प्रयागराज (ब्यूरो)। टीबी को खत्म करने के लिए एक बार फिर 30 सितम्बर तक टीबी के नये मरीजों को खोजने की जिम्मेदारी जिले में कार्यरत सीएचओ निभाएंग। अभियान के दौरान 8950 संभावित लोगों की स्क्रीनिंग करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जांच के बाद टीबी पॉजेटिव रिपोर्ट आने के बाद मरीजों का उपचार सरकारी केन्द्रों के माध्यम से निशुल्क किया जायेगा। टीबी जांच की सुविधा जिला स्तर के साथ ही सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध हैं। इसके लिए विभागीय स्तर से टीम का गठन कर दिया गया है। जो जांच कर रिपोर्ट देगी।
इन लक्षणों पर रहेगा फोकस
जिला कार्यक्रम समन्वयक सैमसन ने बताया कि जांच में दो सप्ताह से खांसी व बुखार का आना या वजन का कम होना और रात में पसीना आना जैसे लक्षण पाये जाते है, तो ऐसे में उनको संक्रामक की चपेट में आने की संभावना ज्यादा होती है। इन लक्षणों को नजरअंदाज न करे उनकी टीबी की जांच अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर अवश्य कराएं। समय समय पर चिकित्सकीय सलाह जरूर लेते रहे। पीपीएम समन्वयक धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि जिले में कुल 8950 संभावित मरीजों के बलगम की जांच सीएचओ की मदद से करवानी है। प्रशिक्षण में उन्हें बताया गया है कि आशा और एएनएम की मदद से मरीजों की स्क्रीनिंग करें और संभावित मरीज को बलगम जांच के लिए नजदीकी जांच केंद्र पर भेजे।
एमडीआर से बचना है जरूरी
बता दें कि टीबी के मरीजों में एमडीआर के लक्षण देखे जाने लगे हैं। यह सही नही है। एक्सपर्ट कहते हैं कि टीबी का इलाज पूरी तरह से नही होने पर मरीज के भीतर मल्टी ड्रग रजिस्टेंस उत्पन्न हो जाता है जिसकी वजह से उस पर दवा का असर नही होता है। ऐसी हालत में मरीज का इलाज कठिन हो जाता है। उसके लिए काफी हार्ड दवाएं चलानी पड़ती है। इस अभियान में मरीजों को इस बारे में भी जागरुक किया जाना है।सीएचओ को स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है। इस अभियान का उददेश्य प्रत्येक मरीज को सर्च कर उसका इलाज कराया जाना है। टीबी उन्मूलन अभियान के तहत यह कदम उठाया जा रहा है।
डॉ एके तिवारी, जिला क्षय रोग अधिकारी प्रयागराज