
वर्तमान में उसने होम टाउन अंबेडकरनगर को बनाया कार्य क्षेत्र
फिरौती, रंगदारी के साथ जमीन के धंधे में इनवाल्व हो गया
छोटा राजन गैंग को शूटरों की आउट सोर्सिग
अंबेडकरनगर जनपद के रहने वाले माफिया खान मुबारक व जफर मुबारक और फैजाबाद का कुख्यात राजेश यादव यूपी में छोटा राजन के खास हैं। तीनों छोटा राजन के लिए मुंबई समेत दूसरे शहरों में धमकी देकर पैसा वसूलने, उनकी हत्या और जानलेवा हमले के लिए सुपारी लेकर अपराधियों की आउटसोर्सिग करते हैं। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक 2007 में खान मुबारक के डाकघर लूटकांड में जख्मी होने और पुलिस द्वारा जफर को पकड़े जाने के बाद वह जरायम की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ा। छोटा राजन के लिए मुंबई के काला घोड़ा शूट आउट, फरीद तनसा हत्याकांड अंजाम देने के बाद वह मुंबई पुलिस की नजर में चढ़ गया। जफर आर्थर रोड जेल में भी लंबे समय तक बंद रहा।
पूर्वाचल में फैला है नेटवर्क
मुंबई में रवि पुजारी, हेमंत पुजारी सहित कई अन्य माफियाओं द्वारा अपने सहयोगियों के साथ अलग होकर नया गैंग बना लेने के बाद छोटा राजन गैंग में शूटरों की संख्या न के बराबर रह गई थी। इसलिए उसने उत्तर प्रदेश के पूर्वाचल में अपना जाल तेजी से फैलाया। खान मुबारक और राजेश यादव की मदद से छोटा राजन ने नए अपराधियों और शूटर्स को अपनी गैंग में भर्ती किया। उन्हें मंथली स्टाइपेंड के साथ अन्य सुविधाएं दी जाती हैं।
खान पर मुकदमे
सिविल लाइन थाने में एक
कर्नलगंज थाने में चार
घूरपुर थाने में एक
(सभी मामले हत्या व हत्या के प्रयास, गुण्डा एक्ट, 7 सीएएल एक्ट जैसी संगीन धाराओं में दर्ज हैं। आज की तारीख में उस पर कुल 22 मामले प्रदेश भर में दर्ज हैं।
सिर पर बोतल रख लगाया था निशाना
एसटीएफ की गिरफ्त में आया कुख्यात अपराधी खान मुबारक डेढ़ साल पहले उस वक्त चर्चा में आया था जब उसने अंबेडरकनगर में रंगदारी न देने पर एक व्यापारी को अपने घर बुलाकर उसका वीडियो बनाया था। इस वीडियो में उसने व्यापारी के सिर पर बोतल रखकर उस पर पिस्टल से निशाना लगाया था। इस दौरान वह व्यापारी अपनी जान बख्शने के लिये उसके सामने गिड़गिड़ा रहा था। यह वीडियो बनाने के बाद खान मुबारक ने इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था। जो देखते ही देखते वायरल हो गया था।